CM हेमन्त सोरेन का ऐलान – रांची में लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से खोला जायेगा कौशल विकास कॉलेज
आज तकनीक का जमाना है। कल- कारखानों से लेकर आम जनजीवन में मशीनें जगह लेती जा रही है। ऐसे में आपका स्किल्ड होना हर हाल में जरूरी है। ऐसे में राज्य के युवाओं को स्किल्ड करने पर सरकार का विशेष जोर है। इसी कड़ी में राजधानी रांची में लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से कौशल विकास कॉलेज खोला जाएगा। यहां अलग-अलग युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने एक निजी संस्थान द्वारा संचालित आईटीआई कौशल विकास कॉलेज/ नर्सिंग एवं कल्याण गुरुकुल के लगभग 500 विद्यार्थियों को विभिन्न संस्थाओं/ संस्थानों के लिए नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि झारखंड की गिनती देश के पिछड़े राज्यों में होती है। ऐसे में गरीबी और पिछड़ेपन से राज्य को कैसे निकालें, इस दिशा में तेजी के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यहां की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। इन्हें जीविका के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है, ताकि ग्रामीण युवाओं को रोजगार स्वरोजगार से जोड़कर उनकी आय बढ़ा सकें।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि बेहतर आमदनी और बेहतर भविष्य के लिए युवाओं का पलायन होता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब युवा आगे बढ़ेंगे। अपने कार्यों को बेहतर तरीके से संपादित करेंगे तो निश्चित तौर पर राज्य की अर्थव्यवस्था का पहिया भी घूमेगा। सभी के सहयोग से सशक्त और विकसित झारखंड बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती विशेषकर आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा और बुजुर्गों के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई है, उसके बेहतर और सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। इसमें जिन सहयोगियों को सरकार के साथ जोड़ा, उन्होंने भी पूरा सहयोग किया है। एक बेहतर टीम से बेहतर राज्य बनाने का संकल्प पूरा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में पंचायत स्तर पर शिक्षित ग्रामीण युवाओं को दवा दुकान संचालित करने का लाइसेंस दिया जा रहा है। इस व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए हम मेडिकल सर्किट बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके तहत चिकित्सकों के साथ दवा दुकान संचालक ऑनलाइन जुड़े रहेंगे ताकि इमरजेंसी में विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लेकर वे दवा मरीजों को दे सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो शुरुआत है। आने वाले दिनों में पंचायतस्तरीय दवा दुकानों में जाँच घर और एंबुलेंस सेवा आदि की भी कड़िया जुड़ेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और अपोलो समूह ने राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की इच्छा बताई है। इनके द्वारा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खोला जाना है। इसके अलावा भी और कई अस्पताल राज्य में खुल रहे हैं। टाटा समूह द्वारा कुछ दिनों पहले रांची में आधुनिक कैंसर अस्पताल खोला गया है। ऐसे में नर्सिंग के क्षेत्र में युवाओं के लिए काफी संभावनाएं हैं। हमारी सरकार का निर्णय लिया है कि अब नर्सिंग कोर्सेज लड़के भी कर सकेंगे। इसके लिए जल्द सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में जो भी संस्थाएं यहां के युवाओं को स्किल्ड करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है, वे उसका डेटाबेस तैयार कर सरकार के साथ भी साझा करें, ताकि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने में सहूलियत हो। सरकार ने राज्य में निजी क्षेत्र में 40 हज़ार तक मासिक वेतन वाली नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय के लिए आरक्षित करने का कानून बनाया है। ऐसे में प्रशिक्षित युवाओं को यहां भी जॉब मिलेगा।
इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चम्पाई सोरेन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आदिवासी कल्याण आयुक्त लोकेश मिश्रा, रांची जिले के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल भी मौजूद थे।