हमेशा याद रखिये, जो कांग्रेसी हैं, वो आटा किलो में नहीं, बल्कि लीटर में खरीदते हैं, जैसे राहुल गांधी ने बताया आटा 40 रु/ली.
मुझे आज पता चला कि कांग्रेसी आटा लीटर में खरीदते हैं, जय हो राहुल गांधी की, भाजपा को शासन में बनाये रखने के लिए आपका कांग्रेस में रहना बहुत ही जरुरी है… (हालांकि बाद में राहुल गांधी ने अपनी गलती सुधार ली, पर तब तक देर हो चुकी थी, इसे ही कहा जाता है आटा गीला होना…)। शायद इसीलिये राजनीतिक पंडितों का मानना है कि जब तक राहुल गांधी कांग्रेस में रहेंगे, तब तक भाजपा का भविष्य शुद्ध रुप से शत प्रतिशत उज्जवल है।
आज कांग्रेस की दिल्ली में महंगाई पर हल्ला बोल रैली थी। देश के विभिन्न राज्यों के कांग्रेसी कार्यकर्ता दिल्ली में जुटे थे, अच्छी खासी भीड़ भी थी। कांग्रेसी कार्यकर्ता अपने प्रिय नेताओं का भाषण सुनने के लिए जुटे थे। आम जनता को तो इन सबसे कोई मतलब नहीं होता, इसलिए इस भीड़ से उनका कोई लेना-देना नहीं था।
मंच पर कांग्रेस के कथित बड़े-बड़े नेता जमे हुए थे, सभी ने भाषण दिया तथा अपने-अपने इलाकों से आये लोगों की तालियां बटोरी, पर जैसे ही राहुल गांधी का भाषण शुरु हुआ, जो लोग जानते है कि राहुल गांधी कमाल दिखायेंगे, उन्होंने दिल थामकर भाषण सुनना शुरु कर दिया, क्योंकि राहुल गांधी भाषण देने के क्रम में या बाद में कुछ न कुछ ऐसा जरुर करते हैं, जिससे वे पूरे देश में हंसी के पात्र हो जाये।
जैसे सदन में आपने देखा होगा, भाषण देने के बाद उन्होंने एक बार कनखी मार दी थी। सदन में आपने यह भी देखा होगा कि सरकार को कोसने के बाद जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लिपटने लगे थे, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके लिपटने वाली क्रिया पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और आज राहुल गांधी ने तो आटा जो किलो में बिकनेवाली चीज है, उसे लिक्विड बना दिया और लीटर में बिकवा दिया।
एक नहीं, दो-दो बार आटे के लिए लीटर शब्द का प्रयोग किया। कहा उनके समय में आटा 22 रुपये लीटर था और आज आटा की कीमत 40 रुपये लीटर है, हालांकि बाद में सुधारा, पर तब तक देर हो चुकी थी। कांग्रेस की घुर विरोधी भाजपा ने इसे हाथों-हाथ लपका और इनकी भाषण की हवा निकाल दी। सोशल साइट पर तो राहुल गांधी के इस स्टेटमेंट की धूम मची है, लोग चटखारे लेकर उनके इस बयान को सुन रहे हैं।
पता नहीं कैसे-कैसे लोग राहुल गांधी का भाषण तैयार करते हैं, जिन्हें लीटर और किलो का प्रयोग कहां करना है, पता ही नहीं। चलिए, युग-युग जिये राहुल गांधी, क्योंकि इनका रहना भाजपा के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है, ये इसी तरह चुटकुले बनाकर भाषणों में सभी को सुनाते रहे, लोग हंसते रहे, क्योंकि शायद राहुल गांधी मानते हैं कि इस महंगाई में भी हंसना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है।