प्रेम प्रकाश के घर जैसे ही ईडी को ए के 47 मिला, सत्तापक्ष और विपक्ष के दोनों नेताओं में घबराहट और बेचैनी बढ़ गई, दोनों बगलें झांकने लगे
ईडी की छापेमारी के दौरान प्रेम प्रकाश के घर से मिले ए के 47 ने जहां कई नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं, वहीं रांची पुलिस ने कई राजनीतिज्ञों के दिलों की धड़कनों को उस वक्त शांत कर दिया, जब उसने कह दिया कि प्रेम प्रकाश के घर से मिले ए के सैतालिस दरअसल उनके ही दो आरक्षियों के हैं, जो वहां रखे हुए थे, हालांकि दोनों आरक्षियों को इस घोर लापरवाहियों के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है एवं अग्रेतर कार्रवाई की बात की जा रही है, फिर भी रांची पुलिस के इस स्पष्टीकरण के पूर्व से लेकर अब तक स्थितियां बहुत कुछ बदल गई।
स्थितियां ऐसी हुई कि कई मीडिया हाउस ने इस घटना को राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से जोड़ने का काम कर दिया, जिससे मुख्यमंत्री की छवि धूमिल होने लगी, इधर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की छवि धूमिल होता देख झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के अधिकारियों व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला। आईपीआरडी ने तो फरमान जारी कर दिया कि अगर किसी भी मीडिया हाउस ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ आरोपी का नाम जोड़ा तो वो कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहे।
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने तो प्रेस कांफ्रेस करके साफ कह दिया कि आरोपी का तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से मधुर संबंध रहे हैं, उसके फोटो तो सोशल साइट पर वायरल है। खुद आरोपी के साथ कई फोटो उनके आज भी मौजूद है, लेकिन कोई मीडिया हाउस आखिर रघुवर दास से आरोपी का नाम क्यों नहीं जोड़ रहा।
दूसरी ओर सरयू राय ने सोशल साइट पर कई धमाके किये। उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह को कोट करते हुए लिखा कि लगता है कि झारखण्ड सरकार के पुलिस महकमे में गैंग ऑफ वासेपुर कायम हो गया है। प्रेम प्रकाश के घर से जब्त ए के 47 राइफलों की जांच एनआईओ को सौंपी जाये। दोषियों पर कार्रवाई हो, भले ही वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हो?
आगे सरयू राय ने लिखा कि प्रेम प्रकाश की आलमारी में रखे दो ए के 47 राइफल्स, राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराधिक आयाम ले चुका है। प्रेम प्रकाश के दो प्रेमी मुख्यमंत्रियों में से किसके शासन में कौन सी ए के 47 उसने हासिल किया और कैसे हासिल किया, यह तो वही बता सकता है, इस पर अवैध हथियार का आतंकवादी कनेक्शन भी संभव है।
इसके बाद सरयू राय सोशल साइट पर फिर लिखते है – प्रेम प्रकाश को गिरफ्त में लेने के बाद इसके पुराने साथियों, खासकर घोटालेबाज गिरोह के नये-पुराने, सरकारी-गैर सरकारी धंधों में रांची से जमशेदपुर तक नये-पुराने प्रेमियों के बीच समन्वयक की सक्रिय जिम्मेदारी निभाने में गतिशील चौधरी के चर्चित कारनामें अब ईडी के संज्ञान में आ जायेंगे।
उधर भाजपा ने भी मोर्चा संभाला और हेमन्त सरकार को कटघरे में खड़े करने के लिए बयानबाजी शुरु कर दी। भाजपा के प्रदीप वर्मा ने कहा कि जब-जब ईडी या अन्य एजेंसियों के द्वारा राज्य के सत्ताधारियों और उनसे जुड़े लोगों की भ्रष्टाचार की परतें खुल रही है, झामुमो की बौखलाहट बढ़ती जा रही। भाजपा नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डुबी राज्य सत्ताधारी दल के लोग मीडिया में थोथी दलील और सड़क पर प्रदर्शन करके भ्रष्टाचार को ढंकना चाहते हैं ,जबकि राज्य की जनता इनसे दिग्भ्रमित होने वाली नही है।
वर्मा ने कहा कि राज्य के आईएएस अधिकारी के यहां ईडी की छापेमारी, उनसे जुड़े ठिकानों की छापेमारी, पूजा सिंघल की गिरफ्तारी पर झामुमो कांग्रेस की संयुक्त प्रेसवार्ता, सड़क पर ईडी के खिलाफ प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि राज्य की सत्ता में बैठे लोग भ्रष्टाचार के जनक भी हैं और पोषक भी। वर्मा ने कहा कि अब तो हद हो गई अब नोटों का बंडल ही नहीं, ए के 47 जैसे हथियार भी छापेमारी में बरामद हो रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के साथ अपराध और अपराधियों को भी राज्य सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।