बेंगलुरू में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में मणिपुर और परिसीमन पर RSS की विचारधारा की प्रशंसा JMM ने की, साथ ही सवाल भी उठाए, जब RSS मान रही कि इससे असंतुलन बढ़ेगा तो BJP को आपत्ति क्यों?
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हाल ही में त्रिदिवसीय बैठक बेंगलुरू में सपन्न हुई है। यह बैठक सामान्य बैठक नहीं थी। यह संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक थी। जिसमें वार्षिक प्रतिवेदन व आनेवाले समय में एक वर्ष के अंदर कौन-कौन से कार्यक्रम में लिये जायेंगे। इस पर चर्चा हुई।
सुप्रियो ने कहा कि संघ ने 2020 में कहा था कि 2025 में जब संघ के एक सौ साल पूरे हो जायेंगे तो वह इसका व्यापक स्तर सेलीब्रेशन करेगा। लेकिन अब पता चल रहा है कि संघ ने अपने पूर्व के द्वारा दिये गये वक्तव्यों में बदलाव लाते हुए, इस पूरे वर्ष आनन्द उत्सव न मनाकर, संघ के फैलाव पर ध्यान देगा।
बेंगलुरु में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में मोहन भागवतजी, होसबोलेजी, भाजपा की ओर से केन्द्रीय मंत्री जे पी नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। जिसमें सभी ने स्वीकार कि संघ की शाखाएं उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में ज्यादा सक्रिय है।
सुप्रियो ने कहा कि इस विशेष बैठक में संघ जो भाजपा का मातृ संगठन हैं। उसने दो प्रमुख निर्णय लिये। पहला मणिपुर जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि विगत 20 महीनों से मणिपुर जल रहा है और इस मणिपुर के हालात को सुधरने में कई वर्ष लग जायेंगे। सुप्रियो ने कहा कि यह झामुमो का बयान नहीं, बल्कि भाजपा के मातृ संगठन का बयान है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया। लेकिन संघ की ओर से बयान आ गया। संघ ने यह भी बताया कि वहां रामकृष्ण मिशन, इस्कॉन, चिन्मय आश्रम अच्छा काम कर रहे हैं।
दूसरा निर्णय था – परिसीमन। संघ ने स्वीकार किया कि इस बार का परिसीमन राज्यों के बीच खाई पैदा करेगा। दक्षिण भारत का संतुलन बिगड़ जायेगा। उत्तर भारत का प्रभुत्व बढ़ जायेगा। संघ को जमीनी हकीकत मालूम है, लेकिन भाजपा को नहीं पता। सत्ता के लिए भाजपा असंतुलन की राजनीति करने पर आमदा है।
सुप्रियो ने कहा कि झामुमो की मांग है कि परिसीमन बंद होना चाहिए, क्योंकि ये देश के राष्ट्रीय संतुलन को बिगाड़नेवाला है। जहां जनसंख्या नियंत्रित हुई, इससे उनका हक मारा जायेगा। सुप्रियो ने कहा कि जब संघ इस बात को स्वीकार कर रही हैं तो भाजपा को इसे स्वीकार करने में आपत्ति क्यों हैं?