आखिर सिविल सोसाइटी और चेंबर से जुड़े लोग नगर विकास मंत्री सीपी सिंह व CM रघुवर से इतने नाराज क्यों?
भाई, एक सवाल तो उठता है कि आखिर झारखण्ड सिविल सोसाइटी व चेंबर ऑफ कॉमर्स के लोगों को सीपी सिंह और राज्य के सीएम रघुवर दास का केवल नाम ले लेने पर ही गुस्सा क्यों आ जाता हैं? जबकि इनसे जुड़े लोगों का कभी पहला प्रेम ही भाजपा हुआ करता था, आम तौर पर सामान्य लोग इस बात को मानते व स्वीकार करते हैं, कि व्यवसायियों की पहली पसन्द भाजपा हुआ करती है, और चेंबर से जुड़े लोग कभी भाजपा को दिल से स्वीकार करते भी थे, पर आज वैसी बात नहीं हैं।
चेंबर से जुड़े संभ्रांत लोग जो सिविल सोसाइटी में भी है, वे भी भड़के हुए हैं, आखिर क्या वजह हुई कि ये दोनों समूह इन दिनों नगर विकास मंत्री और मुख्यमंत्री रघुवर दास से नाराज हैं और फिलहाल ये दोनों को देखना भी पसन्द नहीं करते। अगर आप झारखण्ड सिविल सोसाइटी द्वारा संचालित सोशल साइट देखें तो वह आक्रोश स्पष्ट दिखता है, अगर उन आक्रोशों पर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास व नगर विकास मंत्री ध्यान दिये होते तो भाजपा को ये दिन देखने नहीं पड़ते, जो आज दिखाई पड़ रहे हैं।
आज यही चेंबर के लोग, सिविल सोसाइटी के लोग भाजपा के खिलाफ आकर खड़े हो गये हैं, स्थिति ऐसी है कि झारखण्ड के बहुत सारे इलाकों में भाजपा को भाजपा से ही खतरा उत्पन्न हो गया और दो खतरा तो फिलहाल झारखण्ड में स्पष्ट रुप से दिख रहा हैं एक रांची तो दुसरा जमशेदपुर पूर्व में। जहां जमशेदपुर पूर्व से रघुवर दास जीत पायेंगे, इसकी संभावना कम दिख रही है।
सिविल सोसाइटी से जुड़े आरपी शाही तो अखबार में छपे कटिंग को पोस्ट करते हुए स्पष्ट रुप नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को संबोधित करते हुए लिखते है कि “सिंह जी, आप अपनी सेवा ही कर रहे हैं, अगर जनता की कर रहे होते तो 20-25 साल में आपके क्षेत्र की यह दुर्दशा नहीं होती, खैर मनाइये कि लोग धैर्यवान है, नहीं तो यह दुसरा हादसा है रांची में बच्चे का नाली में बहने का, आप जीतने की छोड़िये, रांची में रह नहीं पाते।”
ज्ञातव्य है कि कल यानी 05 दिसम्बर को एक बार फिर बहुत बड़ा हादसा हुआ, जिसमें एक बच्चा नाले में बह गया, उसे नाले से निकालकर स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह जीवन और मौत से जूझ रहा हैं, ठीक इसी प्रकार इसी साल बारिश के दिनों में मात्र हल्की बारिश में एक बच्चा नाले में बह गया था, जिसकी बाद में मौत हो गई।
आरपी शाही ने एक और पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने सांसद संजय सेठ पर कमेन्ट की है, कहा है “अब तो 25 दिन बाकी है, आशा है सांसद अपना वादा पूरा करेंगे व कम से कम एक निकम्मे को 31 दिसम्बर को टर्मिनेट करेंगे” यह टिप्पणी उस स्टेटमेंट पर है, जिसमें सांसद सेठ कह रहे है कि 31 दिसम्बर तक बड़ा तालाब का काम पूरा नहीं हुआ तो टर्मिनेट होने के लिए तैयार रहे, वह संस्था जिसे यह काम दिया गया है।
आरपी शाही ने अखबार की कटिंग देते हुए पांच टर्म विधायक रहे भाजपा के नेता व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह पर कड़ी टिप्पणी कर दी, उन्होंने कहा कि “परिवार ने दान में किसलिए दी थी? यह सामाजिक कार्यों के लिए थी, व्यक्तिगत लोभ के लिए नहीं। अगर हिम्मत है तो बड़ा तालाब का 54 एकड़ जमीन नापी कर पिलर लगवाएं। जो विधायक सामाजिक हित में दान दिये हुए जमीन की रक्षा नहीं कर सकता।
उसे बोलने का कोई हक नहीं। दूसरे के दान की जमीन, लोगों का पैसा, लेकिन ठेकेदारी करेंगे विधायक। तालाबों के पानी सोख लिए, नदी को नाला बना दया, शहर के सभी सड़कों को नाले के नाम पर खोद दिया। वैसे यह जनता की ही गलती है कि15-20 साल में जो विधायक शहर वह भी राजधानी में पीने के पानी का प्रबंध नहीं कर पाता, उसे अगर माला पहनाते रहेगें तो यहीं होगा।”