प्रभात खबर के अनुसार झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा नहीं, अनीश गुप्ता हैं
लो जी, प्रभात खबर का एक और कमाल देखिये। 15 अगस्त का प्रभात खबर उठाइये और सीधे पृष्ठ संख्या 11 पर पहुंचिये। पृष्ठ संख्या 11 लाइफ रांची की सिटी एक्टिविटी से संबंधित पृष्ठ है। इसके बॉटम का समाचार देखिये। जिसका हेडिंग है – ‘प्रेस क्लब में फोटो प्रदर्शनी, दिखी जीवंत कहानियां’। इस समाचार में अनीश गुप्ता को डीजीपी बताया गया है।
अनीश गुप्ता के लिए डीजीपी शब्द का प्रयोग एक बार होता तो समझ आता कि चलो गलती से छप गया, पर उनके लिए दो बार डीजीपी का प्रयोग हुआ, जबकि अनीश गुप्ता डीआईजी है। आश्चर्य इस बात की है कि कार्यक्रम रांची प्रेस क्लब और पत्रकारों से संबंधित है, जिस क्लब के अध्यक्ष स्वयं प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्र है।
ऐसे में उन्हीं से संबंधित समाचार में इतनी बड़ी गलतियां कैसे हो गई? जबकि लोग बताते है कि पूरे कार्यक्रम में संजय मिश्र भी मौजूद थे। जिस रिपोर्टर ने यह समाचार लिखी है, इसका मतलब है कि उसे तथ्य की पूरी जानकारी नहीं है। उसे पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही समाचार लिखना था। प्रभात खबर में इस प्रकार की गड़बड़ियां बार-बार देखने को मिल रही हैं, जो चिन्ताजनक है।
प्रभात खबर से जुड़े वरीय संपादकों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। ऐसे विद्रोही24 के पाठक जान लें, कि वर्तमान में झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ही हैं, अनीश गुप्ता अभी भी डीआईजी हैं।