हेमन्त सरकार और झारखण्ड पुलिस पर बाबू लाल मरांडी ने गिराये छह टिव्टर बम, दोनों को जनता के बीच किया नंगा
भाजपा विधायक दल के नेता व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने आज छह टिव्टर बम गिराये हैं। ये सारे टिव्टर बम हेमन्त सरकार और उनकी आज्ञाकारी व उनके पदचिन्हों पर चलनेवाली पुलिस के उपर है, जिसका जवाब न तो हेमन्त सरकार के पास हैं और न ही झारखण्ड पुलिस के पास है, आखिर वो टिव्टर बम क्या है?
उन छहों टिव्टर बमों को लोगों को ध्यान से देखना चाहिए। ये टिव्टर बम साफ बता रहे है कि झारखण्ड पुलिस को बंगाल पुलिस की तर्ज पर ले चलने की कोशिश की जा रही है, ताकि जैसे मर्जी हो सकें, केन्द्र को नाच नचाया जाये। कमाल की बात है, कि जिन मुद्दों को लेकर छापामारी की जा रही हैं, उन मुद्दों पर केन्द्रीय एजेंसियों को विश्वास में नहीं लिया गया, बल्कि अपनी तर्ज पर छापामारी शुरु कर दी गई।
राजनीतिक पंडित बताते है कि अगर ऐसा चलन बढ़ा तो निश्चय ही इसका भीषण परिणाम झारखण्ड को भुगतना ही पड़ेगा, क्योंकि बंगाल व झारखण्ड में आकाश-जमीन का अंतर है, और यहां भाजपा जितना मजबूत हैं, उतना झामुमो किसी जिंदगी में मजबूत नहीं हो सकती, और अभी जो झामुमो ने जो रवैया अपना रखा है।
उस रवैये ने झामुमो को कितना नुकसान पहुंचाया है, जनता के बीच वो कितनी अलोकप्रिय हो गई, उसे पता ही नहीं हैं, सच्चाई तो यह भी है कि झामुमो में ही अब धीरे-धीरे बगावत के स्वर फूटने लगे हैं, जिस पर अभी हेमन्त सोरेन का ध्यान ही नहीं, ऐसे हालात में बाबू लाल मरांडी के टिव्टर बम ने हेमन्त सरकार और झारखण्ड पुलिस दोनों को नंगा कर दिया है।
पहला टिव्टर बम – झारखण्ड में पुलिस अनवरत् दर्जनों छापामारी कर कथित हवाला कारोबारियों के यहां रुपया ढूंढ़ने का ड्राइव चला रही है। यह अलग बात है कि एक रुपये भी कही से बरामद होने की सूचना अब तक नहीं हैं।
दूसरा टिव्टर बम – खबरों में बताया गया है कि पुलिस ने वैसे ठिकानों से कुछ कागजात बरामद किये हैं, जो अब आयकर विभाग को भेजा जा रहा है। यह बात मेंरे समझ से परे हैं कि नोट ढूंढ़ने में रांची पुलिस की इतनी दिलचस्पी का राज क्या है? इस टिव्ट को इन्कम टैक्स इंडिया से भी जोड़ा गया है।
तीसरा टिव्टर बम – पुलिस को जेल से फिरौती रंगदारी वसूल रहे अपराधियों समेत लेवी वसूलनेवालों का धंधा बंद कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखता है। क्या आजकल झारखण्ड में पुलिस की प्राथमिकता हवाला कारोबारियों का रुपया ढुंढना ही हैं?
चौथा ट्विटर बम – अगर झारखण्ड की पुलिस को यही करना था तो सटीक सूचना के आधार पर आयकर विभाग को साथ लेकर उनकी मौजूदगी में ही छापामारी करना चाहिए था। आशंका है कि बिना सिर-पैर की गलत सूचना पर इस छापामारी से कारोबारियों में दहशत पैदाकर हफ्ता वसूली का एक नया रास्ता बनाये जाने का प्रयास हो रहा है?
पांचवा टिव्टर बम – क्या झारखण्ड पुलिस वैसे लोगों को चिन्हित कर दंडित करेगी, जिनके गलत सूचनाओं पर छापामारी हुई, दहशत पैदा हुई, पुलिस की प्रतिष्ठा और छवि धूमिल हुई, लेकिन एक रुपया भी कही मिला नहीं?
छठा टव्टिर बम – मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी, अगर आपकी पुलिस काला कारोबार रोकने के लिए इतना ही चिन्तित है, तो बालू, पत्थर, कोयला, शराब, जमीन, अपराधियों और उग्रवादियों के लेवी वसूली, जैसे गोरखधंधे करनेवालों पर तो लगाम लगाये और इनके काले धन को पकड़े।