दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया के दूसरे संस्करण में झारखण्ड पवेलियन का उद्घाटन किया कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने
एक तरफ जहां वर्ल्ड फूड इंडिया के दूसरे संस्करण की शुरुआत आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने झारखंड पवेलियन का विधिवत उद्घाटन किया। बता दें कि भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने वर्ष 2017 में वर्ल्ड फूड इंडिया का पहला संस्करण लांच किया था।
इस मौके पर कृषि मंत्री बादल ने कहा कि यह एक अच्छा प्लेटफार्म है, जहां पर झारखंड सहित पूरे देश की खाद्य सामग्रियों को एक साथ उद्यमियों को देखने का अवसर मिलता है। इंडस्ट्री एग्री समन्वय के तहत युवाओं को सारी फैसिलिटी दी जा रही है, कोई यदि अपना यूनिट झारखंड में लगाना चाह रहे हैं तो उसके लिए झारखंड सरकार उन्हें हर संभव मदद करेगी।
कृषि के क्षेत्र में सरकार की योजनाओं की जानकारी के लिए यह स्टॉल नेशनल लेवल पर लगा हुआ है। उत्पादों को प्रोसेसिंग करके वहां के लोग आगे बढ़ना चाहते हैं। लेकिन उन्हें उचित बायर्स नहीं मिलता हैं, ऐसे उद्यमियों के लिए यह एक अच्छा प्लेटफार्म है, यहां हमने देखा की कैसे नाइट्रोजन पैकिंग व डिहाइड्रेटेड सामग्री को कई दिनों तक सुरक्षित रखा जाता है।
उन्होंने बताया कि आईआईएम से पढ़े युवाओं ने भी अपना स्टॉल लगाया है। बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का लगातार प्रयास है कि छोटे-छोटे उद्यमी देश स्तर और विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाएं, इसमें प्रगति मैदान में लगाया गया यह स्टॉल मिल का पत्थर साबित होगा।
बादल ने कहा कि झारखंड में एक अनुकूल और जीवंत निवेश पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें राज्य विभिन्न औद्योगिक नीतियों के माध्यम से आकर्षक वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य निवेशकों को हर संभव तरीके से सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है और संभावित निवेशकों से झारखंड में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने की अपील करता है।
झारखंड के स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा ने कहा कि यह राज्य के लोगों के लिए बेहतर अवसर है, जहां हम आकर झारखंड की खाद्य प्रसंस्करण सामग्रियों को विश्व स्तर पर रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां12 स्टाल लगे हुए हैं, जिसमें काजू, दूध, मिलेट ,मधु, चावल, चिल्ली, टोमेटो केचप, पेड़ा, माइनर फॉरेस्ट एवं पलाश से संबंधित कई स्टाल लगाए गए हैं।
उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि 4 नवंबर को नॉलेज सेशन रखा गया है, जिसके माध्यम से माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस जैसे महुआ, चिरौंदी सहित कई सामग्रियों को प्रक्रिया करना और इसे बढ़ावा देने पर विशेष चर्चा होगी, क्योंकि झारखंड वन क्षेत्र है इसलिए वन उत्पाद को कैसे बढ़ावा दिया जाए, इसे लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी। जिसमें इस चर्चा के दौरान झारखंड से कई पैनलिस्ट दिल्ली में आकर प्रगति मैदान में एक सकारात्मक चर्चा करने वाले हैं, जिससे राज्य के लोगों को फायदा होगा।
उद्योग निदेशक भोर सिंह यादव ने कहा कि 5 नवंबर तक यह स्टॉल रहेगा, जहां ज्यादा से ज्यादा लोग आकर झारखंड सहित देश के विभिन्न कोने से आए खाद्य प्रसंस्करण को देखने का काम करें। झारखंड से जेएसएलपीएस, फॉरेस्ट और एग्रीकल्चर के कई स्टाल लगाए गए हैं, उन्होंने कहा कि विश्व को समृद्ध भारत खाद्य संस्कृति से परिचित कराने के साथ-साथ देश को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आगे पहचान बढ़ाने और निवेश के लिए यह एक उचित प्लेटफार्म है।