अपनी बात

असामाजिक तत्वों ने संघ के प्रति घटिया स्तर की PDF फाइल बनाकर मतदाताओं के मन को की भरमाने की कोशिश, स्वयंसेवक राजतिलक ने की चुनाव आयोग से की इसकी शिकायत, EC रेस

लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। दूसरी ओर असामाजिक तत्व भी इस चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए नये-नये तरीके ईजाद कर रहे हैं और मतदाताओं के मन-मस्तिष्क को भरमाने की तरीके ढूंढ कर उसे फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इन असामाजिक तत्वों के इस तरीके से कितने लोग प्रभावित होंगे। फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता।

लेकिन ये तो माना ही जा सकता है कि इन असामाजिक तत्वों की सोच कितनी खतरनाक हैं और भारत को विखंडित करने के लिए किस तरीके की सोच रखते हैं। अगर इन असामाजिक तत्वों की पहचान नहीं की गई और उन्हें नहीं दंडित किया गया तो ये भविष्य के लिए बहुत बड़े खतरे का संकेत हैं। इसे भारत सरकार और चुनाव आयोग को भी समझ लेना चाहिए।

बताया जा रहा है कि जिस पुस्तक की पीडीएफ फाइल बनाकर लोगों के बीच बांटा जा रहा है। उस पीडीएफ फाइल के प्रथम पृष्ठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी का फोटो हैं। पुस्तक का नाम भारत का नया संविधान दिया गया है, तथा पुस्तक के लेखक मोहन भागवत को बता दिया गया है। जो पुरी तरह से फेक है। यह 16 पृष्ठों का पूरी तरह फेक किताब में ब्राह्मण समुदाय को खलनायक की तरह पेश किया गया है, इसी प्रकार हिन्दू समुदाय के क्षत्रियों व वैश्यों को कम खलनायक की तरह पेश किया गया है। जबकि शूद्रों के समक्ष ब्राह्मणों को महाखलनायक बना दिया गया है।

इस फेक पीडीएफ फाइल बुक की एक प्रति संघ के एक स्वयंसेवक राजतिलक सिंह को लगी है। जिसे उन्होंने चुनाव आयोग को भेजा है। और इस पर कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इधर चुनाव आयोग ने भी उनसे संपर्क कर कुछ अन्य जानकारियां मांगी है। राजतिलक सिंह द्वारा चुनाव आयोग को लिखित पत्र इस प्रकार है –

Chief Election Commissioner Sir,

New Delhi

Subject – In relation to spreading misleading fake PDF of the Constitution of India on social media from anti-social elinenent agenst Bharatiya Janata Party in this election.

Sir, I am an volunteer of Rashtriya Swayamsevak Sangh and also a conscious voter, this attached PDF is about changing the Constitution with the photo of our Sarsanghchalak Shri Mohan Bhagwat, ji please immediately stop the activities of influencing the elections with such misleading lies and send it to the original source. please take action

Sincerely

Rajtilak Singh

इधर राजतिलक सिंह के द्वारा मिले पत्र के बाद चुनाव आयोग द्वारा प्रेषित पत्र इस प्रकार है –

राजनीतिक पंडितों की मानें तो खूंटी हमेशा से ही इस प्रकार के कांडों के लिए चर्चित रहा है और इधर जब से भाजपा और संघ के लोगों ने अपनी भूमिका को जमीन पर लाने की कोशिश की है। तभी से यहां असामाजिक तत्व कुछ ज्यादा सक्रिय हुए हैं। शायद उन्हें लगता है कि कि संघ अगर यहां पांव फैलाया तो यहां फिर उनकी दुकान जो उनकी चल रही हैं – धर्मांतरण की। वो बंद हो जायेगा।

ये इसी प्रपंचों को सिद्ध करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इस बार इन्होंने मोहन भागवत का सहारा लेकर, हथकंडे अपनाये हैं। पर ये उसमें सफल होंगे। इसकी संभावना न के बराबर हैं। इधर कई स्वयंसेवकों ने राजतिलक सिंह द्वारा चुनाव आयोग के साथ किये गये पत्राचार की घटना की जमकर सराहना की है।