कारपोरेट जगत के पैसों से फाइव स्टार होटल में पत्रकारों को कराये गये कारपोरेट ब्रेकफास्ट के बीच भाजपा के अमित शाह द्वारा पेश संकल्प पत्र की झामुमो ने उड़ाई धज्जियां, सुप्रियो के उठाए सवाल पर भाजपा ने साधी चुप्पी
सुप्रियो भट्टाचार्य उवाच – आज का सुबह तो आप पत्रकारों को अच्छा बीता। इसके लिए आप सबको बधाई। सुबह आठ बजे से साढ़े दस बजे तक रांची के पांच सितारा होटल में कारपोरेट ब्रेकफास्ट हुआ। अच्छी बात है। संपन्न लोगों की यहीं पहचान होती है, पर उस संपन्नता के पीछे जो संसाधन है, वो कारपोरेट का ही लगा रहता है और कारपोरेट लूटने-खसोटने का जो मंशा पाले हुए हैं। उनकी जो प्रवृत्ति रही है। उसी के खिलाफ ये लोकतंत्र का महापर्व है।
आश्चर्य की बात हैं, जब सुप्रियो भट्टाचार्य अपने संवाददाता सम्मेलन में ये सारी बातें कह रहे थे, तब उस संवाददाता सम्मेलन में आये किसी पत्रकार के चेहरे पर न तो शिकन देखी गई और न ही शर्म और हया पाया गया। होगा भी कैसे, अब तो पत्रकार और पत्रकारिता दोनों भाजपा नेता द्वारा बनाये गये हरमू नदी के सौदर्यींकरण के बाद बने हरमू नाले में कब के बह गये और जो बचे है, वो चाहते है कि जो भी कुछ बचा हैं, उसे भी समाप्त कर दें। खैर, अब आगे बढ़ते हैं।
आज भाजपा के एक बहुत बड़े, मतलब इतने भी नहीं बड़े, प्रधानमंत्री से छोटे यानी अमित शाह रांची में थे। उन्होंने अपने हाथों से संकल्प पत्र पेश किया। जिस संकल्प पत्र की झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक-एक कर ऐसी धज्जियां उड़ा दी कि इसका जवाब किसी भाजपा नेता के पास न कभी था और न कभी होगा। हां, अगर कोई कटदलीली करें, तो उसकी बात कुछ और हैं।
सुप्रियो ने कहा कि बहुत दिनों के बाद संकल्प पत्र के नाम पर बनी पुस्तिका पर बाबूलाल मरांडी का फोटो दिखा, उस पुस्तिका में कार्यकारी अध्यक्ष रवीन्द्र राय (भूमिहार नेता) और अनन्त ओझा का फोटो हैं। बाकी अंदर के किसी भी पेज पर झारखण्ड के किसी भी नेता का फोटो नहीं हैं। सभी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छाये हुए हैं। जिनके फोटो हैं, उनके संदेश भी छपे हैं।
अमित शाह ने संकल्प पत्र पेश करने के दौरान हेमन्त सोरेन से सवाल किया कि आपने कहा था कि पांच साल में पांच लाख लोगों को नौकरी देंगे। भाई, तो यही सवाल हमारा नरेन्द्र मोदी से हैं, क्योंकि यहां बाबूलाल मरांडी तो चुनाव लड़ नहीं रहे हैं, यहां तो मोदी जी ही चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल तो हम मोदीजी से ही पूछेंगे कि वे बतायें कि उन्होने भी वादा किया था कि वे प्रति वर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरियां देंगे। अब ऐसे में 11 साल हो गये, मोदी और उनके नेता बतायें कि क्या उन्होंने देश के 22 करोड़ लोगों को नौकरियां दी? अरे आपने उलटे 20 करोड़ लोगों की नौकरियां छीन ली। चाहे वो सर्विस सेक्टर हो या टेलीकॉम सेक्टर या गवर्नेंस पीएसयू हो या सेना की नौकरियां, सभी में ताला लगवा दिया और सवाल हेमन्त सोरेन से पूछते हैं।
सुप्रियो ने कहा कि आप भ्रष्टाचार की बात करते हो। सारे भ्रष्टाचार के महाराज तो आपने पाल रखे हैं। व्यापमं घोटाला – शिवराज सिंह चौहान, वाटर गेट घोटाला – हिमंता, 17 हजार करोड़ का घोटाला करनेवाले अजीत पवार की संपत्ति को ईडी ने जब्त किया आपने उसे डिप्टी सीएम बना दिया। येदियुरप्पा, बोम्मई, नारायण राणे कितने लोगों को नाम हम लें। अब चलिये झारखण्ड को देख लीजिये। ये कमलेश सिंह, मधु कोड़ा, भानुप्रताप शाही और ये हरिनारायण राय, जिसके घर आधी रात को जाकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता नाक रगड़ रहे थे, ये सारे लोग कौन हैं? है इसका कोई जवाब?
