कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने भरी सभा में एक भाजपा कार्यकर्ता को बेइज्जत कर, पार्टी से बाहर निकाला
हद हो गई। एक ओर लोकसभा में भाजपा को फिर से केन्द्र में सत्तारुढ़ करने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता, कार्यकर्ताओं को मनाने में लगे हैं, उन्हें हर प्रकार से दुलारने में लगे हैं, ताकि भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित रहे, वे भाजपा के पक्ष में जोर-शोर से काम करें, भाजपा को मजबूती प्रदान करें, इसके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लगे हुए हैं, वे इसके लिए वीडियो कांफ्रेसिंग से, कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत कर रहे हैं, उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं, कार्यकर्ताओं के प्रश्नों का जवाब दे रहे हैं।
पर झारखण्ड में ठीक इसका उलटा हो रहा है। भाजपा के नेता, यहां तक के मंत्री भाजपा कार्यकर्ताओं को सरेआम बैठक में बेइज्जत कर रहे हैं, उसकी इज्जत की धज्जियां उड़ा रहे हैं, कार्यकर्ताओं को बैठक से निकलवा देते हैं, तथा इसके लिए ताली भी बजवाते हैं, अब सवाल उठता है कि जहां ऐसे-ऐसे मंत्री हो, वहां भाजपा का भला होगा या नुकसान होगा, आप समझ सकते हैं, हालांकि भाजपा के झारखण्ड स्थित शीर्षस्थ नेताओं को लगता है कि ऐसा करने से भाजपा और मजबूत स्थिति में होगी, तभी तो कार्यकर्ताओं के लिए ऐसी-ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, जिसको सुनकर भाजपा कार्यकर्ता भी आश्चर्यचकित हो रहे हैं।
कुछ का तो कहना है कि अगर भाजपा के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के नजरों में कार्यकर्ताओं की यही स्थिति हैं, तो फिर इससे अच्छा है कि वे दूसरे दलों या पार्टियों का झंडा ढोये, यहां तो इनका काम भी करिये और गाली भी सुनिये, बेइज्जत भी होइये। कल की ही बात है, सारठ के सुखेजारा एवं बेहरा मैदान में राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया, जिसमें चार पंचायतों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता को कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने भरी सभा में बेइज्जत कर डाला, अपने मुंह से सड़ा आलू- सड़ा आलू जैसे शब्दों को उच्चारण किया तथा उसे भरी सभा से बेइज्जत करते हुए बाहर जाने पर मजबूर कर दिया।
जरा देखिये कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने एक भाजपा कार्यकर्ता को बेइज्जत करते हुए कैसे सभा से बाहर निकाला और क्या कहा हैं – “जा सकते है, आप पार्टी से, सड़ा आलू, सड़ा आलू, ह त इसी वजह से क्या? आप जा सकते है, आप जाइये बैठक से, जाइये आप, निकलिये पार्टी से, अरे मैने आपको बाहर कर दिया पार्टी से, जाइये आप, आप नहीं चाहिए हमको, जाइये। ताली बजाओ जोर से सब कोई।”
अब आप स्वयं बताइये, जिस भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं को इस प्रकार बेइज्जत करके निकाला जाता हो, पार्टी कार्यकर्ताओं को निकालने की खुशी में ताली बजवाने का आदेश मंत्री द्वारा दिया जाता हो, वहां कोई भाजपा कार्यकर्ता सम्मान के साथ कैसे रह सकता है। आश्चर्य हैं, कि ये घटना उस दिन घटी, जब भाजपा झारखण्ड के लोकसभा प्रभारी मंगल पांडेय भाजपा में होनेवाले अमंगल को रोकने तथा झारखण्ड की सभी 14 सीटों पर भाजपा की जीत के लिए तिकड़म भिड़ा रहे थे।
यानी एक ओर भाजपा को जीताने के लिए बैठक और दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ऐसी हरकत, अब इसी से समझा जाये कि भाजपा का आनेवाले समय में क्या होनेवाला है? ये बानगी स्पष्ट बताती है कि भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश किस प्रकार बढ़ता जा रहा है? अगर यहीं हाल रहा तो इस इलाके में ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में महागठबंधन की बल्ले-बल्ले हैं, और इस इलाके में तो फिलहाल झामुमो की जो स्थिति है, वहां भाजपा उसके आस-पास भी नहीं फटकती दिखती।