अपनी बात

ठन-ठन गोपाल हाथ में आने से नाराज जनता ने कहा कि काश उनका भी सांसद निशिकांत टाइप होता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निशिकांत प्रेम और झारखण्ड के अन्य सांसदों को उतना भाव नहीं देना, आनेवाले समय के लिए झारखण्ड भाजपा को मुसीबत में डाल सकता है, चाहे प्रधानमंत्री और उनके चाहनेवाले इस बात को स्वीकारें अथवा न स्वीकारें, पर इस सत्य को कोई नकार नहीं सकता। कहने का मतलब यह है कि हो सकता है कि भाजपा को आनेवाले 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान झारखण्ड में गोड्डा सीट मिल जाये पर अन्य तेरहों सीटें उसके हाथ से निकलने का खतरा अब मंडराने लगा है।

आज ही की बात ले लीजिये, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बाबा नगरी देवघर से 16 हज़ार 8 सौ 35 करोड़ रुपए की, झारखण्ड को 25 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात दी, पर इस बात की सोशल साइट में कही चर्चा नहीं हैं, चर्चा सिर्फ इस बात की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवघर को एयरपोर्ट, एम्स, गोड्डा में रेल-सेवा तक मुहैया करा दी, पर धनबाद, बोकारो व जमशेदपुर शहर के लोग जो वर्षों से एयरपोर्ट-एम्स आदि की मांग कर रहे थे, उन्हें ठन-ठन गोपाल हाथ में थमा दिया गया।

लोग इस बात को लेकर अपने सांसदों को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, लोगों का कहना है कि सांसद तो सिर्फ निशिकांत हैं, जो अपने इलाके में जो चाहे वो मंगवा लेते हैं, और हमलोगों का सांसद किसी काबिल नहीं, उसकी हिम्मत भी नहीं कि प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी मांग रख सकें। गोड्डा सांसद ने अपने इलाके में असंभव मांगों को संभव करा दिया, उनके इलाके में एम्स हैं, ट्रेनें आ गई और अब तो हवाई अड्डा भी मौजूद हैं, पर गोड्डा के अनुपात में धनबाद, जमशेदपुर, डालटनगंज और बोकारो को क्या मिला?

आश्चर्य इस बात की भी है कि लोग अपने सांसदों को जमकर कोस रहे हैं, पर किसी सांसद की हिम्मत नहीं कि सोशल साइट पर चल रहे इस वायरल संवादों पर अपना प्रतिवाद बयान के रुप में दे सकें। सभी की घिग्घी बंद हैं। सभी जनता की गुस्साओं से भय खा रहे हैं और घर पर हर-हर मोदी, घर-घर मोदी का मंत्र जाप कर रहे हैं। कई लोग तो यह कह रहे है कि काश उनका भी सांसद निशिकांत की तरह होता, जो चाहे वो कराता, पर उनके भाग्य में ऐसा सांसद कहां है?

ऐसा नहीं कि जनता ही सिर्फ क्रोधित है, क्रोधित तो भाजपा के बड़े-छोटे पुराने सभी समर्पित कार्यकर्ता भी हैं, पर वे बोल नहीं पा रहे। एक ने तो नाम न छापने के शर्त पर विद्रोही24 को बताया कि भाजपा की राजनीति भी कारपोरेट हो गई हैं, जिसका सुंदर उदाहरण देवघर-गोड्डा को आंख मूंदकर मिल रही केन्द्र से सहायता है, नहीं तो यही चीजें दूसरे संसदीय इलाकों में क्यों नहीं देखने को मिल रही?

इधर सोशल साइट पर भाजपा के खिलाफ मुखर हो रही जनता से भाजपा के घुर विरोधी प्रसन्न दीख रहे हैं, हालांकि कुछ भाजपाई, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनके मंत्रियों द्वारा पीएम के साथ फोटो खिंचाने के लिए लालायित रहने की प्रवृत्ति को मूर्खता की संज्ञा दी तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का एयरपोर्ट पर जरुरत से ज्यादा पीएम मोदी की ओर झूक जाना, अपनी सरकार को बचाने के अनुनय-विनय करने की मुद्रा बता दिया, क्योंकि राज्य की हेमन्त सरकार पर केन्द्र की नजर तो हैं ही, ऐसा कहनेवालों का कहना था कि आखिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतना क्यों नहीं झूकते, जितना हेमन्त झूक जाते हैं, ये जो झूकना हैं न, वो सब कुछ बता देता है कि आप केन्द्र से कितने डरे हुए हैं।  

माल महाराज के मिर्जा खेले होली

इधर रांची में जैसे ही रातू रोड में एलिवेडेट रोड बनाने की घोषणा हुई, भाजपा विधायक सीपी सिंह इसका सारा श्रेय लेने के लिए सड़कों पर निकल पड़ें, मिठाइयां बांटी, अपने गले में फूल-माला लदवा लिया, पर सच्चाई क्या हैं? सच्चाई यह है कि रातू रोड में जो एलिवेटेड रोड की घोषणा हुई हैं, उसके केन्द्र में रांची के सांसद संजय सेठ हैं, जिनके प्रयासों ने रंग लाया, अब रातू रोड में एलिवेटेड रोड बनेगा। मतलब अजब-गजब झारखण्ड है। अजब-गजब सरकार है। जो कुछ नहीं है, वो बहुत कुछ है और जो सब कुछ है, वो कुछ भी नहीं है।