सुप्रियो ने कहा कि आप घुसपैठ की बात करते हो। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि सारे घुसपैठ असम से होते हैं। इसका जिम्मेवार कौन है? उसका मुख्यमंत्री भागकर यहां क्यों बैठा है? आपने एनआरसी असम में लागू किया, क्या हो गया, आपने यूसीसी उत्तराखण्ड में लागू किया, क्या हो गया? पूरा संथाल परगना, कोल्हान जहां दो-तिहाई बांगलाभाषी रहते हैं। आपने बांगलाभाषी को बांगलादेशी घुसपैठिया बता दिया।
सुप्रियो ने कहा कि ये कहते है कि सीजीएल रद्द करवायेंगे। अरे नीट में कहां से पेपर लीक हुआ। गुजरात के गांधी नगर से। सात सालों में 17 बार योगी सरकार में पेपर लीक हुए। मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाला को कौन नहीं जानता। ये कहते हैं कि गोगो दीदी योजना में 2100 रुपये देंगे। अरे हम तो उससे ज्यादा अभी से ही 2500 रुपये दे रहे हैं, इसका मतलब है कि आप आनेवाले समय में 400 रुपये और कम करने की योजना बना रहे हैं। ओडिशा में तो आप 750 और छत्तीसगढ़ में तो 350 रुपये ही देते हैं।
सुप्रियो ने कहा कि आप ओबीसी आरक्षण लागू करने की बात करते हैं। हमने बिल पास किया है। उसमें एक प्रतिशत एसटी आरक्षण में बढ़ाकर 28 प्रतिशत किया, दलितों का 26 प्रतिशत और ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत किया। जबकि बाबूलाल मरांडी ने अपने शासनकाल में ओबीसी का आरक्षण घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया था। सुप्रियो ने कहा कि महिला सुरक्षा की बात करनेवाले अपने शासनकाल में होनेवाले हाथरस कांड, कठुआ, राम-रहीम, चिन्मयानन्द जैसे लोगों को भूल जाते हैं। ये कहते है कि संथाल से संथाली को राष्ट्रपति बनाया तो मैं कहता हूं कि संथाली तो असम में भी हैं, वहां संथालियों को आप आदिवासी का दर्जा क्यों नहीं देते? उसे जमीन खरीदने क्यों नहीं देते?
सुप्रियो ने कहा कि किसानों की बात करनेवाले बतायें कि 2014 के पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की बात करते थे, आज तक स्वामीनाथन रिपोर्ट क्यों नही लागू किया। इन्हीं की सरकार थी 750 से भी ज्यादा किसानों की शहादत कैसे हो गई? इन्हीं की सरकार भूमि बैंक बनाकर आदिवासियों-मूलवासियों की जोत की जमीन लूटकर भूमि बैक में कैसे मिला लिया। एक रुपये में जमीन की रजिस्ट्री की बात करनेवाले बताये कि ऐसे कितने आदिवासी महिला है कि रांची में रहकर 50 लाख की जमीन की रजिस्ट्री करा लेगी। सच्चाई यह है कि इसका फायदा बाहर के लोगों ने उठाया और मुफ्त में जमीन की रजिस्ट्री करवा ली।
जब रोजगार और नौकरी देने में हो जाओ फेल, तो शुरु करो हिन्दु और मुसलमान का खेल
सुप्रियो ने कहा कि महिला सम्मान की बात करनेवाले महिला का सम्मान तो नहीं करते, तीन तलाक का मुद्दा उठाते हैं, रोटी, कपडा और मकान नहीं दे सकते, सिर्फ हिन्दुस्तान-पाकिस्तान। नो रोटी, नो कपड़ा, नो मकान, सिर्फ हिन्दुस्तान-पाकिस्तान। यहीं नहीं जब रोजगार और नौकरी देने में हो जाओ फेल, तो शुरु करो हिन्दु और मुसलमान का खेल। अरे कौन कारपोरेट को बुलाकर जमीन दिलवाया, पानी दिलवाया, मजदूर दिलवाया, कोयला दिलवाया और यहां का सब कुछ लेकर बांगलादेश में घुसपैठ करवाया। सुप्रियो ने कहा ये लोग बताये कि एचइसी मरणासन्न क्यों हैं? अरे हमारा पैसा रोककर कहता है कि देंगे तो लूट लेगा। अरे जिसने पूरा देश बेच दिया। पोर्ट, एयरपोर्ट, डिफेन्स, कोल, रेल, गेल सभी देश के मात्र दो-तीन लोगों के हाथों बेच दिया। वे झारखण्ड की बेहतरी की बाते कर रहे हैं।
सुप्रियो ने यह भी कहा कि इन्होंने 2001 के पहले कहा था कि 15 लाख रुपये देंगे। जैसे ही हमने QR कोड देखा। हमें समझ आ गया बेटा 15 लाख। हम तो ये क्यूआर कोड देखते ही खुश हो गये। इसी खुशी में पांच-छः सौ रुपये भी खर्च कर डाले। कुछ लोगों से ये भी बोल दिया कि भाजपा जो कहता हैं, वो करता हैं, लेकिन ये क्या जैसे ही क्यू आर कोड स्केन किया। लिखा आया – मैनिफेस्टो लाइभ शॉर्टली। मतलब यहां भी भाजपावालों ने ठग दिया। मतलब – झूठ, लूट, ठगपत्र है, क्यूआर कोड जुमला है। नहीं हैं, इसमें नौकरी कुछ नहीं हैं यहां, इसलिए मत पड़ो इस क्यूआर कोड के चक्कर में। सुप्रियो ने कहा कि ये उसका संकल्प पत्र बता रहा है कि भाजपा 20 दिन पहले ही हार स्वीकार कर चूकी है। असम के सीएम हिमंता को चाहिये कि वो असम जाकर आराम करें, ज्यादा दिमाग न लगायें।