बाबू लाल मरांडी ने दी झारखण्ड के DGP को चेतावनी, झामुमो का टूल न बनें, नहीं तो पड़ेगा महंगा, रिटायर्ड होने के बाद भी नहीं छोड़ेंगे
भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने झारखण्ड पुलिस को सीधी चेतावनी दी कि वे वर्तमान सरकार का टूल बनना बंद करें, झामुमो का टूल बनना बंद करें, कानून का इज्जत करना सीखें, राज्य को अराजकता की ओर न ले जाये, अगर इसके बावजूद भी किसी गरीब जनता को झूठे आरोपों में बंद करने का प्रयास झारखण्ड पुलिस करती हैं तो जान लें कि सरकारें आती हैं, जाती हैं।
जिस दिन उनकी सरकार आ गई तो कोई भी पुलिस पदाधिकारी किसी भी बड़े पोस्ट पर आज क्यों न बैठा हो, वो रिटायर्ड भी कर जायेगा तो भाजपा उसे छोड़ने नहीं जा रही, इसे गांठ बांध लें। बाबू लाल मरांडी ये बातें आज प्रदेश मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झामुमो के लोग कहते है कि भाजपा झारखण्ड में कर्नाटक व मध्यप्रदेश मॉडल लागू कहना चाहती है।
जबकि मैं कहता हूं कि झामुमो इस राज्य में महाराष्ट्र मॉडल लागू करना चाहती हैं, जो भाजपा होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार को इतना ही डर लग रहा है कि उसकी सरकार गिराने का षडयंत्र किया जा रहा हैं तो इस पुरे मामले की हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एसआइटी गठित कर, जांच क्यों नहीं करा लेती।
उन्होंने यह भी कहा कि वे सीबीआई जांच की मांग भी कर सकते थे, पर वे इसकी मांग इसलिए नही कर रहे कि ये लोग फिर बदनाम करते कि सीबीआई तो केन्द्र का हैं, इसलिए वे मांग कर रहे है कि उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच करा लें, दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।
उन्होंने ये भी कहा कि जिन दो लोगों को बोकारो से गिरफ्तार कर रांची में गिरफ्तारी करने की नाटक पुलिस द्वारा दिखाया गया हैं, उस नाटक को बंद कर, सभी उन गरीब लोगों को ससम्मान बिना शर्त रिहा करें, नहीं तो इस मामलें में भाजपा चुप नहीं बैठेगी, क्योंकि जनता की हिफाजत करना केवल सरकार का नहीं, बल्कि विपक्षी दल के नेताओं का भी उतना ही हक है।
उन्होंने कहा कि ये क्या आप अराजकता फैलायेंगे, किसी के घर में घुसकर किसी की भी गिरफ्तारी कर लेंगे, उसके घर में अफीम रख देंगे, पैसे रख देंगे और फिर उसे देशद्रोही साबित कर उसकी जिंदगी से खेलेंगे, ये अब चलने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र मॉडल चलानेवाले लोगों और इसमें शामिल पुलिस को ये भी पता लगा लेना चाहिए कि वहां के गृह मंत्री और एक बड़े पुलिस अधिकारी का अभी क्या हाल है, इसलिए ये लोग भी बच जायेंगे, इस गफलत में नहीं रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में प्रेस कांफ्रेस राज्य के पुलिस महानिदेशक को करना चाहिए था, नहीं तो स्पेशल ब्रांच के वरीय पुलिस अधिकारी को करना चाहिए था, वो भी नहीं तो राजधानी के वरीय पुलिस अधिकारी को प्रेस कांफ्रेस करना चाहिए था, पर हुआ क्या? इन तीनों ने कन्नी काट ली और एक प्रेस रिलीज संवाददाताओं को थमा दिया। यानी पीसी करना चाहिए था पुलिस पदाधिकारियों को और कर रहा हैं कौन तो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा। यह साफ बताता है कि यहां की पुलिस झामुमो की टूल बन चुकी है और ऐसे हालात में हम इन पुलिस पदाधिकारियों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ने जा रहे हैं।
Why Marandi is crying so much. Police should interrogate advisor of Marandi and the case will be clear.