कल तक हर बात पर CM रघुवर के आगे ‘हां’ में ‘हां’ मिलानेवाले भाजपा सासंदों के बदले सुर
लीजिये देर से ही सही, पर भाजपा के सांसदों को सद्बुद्धि आई, इन भाजपा सांसदों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास का अब खुला विरोध करना प्रारंभ किया है तथा झारखण्ड में हो रही बहाली को लेकर पूरी राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। सीएम रघुवर के इशारों पर हो रही बहाली का विरोध ये भाजपा सांसद सोशल साइट और पत्रों के माध्यम से कर रहे हैं।
आज भाजपा के तेजतर्रार तथा विवादों में सदैव बने रहनेवाले गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने सोशल साइट पर लिखा है कि ‘पारा शिक्षक व स्कूल नियोजन के मुद्दों को झारखण्ड भाजपा के सभी लोकसभा सदस्यों ने उठाया व मुख्यमंत्री जी से आग्रह भी किया है, दुसरा यदि सचमुच बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है तो सभी परीक्षा रद्द कर दुबारा केवल झारखण्ड के बेरोजगार को नौकरी देनी चाहिए।’
चूंकि पूरे राज्य में रह रहे झारखण्ड के बेरोजगार युवकों व उनके अभिभावकों को अब ये बात अच्छी तरह से समझ आ गयी है कि राज्य सरकार, बाहरी लोगों को नौकरी देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है, क्योंकि हाल ही में एक खबर आई थी कि जेएसएससी द्वारा ली गई पीजीटी शिक्षक बहाली में 75 प्रतिशत बाहरियों की बहाली हो गई। सर्वप्रथम इसे लेकर राज्य के सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने तो इसे राज्य के बेरोजगार युवकों के साथ क्रूर मजाक बताया था।
पर इन दिनों भाजपा सांसदों द्वारा भी राज्य सरकार के इन निर्णय पर सवाल खड़ा कर देने से भाजपा के अंदर खलबली मच गई है। रांची के भाजपा सांसद राम टहल चौधरी ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र भी भेज दिया है तथा किसी भी नौकरी में राज्य के बेरोजगार युवकों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। यहीं बात सांसद निशिकांत दूबे ने की, पर इन्होंने सोशल साइट का सहारा लिया है।
चूंकि लोकसभा के चुनाव सिर पर है, इन भाजपा सांसदों को लगता है कि झारखण्ड के ये बेरोजगार युवा अगर नाराज हो गये तो आनेवाले समय में उन्हें दिल्ली पहुंचना महंगा पड़ सकता हैं, क्योंकि राज्य के बेरोजगार युवकों में इस मामले को लेकर गहरा आक्रोश देखा जा रहा है और ये युवा मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा से कुछ ज्यादा ही आक्रोशित है और इन युवाओं ने भाजपा को एक तरह से सबक सिखाने का प्रण कर लिया है।
इसी बीच झामुमो नेता कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा सांसदों व विधायकों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पहले तो ये मेज थपथपा कर गलत नीतियों का समर्थन किया और अब वे विरोध की नौटंकी कर रहे हैं, ये सब अब झारखण्ड में नहीं चलेगा, भाजपा नेताओं को समझ लेना चाहिए।