झारखण्ड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री चैम्बर के समक्ष विपक्ष के निलंबित सभी 18 विधायकों ने दिया धरना, उधर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि वे डरनेवाले नहीं, उनका संघर्ष जारी रहेगा
झारखण्ड विधानसभा से विपक्ष के 18 निलंबित विधायकों ने आज झारखण्ड विधानसभा में मुख्यमंत्री के चैम्बर के समक्ष धरना दिया तथा सरकार विरोधी नारे लगाये। इन विधायकों का कहना था कि मुख्यमंत्री ने जो चुनावी वायदे कर जीत हासिल की थी। उन वायदों को उन्होंने पूरा नहीं किया। उनके उन्ही वायदों को याद दिलाने के लिए जब विपक्ष ने सदन में आवाज उठाई तो विपक्ष के 18 विधायकों को अवैधानिक तरीके से निलंबित कर दिया गया।
ये सारे विधायक बड़े जोर शोर से नारे लगा रहे हैं। नारे थे – जल सहिया पर जवाब दो। मनरेगाकर्मी पर जवाब दो। पारा मेडिकल पर जवाब दो। एएनएम-जीएनएम पर जवाब दो। नगरपालिका सफाईकर्मी पर जवाब दो। आउटसोर्सिंग पर जवाब दो। बेरोजगारी भत्ता पर जवाब दो। पारा शिक्षकों पर जवाब दो। आंगनवाड़ी सेविकाओं पर जवाब दो। सहायिका पर जवाब दो। रसोइया पर जवाब दो। सहायक पुलिसकर्मियों पर जवाब दो। होमगार्ड पर जवाब दो। नियोजन नीति पर जवाब दो। 1932 के खतियान पर जवाब दो।
भाजपा के इन निलंबित विधायकों द्वारा दिये जा रहे धरने के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आज पांचवी विधानसभा के सत्र का आखिरी दिन है। लेकिन इस राज्य का दुर्भाग्य है कि युवाओं के सवालों को उठाने पर, बरोजगार युवकों को हर साल पांच लाख नौकरी देने के उनके वायदे आदि पर सवाल उठाने पर विपक्ष के 18 विधायकों को अवैधानिक तरीके से सदन से निलंबित कर दिया गया।
अमर कुमार बाउरी ने यह भी कहा कि अनुबंधकर्मी हो या सहियाकर्मी या मनरेगाकर्मी सभी इस सरकार से दुखी है। हम चाहते है कि इस सरकार में जो भी घोटाले हुए हैं, उसकी सीबीआई जांच हो। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के आवाज को दबाने का काम कर रही है। हम विपक्ष के लोग डरनेवाले नहीं हैं, बल्कि संघर्ष करनेवाले हैं। हम उनके वायदे को याद दिला रहे हैं। सरकार को जवाब देना होगा। जो झूठे वायदे उन्होंने किये, उसके लिए उन्हें जनता से कान पकड़कर माफी मांगना ही होगा। इधर विपक्ष के निलंबित विधायक मुख्यमंत्री के चैम्बर के समक्ष धरना दे ही रहे थे कि मुख्यमंत्री चैम्बर से बाहर निकले और सदन की ओर चल दिये।