प्रभात खबर समेत सभी अखबारों ने ब्लैकमेलिंग के लिए कुख्यात न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी की उड़ाई धज्जियां
धनबाद/रांची से प्रकाशित प्रभात खबर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान आदि समाचार पत्रों ने ब्लैकमेलिंग के लिए कुख्यात न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं। अरुप चटर्जी के कुकृत्यों से संबंधित समाचारों को अपने अखबारों में प्रमुखता से स्थान दिया हैं। धनबाद/रांची से प्रकाशित प्रभात खबर ने तो गजब ढा दिया है। इस अखबार ने अरुप चटर्जी को लेकर जिस प्रकार समाचार प्रकाशित किया, वैसा किसी ने नहीं किया।
इस अखबार ने प्रथम पृष्ठ पर समाचार प्रकाशित किया ही, साथ में पृष्ठ संख्या तीन पर भी अरुप चटर्जी के कुकृत्यों का विशेष समाचार प्रस्तुत कर दिया। जबकि रांची से प्रकाशित प्रभात खबर ने अंदर के पृष्ठों पर समाचार प्रकाशित किया और ब्लैकमेलर अरुप चटर्जी से संबंधित समाचार को कल की तरह ही पेश किया।
रांची/धनबाद से प्रकाशित प्रभात खबर अखबार के इस रुख को देखकर ऐसा लगा, जैसे मानो कि वो जनता का कर्ज उतार रहा हो। ज्ञातव्य है कि रांची से प्रकाशित प्रभात खबर ने ही पहली बार वो भी कल यानी 17 जुलाई को ब्लैकमेलर अरुप चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर समाचार प्रकाशित किया था।
धनबाद से ही प्रकाशित दैनिक जागरण ने अरुप चटर्जी के कुकृत्यों से संबंधित समाचार को प्रथम पृष्ठ पर स्थान दिया है। आज उसका हेडिंग है – न्यूज 11 के मालिक अरुप चटर्जी गिरफ्तार। जबकि तीसरे पृष्ठ पर “हाई कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने बनाई अरुप चटर्जी की कुंडली” नामक हेडिंग से समाचार छापी।हिन्दुस्तान ने अपने स्वभावानुसार अरुप चटर्जी के समाचारों को सिर्फ छूने का प्रयास किया।
जबकि हिन्दुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया व दैनिक भास्कर ने इसे प्रमुखता से स्थान दिया। राजनीतिक पंडितों की मानें तो, न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी और उनके रिपोर्टरों तथा उनके यहां काम करनेवाले कुछ लोगों से पूरे राज्य के प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस सेवा में लगे लोग, ईमानदार राजनीतिज्ञ व चरित्रवान पत्रकार परेशान थे।
जैसे ही न्यूज 11 भारत के मालिक ब्लैकमेलिंग के लिए कुख्यात अरुप चटर्जी की गिरफ्तारी की खबर मिली, पूरे झारखण्ड में हर्ष का लहर दौड़ गया। लोग धनबाद पुलिस व राज्य की हेमन्त सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा करने लगे। सभी का कहना था कि राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस ने ब्लैकमेलिंग के लिए कुख्यात न्यूज 11 भारत के मालिक को गिरफ्तार कर, उसे जेल भेज कर झारखण्ड की जनता को एक बहुत बड़ी राहत दी है।
न्यूज 11 भारत चैनल का मोटिव होता था कि लोगों को ब्लैकमेलिंग कर धन उगाही करना। इसको लेकर कई जगहों पर इसके रिपोर्टरों से मारा-मारी हो जाना, मुठभेड़ हो जाना सामान्य सी बात हो जाया करती थी। कल जिस प्रकार से धनबाद के कारोबारी राकेश ओझा ने प्रेस कांफ्रेस कर न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप और उसके रिपोर्टरों की कलई खोली है।
ऐसा आज तक किसी ने करने का प्रयास नहीं किया, क्योंकि सभी अरुप से भय खाते थे। लोगों का मानना था कि अरुप के हाथ लंबे हैं, उसके राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस प्रशासन के लोगों से मधुर संबंध हैं, वो किसी को भी बर्बाद कर सकता हैं, इसी भय से लोग अरुप और उसके गुर्गों के खिलाफ कुछ भी बोलने से भय खाते थे।
स्थिति यह थी कि कुछ दिनों पहले तक राज्य सरकार ही उसे बॉडीगार्ड उपलब्ध करा रखी थी, वो भी आर्म्स के साथ, वो भी एक नहीं, तीन-तीन। ऐसे में भला अरुप चटर्जी से कौन उलझे? इधर जैसे ही राकेश ओझा ने अरुप चटर्जी की गुंडागर्दी के साक्ष्य इकट्ठे किये और कानून का सहारा लिया, अरुप चटर्जी और उनके रिपोर्टरों के होठ सुख गये। सभी डरे हुए हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि अरुप चटर्जी के लोग राज्य सरकार के पास नाक रगड़ रहे हैं, उसे बचाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं, पर राज्य सरकार टस से मस नहीं हो रही, शायद वो चाहती है कि कानून अपना काम करें। अगर कानून अपना काम करता है और अरुप चटर्जी के खिलाफ जितने केस विभिन्न थानों में दर्ज हैं, तो अरुप चटर्जी की सारी गुंडागर्दी पर ही प्रश्न चिह्न लग जायेगा।