सैनिक को फंसाने का षडयंत्र, मंत्री के अंगरक्षक ने भी दर्ज कराई प्राथमिकी, FIR पर उठे सवाल
लगता है कि लांस नायक सुनील कुमार को मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी पर आरोप लगाना महंगा पड़ सकता है, क्योंकि मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के अंगरक्षक बालेश्वर प्रसाद मेहता ने कल रविवार को देर रात रामगढ़ थाना में लांस नायक सुनील कुमार चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी है। ज्ञातव्य है मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के अंगरक्षक द्वारा दर्ज कराई गयी प्राथमिकी, सैनिक सुनील कुमार द्वारा रामगढ़ थाना में ही दर्ज करायी गई प्राथमिकी के जवाब में दर्ज कराई गई है।
भाई, ऐसे भी नेता तो नेता होता है, और वह भी मंत्री। मंत्री गलत करें, उसके अंगरक्षक गलत करें और कोई उस पर आरोप लगा दें, ये कैसे हो सकता है? घोर आश्चर्य, वह व्यक्ति जिसने नेता पर आरोप लगाया, वह आरोप लगाने के बाद, आराम से घर में रहें, ये भी कैसे हो सकता है? इसलिए सभी लोग जानते थे कि देर या सबेर एक प्राथमिकी मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी की ओर से जरुर ही दर्ज कराई जायेगी, इसलिए उन्होंने अपने अंगरक्षक का सहारा लिया, और अंगरक्षक ने वहीं किया, जो मंत्री जी चाहते थे। बिहार और झारखण्ड में तो ये परिपाटी है, परंपरा है, तभी तो नेता जी, नेता जी है।
अब आइये, हम आपको बताते है कि लांस नायक सुनील कुमार ने अपने प्राथमिकी में क्या लिखा है? सुनील ने प्राथमिकी में लिखा है कि “मंत्री जी के पर्सनल स्कॉट का एक दारोगा निकलकर मेरे उपर हाथ चला दिया और मुझे गाली धौंस देने लगा, मैंने उसे अपने बारे में बताया कि मैं भारतीय थल सेना का सैनिक हूं और मेरी क्या गलती है? लेकिन उसने मेरी एक भी ना सुनी और वो मेरे साथ और मेरे परिवार के साथ अभद्र व्यवहार किया और मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी अपनी सफेद रंग की फोरच्यूनर गाड़ी में बैठकर सारा नजारा देखते रहे और उनका स्कॉट मेरे साथ मारपीट करते रहे।“
और अब लांस नायक सुनील कुमार की प्राथमिकी के जवाब में, मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के अंगरक्षक बालेश्वर प्रसाद मेहता ने क्या प्राथमिकी दर्ज कराया, जरा वह भी देखिये “शाम 6 बजे सुभाष चौक रामगढ़ से फुटबॉल ग्राउंड रामगढ़ तक वाहन संख्या जेएच01सीडी-8816, जिसके सभी खिड़कियों में ब्लैक फिल्म चढ़ी थी, के चालक श्री सुनील कुमार द्वारा माननीय मंत्री जी के वाहन के साथ-साथ सुरक्षा काफिले के सभी अन्य वाहनों को खतरनाक तरीके से जानबूझकर हमला करने की नियत से वाहन चलाते हुए बार-बार ओवर टेक किया जा रहा था। माननीय मंत्री जी के सुरक्षा काफिले को स्कॉट कर रहे स्थानीय पुलिस बल द्वारा उक्त वाहन चालक को पास देने का इशारा किया गया, बावजूद सुभाष चौक रामगढ़ से फुटबॉल ग्राउंड रामगढ़ तक ओवरटेक करने का सिलसिला जारी रहा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से जब उक्त वाहन को रोका गया, तब चालक श्री सुनील कुमार द्वारा आर्मी में होने का धौंस दिखाते हुए सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। साथ ही सख्त लहजे में देख लेने की धमकी भी श्री कुमार द्वारा दी गयी है। जब श्री कुमार को बार-बार समझाया जा रहा था तो वे और ही उलझते जा रहे थे, इसी क्रम में आभास हुआ कि खुद को आर्मी जवान बतानेवाला श्री कुमार शराब के नशे में है। गाड़ी में अन्य चार आदमी थे, जिनमें से सभी नशे के हालत में थे।”
अब कुछ सवाल, मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी और उनके महानतम अंगरक्षक से…
प्रश्न संख्या 1 – जब सैनिक सुनील कुमार बार-बार ओवरटेक कर रहा था और वह भी जानबूझकर हमला करने की नीयत से, (जैसा कि अंगरक्षक ने अपने प्राथमिकी में लिखा है) तो आपने उसी वक्त उसे गिरफ्तार कराने और पुलिस के हवाले करने की जहमत क्यों नही उठाई?
