अपनी ही सरकार के खिलाफ नगर विकास मंत्री सीपी सिंह कोतवाली थाने में धरने पर
राज्य में सरकार किसकी, भाजपा की और भाजपा के ही मंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ कोतवाली धरने पर बैठ जाये तो इसे क्या कहेंगे? इसका मतलब है कि यहां सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं, ये कोई पहली बार घटना नहीं घटी है, समय-समय पर सरकार की कई नीतियों से खफा, राज्य के कई मंत्री राज्य सरकार की कार्यशैली पर अंगूली उठा चुके है।
ताजा मामला कोतवाली थाना का है, जहां राज्य के नगर विकास मंत्री सी पी सिंह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कोतवाली थाना पर धरने पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे है, जबकि उनके समर्थक पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। नगर विकास मंत्री सी पी सिंह और भाजपाइयो का कहना है कि पुलिस संग्रामचौक मामले में एकतरफा कार्रवाई कर रही है, वह हिन्दूओं को तो गिरफ्तार कर रही हैं, पर दोषी मुस्लिमों को गिरफ्तार करने में उसे पसीने छूट रहे है।
ज्ञातव्य है कि आज रांची के सुखदेवनगर थाना के इरगू रोड में दो गुट आपस में उलझ गये। छेड़खानी और धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ के मसले पर दोनों ओर से जमकर पत्थरबाजी हुई, जिसमें स्थानीय पुलिस ने रवि प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया, फिर क्या था सीपी सिंह को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, वे दल-बल के साथ कोतवाली थाना पहुंचकर धरने पर बैठ गये।
लोग बताते है कि किशोरगंज के संग्रामचौक के निकट कुम्हारटोली में आज हुई पत्थरबाजी में पुलिस पदाधिकारी समेत कई लोग घायल हुए है, जिसमें डीएसपी अजीत कुमार विमल भी शामिल है, बताया जाता है कि इसी दरम्यान कोतवाली थाना प्रभारी का मोबाइल भी टूट गया।
बताया जाता है कि संग्राम चौक के पास एक गुट ने रोड जाम कर दिया था और ये लोग कल के आरोपियों को गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, फिर क्या था, इसी दौरान दुसरा गुट भी आक्रोशित हो उठा, और देखते ही देखते दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरु हो गई, पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए हवाई फायरिंग की, लेकिन इस हवाई फायरिंग का प्रभाव नहीं दिखा।
बताया जाता है कि आज की घटना, कल की घटना का परिणाम है। स्थानीय लोग बताते है कि 15 सितम्बर को लोरिक मिस्त्री लेन कुम्हार टोली के एक धार्मिक स्थल परिसर की दीवार पर अफसर अंसारी, जोएब अंसारी और इरफान अंसारी अपने दोस्तों के साथ 8.30 बजे लघुशंका कर रहा था, उस समय वहां मौजूद मनीष ने उसे ऐसा करने से मना किया, इस पर मनीष की उन तीनों से कहा-सुनी हो गई, बाद में 16 सितम्बर को अफसर अंसारी ने देसी कट्टा दिखाते हुए मनीष को धमकी दी, कि उसके सहयोगियों को खत्म कर दिया जायेगा। लोग यह भी बताते है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन अफसर अंसारी ने मनीष के घर में घुसकर उसकी मां को धमकी दी कि बेटे को घर में रखे, वरना जान से मार देंगे, इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे खदेड़ा, तब जाकर वह भागा।
इसी बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस को 24 घंटे का वक्त दिया था कि वे तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करें, पर पुलिस इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार तो नहीं कर सकी, वहीं आंदोलन कर रहे रवि प्रजापति को ही गिरफ्तार कर लिया, जिससे नगर विकास मंत्री क्रोधित हो गये, और पुलिस पर आरोप लगाया कि रांची पुलिस दोषियों को गिरफ्तार नहीं करती, बेकसूरों को सबसे पहले गिरफ्तार कर बंद कर देती है। यह एकपक्षीय कार्रवाई नहीं तो और क्या है?
उधर नगर विकास मंत्री द्वारा कोतवाली थाने में धरने पर बैठ जाने के मुद्दे पर कई राजनीतिक दलों ने अंगूलियां उठा दी, उनका कहना था जो काम विपक्ष का है, अब सत्तापक्ष के लोग ही करने लगे है, इससे साफ पता लगता है कि सरकार को शासन चलाना नहीं आता, पुलिस उनके नियंत्रण से बाहर हैं, अपराधियों का आतंक है, यहां किसी की भी जान-माल या सम्मान सुरक्षित नहीं है। कई लोगों ने तो ऐसे हालत में नगर विकास मंत्री को सरकार से हट जाने तक की सलाह दे डाली।
नैतिकता से इस्तीफा दे देते..तो कुछ बात बनती नेता जी