आखिर रिम्स में ही ऐसा क्यों, शिलापट्ट पर लिखे EX-CM व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के नाम के साथ छेड़छाड़ कौन करता हैं, आखिर बार-बार “मुंडा” शब्द को “गुंडा” बनाने की हिम्मत कौन कर रहा हैं
राजधानी रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान यानी रिम्स में झारखण्ड के कई मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री समेत यहां के अधिकारियों के शिलापट्ट खुदे हुए हैं अथवा लगे हुए हैं, जिनके नामों पर कभी गाज नहीं गिरे, मतलब कभी भी उनके नाम को किसी ने नहीं बिगाड़ा, पर पता नहीं क्यों, वो कौन लोग हैं, जो हमेशा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से खार खाये हुए हैं और उनके नाम को बिगाड़ते रहते हैं, मतलब “मुंडा” को “गुंडा” बना देते हैं।
आश्चर्य इस बात की हैं कि यहां हमेशा एक सुरक्षा प्रहरी मौजूद होता हैं, पर उसे भी पता नहीं कि उसके पीछे शिलापट्ट में लिखे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री “अर्जुन मुंडा” को “अर्जुन गुंडा” लिख दिया गया है। उसे यह भी पता नहीं कि ये हरकत किसकी हैं, मतलब सुरक्षा प्रहरी के होने के बावजूद, कोई किसी के नाम को बिगाड़ दें, वो सिर्फ राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान में ही देखा जा सकता हैं, दूसरे जगह इसकी मिसाल देखने को नहीं मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि यहां नाम बिगाड़ने का काम सिर्फ अर्जुन मुंडा के साथ ही होता हैं, बाकी और किसी नेता के साथ नहीं होता, हालांकि यहां पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और कई रिम्स के अधिकारियों के भी नाम खुदे हैं, पर उनके नामों को बिगाड़ने की साहस किसी में नहीं और न ही किसी ने ऐसा होते देखा है।
बहुत पहले 2004 में भी इसी प्रकार का मामला आया था, जब मैं ईटीवी में था, इस न्यूज को ईटीवी में दिखाया गया था, बाद में इसे सुधार दिया गया। इसी न्यूज को “आज तक” ने भी दिखाया था, पर एक बार फिर हमारी उस जगह पर नजर पड़ी और मैंने देखा कि वहां आज भी “अर्जुन मुंडा” की जगह “अर्जुन गुंडा” लिखा हुआ हैं, ये किसी की शरारत भी हो सकती हैं, पर ये दुस्साहस भरी शरारत किसकी हैं और ऐसा न होने पाये, इसे रोकने की जिम्मेदारी किसकी हैं, ये तो रिम्स प्रबंधन ही बतायें तो बेहतर होगा।
इसी मुद्दे को लेकर जब विद्रोही24 ने आज रिम्स पहुंचे रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ से बात की तो उनका कहना था कि ये अक्षम्य अपराध हैं, आश्चर्य इस बात की है कि यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा प्रहरी तैनात हैं, जहां की घटना हैं, वहां भी सुरक्षा प्रहरी बैठा हैं, और उसे भी इस बात की जानकारी नहीं, तो ये तो दुर्भाग्य की बात हैं, रिम्स प्रबंधन को शिलापट्ट में खुदे नाम को ठीक कराना चाहिए और ऐसा प्रबंध करना चाहिए ताकि फिर से ऐसी हरकत देखने को न मिले।