प्रश्न संख्या 2 – जब सैनिक शराब पीये था, और शराब पीकर गाड़ी चलाना एक प्रकार से जूर्म है, तब आपने उसी वक्त ट्रैफिक पुलिस के हवाले सुनील को क्यों नहीं किया? जबकि जिस समय की यह घटना है, जहां ये घटना घटित हुई है, जैसा कि आपने लिखा है, वहां तो ट्रैफिक पुलिस हमेशा मौजूद रहती है।
प्रश्न संख्या 3 – आपको सुनील कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का दिव्य ज्ञान कब प्रकट हुआ? जब सैनिक सुनील कुमार के साथ हुई घटित घटना समाचार के रुप में वायरल हुई तब।
प्रश्न संख्या 4 – आपने जैसा कि लिखा है, कि “मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के साथ जानबूझकर हमला करने की नीयत से” आप समझते है कि आपने क्या किया? इतनी बड़ी घटना आपने छुपा ली, आपने किसको इसकी सूचना दी, कब दी, क्या जनता इतनी मूर्ख है?
प्रश्न संख्या 5 – क्या उक्त सैनिक के पास हथियार भी था? क्योंकि आपने जान लेने की नीयत शब्द का प्रयोग किया है?
मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी के अंगरक्षक द्वारा कल दर्ज करायी गई प्राथमिकी साफ बताती है कि लांस नायक सुनील कुमार पर अब मंत्री और मंत्री के लोग अनावश्यक दबाव बना रहे हैं, उस पर मानसिक प्रताड़ना देने के सारे काम प्रारम्भ कर दिये गये है, जैसा कि हर नेता व मंत्री अपने बचाव के लिए कर रहा होता है। अब देखना है कि सैनिक सुनील कुमार, मंत्री और उसके अंगरक्षक के इस दुश्चक्र से कैसे मुक्त होता है? या उक्त सैनिक को न्याय मिल पाता है या नहीं? या सुनील भी उसी प्रकार से इन नेताओं व मंत्रियों का शिकार बनेगा, जैसा कि नजारा आजकल हमारे देश के विभिन्न शहरों में देखने को मिलता है।
कमाल है, एक ओर मुख्यमंत्री रघुवर दास का बयान सोशल साइट के माध्यम से आता है कि सीएम के काफिले के लिए, आम जनता का रास्ता न रोका जाय और इस मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी को देख लीजिये, इनका तो रास्ता भी नहीं रोका जाता, फिर भी इनके अंगरक्षक, इन्हीं के सामने एक सैनिक को उसके परिवार के बीच पिटाई कर डालते है, और मंत्री अपने सीट पर इस घटना को बैठकर देख रहे होते है। जरा देखिये चंद्रप्रकाश चौधरी, मंत्री जी, नेता जी, आप ही के लिए, आपके मुखिया सीएम रघुवर दास का स्टेटमेंट डाल रहा हूं। पढ़िये, देखिये और न पढ़ पाते हो, न देख पाते हो, तो दूसरें से देखकर पढ़वा लीजिये…