राजनीति

कृषि मंत्री दीपिका पांडेय ने मंत्रालय का पदभार संभाला, बैठक कर पदाधिकारियों को दिये निर्देश, कहा योजनाओं के क्रियान्वयन में लाएं तेजी

झारखण्ड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग का कल कार्यभार संभालने के उपरान्त मंत्री, दीपिका पाण्डेय सिंह ने सक्रिय और दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। पदभार संभालने के बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने हेतु कृषि संबंधी निम्नांकितम योजनाओं पर तेज गति से कार्य करने का निदेश दिया।

(1) कृषि ऋण माफी योजना – सरकार द्वारा चलायी जा रही कृषि ऋण माफी योजना के अन्तर्गत अभी तक 50,000/- रूपये तक का स्टैंडर्ड केसीसी लोन की राशि बढ़ाकर दो लाख रूपये तक का ऋण माफ किया जायेगा। मंत्री ने निर्देश दिया कि विभाग इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद् के समक्ष शीघ्र प्रस्ताव उपस्थापित करें।

(2) कृषक मित्रों का मानदेय बढ़ोत्तरी – कृषक मित्रों के मानदेय को 1000/- रूपये से 2000/- रूपये प्रति माह बढ़ाने हेतु माननीय मंत्री द्वारा शीघ्र प्रस्ताव उपस्थापित करने का निर्देश दिया।

(3) ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम – मंत्री ने प्रखण्ड स्तर पर विभाग द्वारा चलायी जा रही लाभुक जनित योजनाओं के प्रचार प्रसार तथा सीधा लाभुक तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु प्रखण्ड स्तर पर बृहत् रूप से कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया।

(4) तालाब जीर्णोद्धार योजना – इस योजना अन्तर्गत तालाबों की संख्या बढ़ाने का तथा वर्तमान परलोकेशन (PT) में संशोधन करने का सुझाव दिया, जिससे योजना की सफल क्रियान्वयन में गति लायी जा सके।

(5) बीज ग्राम का पुनरुद्धार – मंत्री ने बीज ग्राम के पुनरूद्धार के संबंध में निदेशक, कृषि को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि पूर्व में चल रहे बीज ग्राम को फिर से एक्टिव करने के लिए आवश्यक कार्य योजना तैयार की जाय, जिसके अच्छे कार्य करने वाले बीज ग्रामों की सेवा ली जा सके।

(6) उर्वरक की बिक्री पर रोक – मंत्री ने कृषि निदेशक को निर्देश दिया कि उर्वरकों का नियत दर से ऊंचें दर पर बिक्री किये जाने पर रोक लगाई जाय। साथ ही नकली उर्वरकों की बिक्री रोकने पर भी सख्त कदम उठाए जायें।

(7) वर्षापात तथा कंटीजेन्सी प्लान – अभी तक राज्य में वर्षापात की कमी देखी गई है। वर्षापात में कमी के मद्देनजर रोबुस्ट कंटीजेन्सी प्लान तैयार कर सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होने पर बेस्ट मिटिगेशन मेजर्स के क्रियान्वयन के लिए विभाग को तैयार रहना चाहिए ।

(8) कस्टम हायरिंग सेन्टर का संचालन – मंत्री ने निदेश दिया कि वर्तमान में चल रहे सीएचसी केन्द्रों का कार्यकलाप की समीक्षा कर ली जाय साथ ही केन्द्रों का निरीक्षण किया जाय।यह भी सुनिश्चित किया जाय की सभी सीएचसी केन्द्र सुचारू रूप से चलें तथा नन-फंडेड सीएचसी को बंद करते हुए नये और अच्छे किसान समूह को सीएचसी चलाने का कार्य दिया जाय ।

(9) मुख्यमंत्री सुखा राहत योजना के अन्तर्गत लंबित भुगतान – मंत्री ने निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन विभाग को इस योजना के अन्तर्गत लंबित भुगतान के लिए अधियाचना भेजी जाय।

(10)  लैम्प्स / पैक्स के कार्यकलापों के संबंध में – लैम्प्स / पैक्स को और अधिक सुदृढ करने की दिशा में मंत्री ने निदेश दिया कि Defunct लैम्प्स / पैक्स के जगह पर नये लैम्प्स पैक्स को विकसित किया जाय। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लैम्प्स / पैक्स को एमएसपी पर धान अधिप्राप्ति के लिए केन्द्रों के रूप में विकसित करने का निदेश दिया ।

सभी निदेशकों को अपने-अपने संबंधित निदेशालयों से मुख्य योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर विशिष्ट समय सीमा कैलेण्डर विकसित कर कार्य योजना तैयार करने का निदेश दिया गया। साथ ही निदेश दिया गया कि योजना के क्रियान्वयन में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने, प्रणालीगत योजना बनाने और जमीनी स्तर की भागीदारी पर उनके ध्यान केन्द्रित करने से किसानों के जीवन को सुधारने और सतत् कृषि विकास सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।