आदिवासी बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनानेवाला अरमान अंसारी बांगलादेशी, मामला लव जिहाद के अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र का – बाबू लाल
झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से बताया है कि दुमका आदिवासी नाबालिग बच्ची हत्या कांड के अभियुक्त अरमान अंसारी का पता पुलिस वाले दुमका जिले के जिस पिंडरगरिया गाँव का बता रहे हैं, वास्तव में वह वहां का रहनेवाला है ही नहीं, बल्कि वो पूर्ण रुप से बांग्लादेशी है, क्योंकि उस के माँ, बाप या किसी रिश्तेदार का अता-पता पिंडरगरिया गाँव में है ही नहीं।
उन्होंने आगे लिखा है कि इससे अब साफ़ पता चल गया है कि अरमान के बांग्लादेशी होने की सच्चाई को पुलिस जानबूझकर छिपा रही है। लव जिहाद के अंतरराष्ट्रीय षड़यंत्र पर पर्दा डाल षड़यंत्रकारियों को बचाने में झारखण्ड पुलिस लगी हुई है। उन्होंने सोशल साइट पर उस प्रपत्र को भी सार्वजनिक किया है, जिसमें ग्राम प्रधान ने भी इस बात को स्वीकारा है कि पिंडरगरिया में अरमान नाम का कोई व्यक्ति कभी रहा ही नहीं और न देखा गया।
बाबू लाल मरांडी ने यहां तक कहा है कि गाँव वालों का यह संलग्न बयान देखा जा सकता है जो प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर कहा कि झारखंड पुलिस और आदिवासियों की दुश्मन बनी बैठी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से इतने गंभीर मामले की जाँच की उम्मीद नहीं। इसलिए एनआइए इस मामले की जाँच अपने हाथ में ले।