अल्फोंस तू बता, तूझे फादर किसने बना दिया? महिलाओं को बचाना छोड़, तूने…
फादर अल्फोंस आइन्द, पत्थलगड़ी समर्थक अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो की अड़की गैंग रेप में की गई गिरफ्तारी, और इस कांड में पीएलएफआइ की सहभागिता अब साफ बता रही है कि पत्थलगड़ी में लगे लोगों के इरादे नेक नहीं हैं, अगर इन पर अभी से ही कड़ा ऐक्शन नहीं लिया गया तो ये आगे चलकर पूरे आदिवासी समाज ही नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड को ये तहस-नहस करने की योजना बना रखे हैं। पत्थलगड़ी समर्थक अजूब सांडी पूर्ति व आशीष ने दंडाधिकारियों के समक्ष बयान देने के समय अपना गुनाह कबूल कर लिया है और पीड़िताओं ने इन्हें पहचान भी लिया है।
दुनिया का कोई समाज या संगठन, इस प्रकार की हरकत नहीं कर सकता, जिस प्रकार की हरकत इन लोगों ने किया है। पांच महिलाओं के साथ रेप, उनके साथ अमानवीय हरकत, उन्हें मूत्र पिलाना, भला इसे कौन सही कहेगा? हालांकि अभी तक इस मामले में तीन लोगों की ही गिरफ्तारी हुई है, बाकी असली अपराधी इस घटना का मास्टरमाइंड और पत्थलगड़ी अभियान में सक्रिय भूमिका निभानेवाला जॉन जोनास तिडू, जुनास मुंडू के अलावा पीएलएफआइ उग्रवादी बाजी समद उर्फ टकला व उग्रवादी नोएल सांडी पूर्ति पुलिस की गिरफ्त में अभी तक नहीं आये हैं।
अड़की गैंग रेप की घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ उग्रवादियों के भी मधुर संबंध हैं और इसमें मिशनरी से जुड़े लोग भी अपनी धमक रखते हैं, तभी तो फादर अल्फोंस के कहने पर दो ननों को छोड़ दिया गया और पीड़िताओं को साफ शब्दों में फादर ने धमकी दिया कि घटना की जानकारी किसी को नहीं देना, नहीं तो मां-बाप का मर्डर हो जायेगा। एक पीड़िता ने तो साफ कह दिया कि उसके साथ रेप हुआ और उसे फादर ने ही भेजा। एक पीड़िता ने अपने बयान में यह दावा किया है कि चर्च के फादर अल्फोंस ने षड्यंत्र के तहत स्थानीय अपराधियों से मिलकर लड़कियों का अपहरण कर गाली-गलौज और रेप की घटना को अंजाम दिलवाया है।
नुक्कड़ नाटक के संचालक संजय कुमार शर्मा ने तो साफ कहा कि जब लड़कियां जंगल से लौटी तो उनके चेहरे बता रहे थे, कि उनके साथ कुछ अनिष्ट हुआ है। पत्थलगड़ी अभियान में सक्रिय भूमिका निभानेवाला जॉन जोनास तिडू का फादर अल्फांसो से यह कहना कि नुक्कड़ नाटक करनेवाले पुलिस के जासूस हैं, इन्हें सबक सिखाना है और फादर अल्फोंस द्वारा नुक्कड़ नाटक करनेवाली महिलाओं को बचाने के बदले, उन्हें ही धमकी देना कि अगर उन्होंने किसी से कहा तो उनके मां-बाप का मर्डर हो जायेगा, बताने के लिए काफी है कि कैसे खूंटी के गांवों में दहशत फैलाने की तैयारी हो रही है।
आखिर ये कौन लोग हैं? जो दहशत के कारोबार में लगे हैं, जिन्होंने खूंटी के कई इलाकों में अपना समानान्तर शासन व्यवस्था चला रखा है, वे जो चाहे, सो कर रहे हैं, महिलाओं का रेप कर दे रहे हैं, मूत्र पिला दे रहे हैं, धमकियां दे रहे हैं, किसी को गांव में घुसने नहीं दे रहे हैं, जो चाहे वह कर रहे हैं, आखिर उनकी इतनी ताकत कैसे बढ़ गई? इसके लिए अगर कोई दोषी है, तो वह हैं यहां की रघुवर सरकार और यहां की स्थानीय पुलिस, जो छोटे से जख्म को बढ़ने का इंतजार करती है, अगर पत्थलगड़ी को लेकर जिस प्रकार की इनकी प्लानिंग चल रही थी, उसी वक्त इस पर रोक लग जाता तो संभव है, ऐसी स्थिति नहीं होती।
आज भी खूंटी के कई जंगलों में पत्थलगड़ी में लगे लोगों ने दहशत का माहौल कायम कर रखा है, ऐसा नहीं कि लोग उन्हें समर्थन दे रहे हैं, सच्चाई यह है कि लोग दहशत में हैं, उनके पास कोई विकल्प नहीं हैं, जिसका फायदा मिशनरियों द्वारा संचालित स्कूलों में कार्यरत तथा उनसे जूड़े लोग उठा रहे हैं, जिसका प्रमाण हैं अड़की गैंग रेप, हालांकि सरकार ने आरोपियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया है।
राज्य की महिला आयोग यहां कैसी काम कर रही हैं, वो तो राज्य की जनता देख ही रही है, यहां की महिला आयोग रहे या न रहे, क्या फर्क पड़ता है? आम जनता के कथनानुसार, इस कांड में शामिल लोगों के असली और भयावह चेहरे अब दिखने लगे हैं, आशा की जानी चाहिए कि इस अड़की गैंग रेप में जो भी दोषी है, उन्हें शीघ्र कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी और पीड़िताओं को न्याय मिलेगा, हालांकि जिस त्वरित गति से पुलिस इस पूरे प्रकरण को डील कर रही हैं, उससे आम जनता में विश्वास बढ़ा है कि सभी दुष्कर्मी जल्दी ही सलाखों के पीछे होंगे।
इधर पूरे देश में खूंटी के अड़की गैंग रेप की धमक हैं। सभी ने एक स्वर से इस घटना की कड़ी निन्दा की हैं। लोग सड़कों पर उतर रहे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, झारखण्ड के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तथा सरकार से मांग कर रहे है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, क्या सरकार उनकी इस मांग को जल्द पूरा करेगी?