रांची में असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद, मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया, भाजपा ने की तीखी आलोचना, प्रशासन मौन
लगता है कि हेमन्त सरकार के रहते झारखण्ड में अमन-चैन अब संभव नहीं हैं, क्योंकि जिस प्रकार से असामाजिक तत्वों ने पूरे प्रदेश में सर उठाकर अमन-चैन को प्रभावित किया हैं, वैसा नजारा दूसरे प्रदेशों या राज्यों में देखने को नहीं मिलता। हाल ही में जिस प्रकार दस जून को रांची के शांतिप्रिय लोगों ने असामाजिक तत्वों को सरेआम रांची में गुंडागर्दी करते देखा, वो दृश्य तो विरले ही कहीं देखने को मिलता है।
दस जून को असामाजिक तत्वों ने रांची के कई हिन्दू मंदिरों को अपना निशाना बनाया था, पुलिस पदाधिकारियों पर पथराव तो किया ही, गोलियां भी चलाई थी, पर हुआ क्या? असामाजिक तत्वों पर तो कार्रवाई हुई नहीं, उलटे पुलिस पदाधिकारियों पर ही हेमन्त प्रशासन ने अपना गुस्सा उतार दिया। नतीजा देख लीजिये पांडू में महादलितों के साथ एक समुदाय विशेष के लोगों ने क्या किया?
मुस्लिम बहुल गांवों में तो स्कूलों में प्रार्थना पद्धति ही बदल दी गई, जैसे लगता हो कि भारत एक इस्लामिक राष्ट्र है। पूरे राज्य में लव जेहाद की हालत यह है कि लड़कियों से छेड़खानी और उन पर एसिड फेंकने की घटना आम बात हो गई है, पर पुलिस उपरि दबाव में कुछ भी करने से बच रही है और लीजिये आज दुर्गा पूजा के अवसर पर रांची के मेन रोड स्थित मल्लाह टोली में हनुमान मंदिर में स्थित हनुमानजी की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।
पर प्रशासन मौन, क्योंकि वो जानती है, कि दबाव बनायेंगे तो उनका जो वोट बैंक हैं, वो बिफर जायेगा, इसलिए हिन्दू मंदिरों पर कुछ भी हो जाये, होठ सील लो, कुछ भी कानूनी कार्रवाई मत करो। इधर इस घटना के बाद भाजपाइयों ने एक स्वर से इस घटना की निन्दा की है, ट्विट में इस घटना की जिक्र करते हुए प्रशासन पर सवाल दागे हैं। सबसे पहले बाबू लाल मरांडी के क्रमानुसार ट्विट को देखिये…
बाबू लाल मरांडी का ट्विट – मेन रोड में महावीर मंदिर में प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मंदिर के ठीक सामने गुरुद्वारा है, बगल में विशाल क्लब दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। विगत 10 जून को ही इसी क्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में दंगाइयों ने हमला किया था। शहर के इस व्यस्ततम इलाके में फिर से ऐसी घटना शहर के विधि व्यवस्था की पोल खोलती है। इस क्षेत्र में कई बड़े व्यवसायिक संस्थान है, जिनके सीसीटीवी कैमरे की मदद से हमलावरों की पहचान की जा सकती है। रांची पुलिस इस मामले में सक्रियता से छानबीन करें और जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करें।
बाबू लाल मरांडी का दूसरा ट्विट – एक बार फिर राजधानी राँची में हेमंत सोरेन के तुष्टिकरण वाली क़ानून व्यवस्था की पोल खुल गई है। व्यस्ततम मेन रोड स्थित महावीर मंदिर की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। बीते 10 जून को इसी जगह जुमे की नमाज़ के बाद उपद्रवियों ने पुलिस बल पर हमला कर दिया था।
बाबू लाल मरांडी का तीसरा ट्विट – आत्मरक्षा के लिये पुलिस को गोली चलानी पड़ी और हाईकोर्ट ने दंगे की इस बड़ी घटना पर संज्ञान ले लिया। तुष्टिकरण की हेमंत सरकार में दंगाइयों को बचाने का प्रयास के चलते उस मामले में अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दुर्गा पूजा के ठीक पहले दुबारा उसी जगह ये घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरयू राय ने ट्विट किया – गत 10 जून को भी जुम्मे की नमाज़ के बाद राँची मेन रोड हनुमान जी मंदिर पर हमला रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी, राँची के सीनियर एसपी हटा दिए गए। आजतक उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली। पुलिस मुख्यालय में हाज़िरी दे रहे हैं। सरकार ने मंदिर की सुरक्षा का प्रबंध नहीं किया।
सरयू राय का दूसरा ट्विट – रांची मेन रोड स्थित श्री हनुमान मंदिर में स्थापित श्री हनुमान जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई करें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सरकार, यह दुष्कृत्य सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का षडयंत्र है। पीएफआई पर लगे प्रतिबंध के आलोक में सरकार उपद्रवियों पर नकेल डाले।
दीपक प्रकाश का ट्विट – हेमंत सरकार की तुष्टिकरण नीति ने असामाजिक तत्वों का मनोबल इतना बढ़ा दिया है कि लगातार राजधानी रांची में मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, विगत रात मेन रोड के मल्लाह टोली में बजरंगबली की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। राज्य सरकार अगर उपद्रवियों पर कड़ा रुख अपनाती तो यह घटना न होती।