अपनी बात

पत्रकारों के लिए निरन्तर संघर्ष करनेवाली AISMJWA ने कृष्ण बिहारी मिश्र को बनाया प्रदेश सलाहकार, बधाई देनेवालों में पत्रकारों के साथ-साथ राजनीतिज्ञ भी

पत्रकारों के लिए निरन्तर संघर्ष करनेवाली, उनके सुख-दुख में हमेशा खड़ी रहनेवाली और बहुत ही कम समय में बिहार, बंगाल व झारखण्ड में पत्रकारों के बीच खासी लोकप्रिय हो जानेवाली AISMJWA ने कई अखबारों व कई चैनलों तथा राज्य के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को भी सेवा देनेवाले वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण बिहारी मिश्र को प्रदेश का सलाहकार बनाया है।

इसकी जानकारी सर्वप्रथम रांची के जोनल अध्यक्ष नवल किशोर सिंह ने मुझे दी। नवल किशोर सिंह ने कहा कि मुझे एआईएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम प्रवेश सिंह ने मुझे एसोसिएशन का प्रदेश सलाहकार नियुक्त किया है। फिर क्या था? बधाई देनेवालों का तांता लग गया। AISMJWA के व्हाट्सएप ग्रुप से लेकर ट्विटर तक पर बधाई जारी है।

राष्ट्रीय जनता दल के कैलाश यादव ने कहा कि मेरे अजीज व सम्मानित केबी मिश्रा को सलाहकार नियुक्त किए जाने पर कोटि-कोटि बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं। आम तौर पर मैं इस प्रकार के एसोसिएशन से अलग रहता हूं, क्योंकि इस प्रकार के एसोसिएशन के बारे में, मेरा मानना है कि पत्रकारों का इससे कोई लाभ नहीं होता।

लेकिन इससे जुड़े लोग महान जरुर हो जाते हैं, पर AISMJWA को मैंने नजदीक से देखा है, इनसे जुड़े लोगों की सेवा भावनाओं को देखा है, और मुझे विश्वास है कि आनेवाले समय में भी ये अपने लक्ष्य से पदच्युत नहीं होंगे। जिस प्रकार पत्रकारों की सेवा में अभी लगे हैं, वैसे ही इनका यह सेवा भाव निरन्तर जारी रहेगा, ये अपने कार्यों से हर निर्धन पत्रकारों के घर दिये जलायेंगे।

मैंने बिहार-बंगाल-झारखण्ड के संयोजक प्रीतम सिंह भाटिया को देखा हैं, कई दौर की बातचीत की है, यह युवा व्यक्ति जिस प्रकार से पत्रकारों की सेवा के लिए संघर्षरत हैं, वैसा दावे के साथ मैं कह सकता हूं कि किसी अन्य संगठन का कोई व्यक्ति नहीं, जब कोरोना पत्रकारों को लीलने को तैयार थे, यह व्यक्ति अपने संगठन के माध्यम से क्या नहीं किया, जबकि बाकी संगठन आराम फरमा रहे थे।

इसी दौरान मैंने एक संकल्प लिया कि मैं कोरोना से प्रभावित पत्रकारों को आर्थिक लाभ मिले, उन्हें सम्मान प्राप्त हो, सरकार का ध्यान आकृष्ट हो, इसके लिए 19 मई को मैं भूख हड़ताल करुंगा और लीजिये AISMJWA ने इस भूख हड़ताल का समर्थन ही नहीं किया, बल्कि कई जगहों पर इनसे जुड़े पत्रकारों ने भूख हड़ताल की।

अन्य पत्रकार जो इस संगठन से नहीं जुड़े थे, वे भी हमारे साथ आये। उसका असर भी पड़ा। राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मुझसे संपर्क साधा, मोबाइल पर बातचीत की, उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे पत्रकारों के हित को लेकर जल्द फैसले लेने जा रहे हैं, और मुझे पुरा भरोसा है कि हेमन्त सोरेन मुझे दिये वायदे को अवश्य पूरा करेंगे, क्योंकि मुझे हेमन्त सोरेन पर विश्वास है।

राज्य में मैंने देखा है कि ज्यादातर यहां पत्रकारों का संगठन बेमतलब का सेमिनार और उसके नाम पर उगाही, भोज-भात का आयोजन व चद्दर लेने-देने का काम करते हैं, जेबकि इससे कुछ होता नहीं। हम चाहेंगे कि हम इन सबसे उपर उठे और ऐसे काम करें, जिससे गरीब, निर्धन, छोटे-मझौले पत्रकार जो हाशिये पर हैं, उनका भला हो, ये हम कर सकते हैं, करेंगे, करके रहेंगे, ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं, बस हम एकसूत्र में बंधकर ईमानदारी से आगे की ओर कदम बढ़ाएं।

आपने हम पर भरोसा जताया है। विश्वास किया है। प्रदेश सलाहकार बनाया है। तो बस मेरी सलाह को पहले समझिये, फिर लगे कि इस पर चलना हैं तो चलिये, निश्चय ही धुंध छटेगा, अंधकार मिटेगा, एक नया सवेरा आयेगा, कोई किसी का शोषक नहीं होगा। सभी खुश रहेंगे। जिन्होंने हम पर भरोसा जताया, जिन्होंने हमें बधाइयां दी, शुभकामनाएं दी, आप सभी का आभार, जोहार, प्रणाम, सत् श्री अकाल।