अपनी बात

ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के बेटे ललित दास के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर गुस्साए बीजू जनता दल और कांग्रेस के विधायकों ने अभिभाषण का किया बहिष्कार

हालांकि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने अपने बेटे ललित दास पर पड़े हिंसात्मक छीटें को धोने का भरसक प्रयास किया। ओडिशा की भाजपा सरकार भी, उनके इशारे पर ललित दास को बचाने में ज्यादा दिमाग लगाई। जिस सरकारी अधिकारी ने रघुवर दास के बेटे पर मारपीट करने का आरोप लगाया था, उसे राजभवन से स्थानान्तरित करवा दिया दिया और ऐसा मान लिया गया कि मामले का पटाक्षेप हो गया।

लेकिन कल जिस प्रकार से ओडिशा विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल बीजू जनता दल और उसके साथ कांग्रेस ने भी राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया और राज्यपाल के बेटे ललित दास की हरकतों पर सरकार और राज्यपाल को घेरा, उससे साफ लगता है कि राज्यपाल रघुवर दास और ओडिशा की भाजपा सरकार की राहें आसान नहीं हैं।

ये मुद्दा राज्यपाल रघुवर दास और भाजपा दोनों के लिए खतरें का  संकेत दे गया। लगता है बीजू जनता दल इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं हैं। बीजू जनता दल के अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष ने तो मीडियाकर्मियों से बात करते हुए साफ कह दिया कि उनके शासनकाल में ऐसा माहौल नहीं था। यहां तो कानून व्यवस्था ही ध्वस्त हो गई। उन्होने कहा कि उनके शासनकाल में कितना भी पहुंचवाला व्यक्ति क्यों न हो, अगर उसने गलती की है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होती थी।

लेकिन वर्तमान में राज्यपाल के बेटे ललित दास ने जो गंदी हरकत की उसे बचाने का काम किया जा रहा है, जबकि होना चाहिए कि उसके खिलाफ भी कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए थी। नवीन पटनायक के शब्दों में – “मेरी पार्टी और मैं यह देखकर निराश और आश्चर्यचकित हैं कि वर्तमान सरकार ने राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिसने एक सरकारी अधिकारी के साथ हिंसा की थी। हम इस घटना से स्तब्ध है। ऐसा लगता है कि हमारे राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। जब मैं सरकार में था, मंत्री, विधायक, सांसद, वरिष्ठ सरकारी कर्मचारी अगर कानून तोड़ते थे, तो उनके खिलाफ भी त्वरित कार्रवाई होती थी। राज्य सरकार को कानून के मुताबिक काम करनी चाहिए। यही कारण रहा कि सत्र की शुरुआत में उनकी पार्टी के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया।”