झारखण्ड बनने के बाद 20 वर्ष में सिर्फ 15 लाख और मेरे मात्र चार साल के शासनकाल में 36 लाख से भी ज्यादा लोगों को शुरु हुआ पेंशन, हम आपकी हर समस्याओं के समाधान में लगे हैः हेमन्त
गांव-गांव, प्रत्येक पंचायत में शिविर लग रहा है और इन शिविरों में पदाधिकारी मौजूद रहकर जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ दे रहे हैं। इससे पूर्व 2021और 2022 में आयोजित शिविर के दौरान भी लाखों आवेदन हमें प्राप्त हुए। लोगों की कई तरह की समस्याएं सामने आई और इन आवेदनों की जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए कार्य योजना तैयार किया गया। राज्य को मजबूत करना है तो गांव को मजबूत करना होगा। इस निमित्त ग्रामीण परिवेश के अनुरूप योजनाएं का बनना शुरू हुआ। यह राज्य हमेशा चुनौतियों के साथ आगे बढ़ता रहा है।
आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक जीवन भर संघर्ष करते हैं और यही वजह है कि एकीकृत बिहार में यहां के आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग समुदाय की स्थिति को देखते हुए दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग झारखंड राज्य की लम्बी लड़ाई लड़ी गई और हम सभी को अलग झारखंड राज्य मिला। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री जामताड़ा के नाला प्रखण्ड के नूतनडीह में आयोजित “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान हर किसी की जरूरत है। राज्य सरकार ने राशन कार्डधारियों को अब अनाज के साथ एक किलो दाल भी देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आठ लाख पात्र परिवारों को आवास उपलब्ध कराने में असमर्थता दिखाई। हमारी सरकार ने इन आठ लाख परिवारों को आवास का लाभ देने हेतु कई बार आग्रह किया गया परंतु केंद्र सरकार द्वारा आवास आवंटन नहीं किया गया।
अब राज्य सरकार ने निर्णय लेते हुए अबुआ आवास योजना शुरू की है। ताकि जरूरतमंद आठ लाख से अधिक परिवारों को आवास उपलब्ध हो सके। अबुआ आवास योजना का लाभ लेने के लिए आप जरूरतमंद लोग अवश्य इस शिविर में आवेदन दें, इसके तहत तीन कमरों का आवास राज्य सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर गरीब को 10 रुपए में धोती, साड़ी और लूंगी वर्ष में दो बार उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सभी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है लेकिन हमारी सरकार हर समस्या का समाधान के लिए तत्परता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अलग होने के बाद 20 वर्ष में मात्र 15 लाख लोगों को पेंशन मिलता था। विगत 04 वर्ष में हम लोगों ने 36 लाख 30 हजार लोगों को पेंशन का लाभ देने का काम किया है।
विगत चार वर्ष में हम लोगों ने 20 लाख से अधिक किसानों को केसीसी कार्ड से आच्छादित करने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक समस्या का समाधान होगा। आज हम इस राज्य को मजबूत बनाने में लगे हैं ताकि आने वाले कुछ वर्षों के बाद झारखण्ड इतनी ताकत पैदा कर ले कि वह हर चुनौतियों का सामना कर पाए और पिछड़ापन का कलंक मिटाने में सक्षम हो पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा साईकिल वितरण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजा जा रहा है। पूर्व में 3500 रुपए की साईकिल दी जाती थी अब साइकिल खरीद हेतु स्कूलों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को 4500 रुपए दी जा रही है। यह राशि बच्चे बच्चियों के खाते में सीधे जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10वीं 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए आपकी सरकार आर्थिक सहयोग गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए कर रही है।
इस आर्थिक सहयोग की गारंटी आपकी सरकार बनेगी। आने वाली पीढ़ी सशक्त हो, इसके लिए उत्कृष्ट विद्यालय का निर्माण शुरू कर दिया है। वर्तमान में 80 उत्कृष्ट विद्यालय का शुभारंभ कर दिया गया है। उत्कृष्ट विद्यालयों की संख्या 5000 की जाएगी, जहां यहां के गरीबों, किसानों के बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्ति की योजना तैयार है। कुछ लोग नियुक्ति में व्यवधान डालने में लगे हैं। सरकार ने परीक्षा के लिए भरे जाने वाले आवेदन शुल्क भी खत्म कर दी है। इसकी चिंता युवाओं को नहीं करनी है। पहली बार जेपीएससी के दो-दो परीक्षा हम लोगों ने सफलतापूर्वक लिया और इसमें सफल लोग पदस्थापित भी हो गए हैं। आज 90 प्रतिशत से अधिक लोग इसमें सफल हो रहे हैं और पूर्व में इसके विपरीत अन्य राज्यों के लोग परीक्षा में शामिल हो सफलता प्राप्त करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां काजू के पेड़ बहुत दिखाई दे रहे हैं। 80 के दशक में संताल परगना काजू के पेड़ से ढका हुआ था। लेकिन उस समय इसके फल का उपयोग यहाँ के लोग नहीं कर पाते थे, अब इसके फल को आधुनिक तकनीक से प्रोसेसिंग कर आय में वृद्धि का जरिया बनाया जा सकेगा। इस संदर्भ में वन प्रमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। लोगों को इसका सही लाभ मिलेगा। वहीं अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान के तहत सरकारी भूमि में भी फलदार वृक्ष लोग लगा सकते हैं। जब तक वह फलदार वृक्ष रहेगा उसके मालिक आप ही रहेंगे। इस अभियान के जरिए लोगों को वनपट्टा से आच्छादित करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जामताड़ा जिला में 500 कि०मी० ग्रामीण सड़क की स्वीकृति दी गई है जो 300 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। साथ ही पथ निर्माण विभाग के तहत उच्च स्तरीय 220 कि०मी० सड़क की स्वीकृति दी है जो करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। कई जगह निविदा की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। पूर्व में निर्मित बीरबिंदिया पुल की क्वालिटी इतनी अच्छी नही थी इसी वजह से 10-15 साल भी नहीं चल पाया। आज हमारी सरकार ने फिर से बीरबिंदिया पुल के निर्माण की भी स्वीकृति दी है जो करीब 270 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के प्रधानों ने अपना मानदेय बढ़ाने के बाद कही है। सब के बारे में सरकार की चिंता है। समय के साथ हम काम करेंगे । आज हमारे पास जो संसाधन है, उसके अनुरूप हमें निर्णय लेना पड़ता है। केंद्र सरकार के पास बकाया 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपए हमें मिलता तो आज ग्राम प्रधानों का भी मानदेय बढ़ाने में उक्त राशि सहायक होती। हमारी सरकार गरीबों को राहत देने का अभियान जारी रखेगी और यह भी तय करेंगे कि आज जो एक हजार रुपए से ज्यादा में आपको सिलेंडर मिल रहा है वह किस तरह आपको 500 रुपए में प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा अब हमारी बेटियां पढ़ाई नहीं छोड़ेंगी। अब हमारे आने वाली पीढ़ी इतना सशक्त होगा जो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएगा। हमारे पूर्वज पढ़े-लिखे नहीं थे। इसी वजह से हम लोग ठगे गए। लेकिन हमारे आने वाली पीढ़ी पढ़ेगी और आगे बढ़ेगी। वर्तमान सरकार यहां के गरीब, दलित, पिछड़े, किसानों के बच्चों को विदेश में निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है। आप लोग अपने अंदर हुनर को विकसित करें। आपकी सरकार आपको विदेश में भी उच्च शिक्षा प्रदान करने का कार्य करेगी।