बाबू लाल ने CM हेमन्त को लिखा पत्र, मानवीय भूल नहीं, साहिबगंज तथा मनिहारी में कार्य कर रहे माफिया सिंडिकेट के अवैध कार्यों का दुष्परिणाम हैं गंगा में ट्रकों का पलटना व जहाज का दुर्घटनाग्रस्त होना, CBI जांच कराई जाये
भाजपा विधायक दल के नेता व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने मनिहारी और साहेबगंज के बीच गंगा में हुई भीषण दुर्घटना को लेकर, एक बार फिर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इसे मानवीय भूल न बताकर, इस पूरी घटना को माफिया सिंडिकेट के अवैध कार्यों का दुष्परिणाम बताया है। आज उक्त घटना स्थल से एक शव भी बरामद हुआ हैं, जिसकी संख्या और भी बढ़ सकती है। आखिर बाबू लाल मरांडी के पत्र में क्या हैं, आप स्वयं पढ़िये…
माननीय मुख्यमंत्री जी,
आप अवगत हैं कि कल यानी 24-25 मार्च की मध्य-रात्रि को साहिबगंज-मनिहारी अंतर्राज्यीय फेरी सेवा के अंतर्गत चलने वाली एल.सी.टी. जलयान एक विषम दुर्घटना का शिकार हो गयी। दुर्घटना में तकरीबन 10 ट्रकों का गंगा नदी में समाहित होने का अंदेशा है साथ ही तकरीबन तीन दर्जन लोगों की मृत्यु नदी में डूब जाने के वजह से हुई है ऐसी भी सूचना मिल रही है।
अत्यंत पीड़ा के साथ बताना पड़ रहा है कि यह घटना किसी मानवीय भूल की वजह से नहीं वरन साहिबगंज तथा मनिहारी में कार्य कर रहे माफिया सिंडिकेट के अवैध कार्यों का कुपरिणाम है। इस माफिया सिंडिकेट में साहिबगंज तथा मनिहारी जिले के शीर्ष पदाधिकारी भी शामिल हैं तथा इन सभी लोगों को आपकी सरकार का संरक्षण भी प्राप्त है।
मेरा मानना है कि इस घटना को ‘‘दुर्घटना‘‘ मानना एक बड़ी भूल होगी क्योंकि ये सारा अवैध कार्य एक सुनियोजित ढंग से कार्य कर रहे माफिया सिंडिकेट का कुपरिणाम हैं तथा ये सारा गोरखधंधा स्थानीय प्रशासन के छत्रछाया में हो रहा था। मेरे साथ-साथ कई अन्य लोगों के द्वारा इस बात का अंदेशा कालांतर में कई बार जताया गया था कि इस अवैध जलयान परिचालन से कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। तकरीबन सात महीने पूर्व भी मेरे द्वारा आपको इसी संदर्भ में एक पत्र भी लिखा गया था।
डाक द्वारा निर्गत अनुज्ञप्ति के शर्त में स्पष्ट लिखा है कि डाक धारक जिला कलेक्टर के अनुमति के बिना सूर्यास्त के उपरांत जलयान परिचालन नहीं कर सकता है। साथ ही साथ यह भी स्पष्ट रूप से वर्णित है कि दो जलयानों से अधिक जिला कलेक्टर के अनुमति के बिना नहीं चलाई जा सकती है। यद्यपि साहिबगंज-मनिहारी अंतर्राज्यीय फेरी सेवा में पूर्णतया अवैध रूप से दिन-रात जलयानों का परिचालन कराया जाता है। नदी में एक साथ परिचालन के लिए 10-10 जलयानों का उपयोग किया जाता है जो कि अनुज्ञप्ति शर्त के पूर्णतया प्रतिकूल है।
एक साथ इतने जहाजों के एक ही मार्ग में चलने से जलयानों के आपस में टकराव जैसी स्थिति निरंतर बनी रहती है। केवल यह ही नहीं, इस माफिया सिंडिकेट द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से चार गुना अधिक अनधिकृत रूप से वसूला जाता है। साथ ही साथ, इस गिरोह द्वारा बड़ी मात्रा में मद्य सामग्री का प्रेषण तथा तस्करी भी किया जाता है।
आप निश्चित रूप से अवगत होंगे कि इस माफिया गिरोह द्वारा बिना रॉयल्टी चालान का भुगतान किए खनिज सम्पदा का परिवहन किया जाता है। आरोप है कि इसके एवज में साहिबगंज तथा मनिहारी का प्रशासन 2000/-रू0 प्रति ट्रक वसूली करता है। मुझे यह भी बताया गया है कि इन 10 जलयानों में से कई का विधिवत सर्वे भी नहीं कराया गया है। इस माफिया गिरोह द्वारा अपनी सुविधानुसार साहिबगंज के गरम घाट नामक अवैध घाट से डंके की चोट पर अवैध नाव परिचालन किया जाता है।
उपरोक्त वर्णित तथ्यों से स्पष्ट हैं कि इस ‘‘अपराधिक कृत्य‘‘ के लिए, जिसमें साहिबगंज तथा मनिहारी में कार्य कर रहे माफिया गिरोह के साथ-साथ साहिबगंज तथा मनिहारी (बिहार) के शीर्ष अधिकारी सीधे उत्तरदायी हैं, जो अवैध जहाज परिचालन की काली कमाई के हिस्सेदार भी हैं।
अतएव आपसे आग्रह होगा कि आम जन-मानस का कानून में विश्वास बनाए रखने के लिए साहेबगंज के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडलाधिकारी सहित जिला के संबंधित पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने की कार्रवाई करेंगे एवं जलयान परिचालन के अनुज्ञप्तिधारी साहेबगंज नाविक सहयोग समिति की अनुज्ञप्ति रद्द करते हुए काली सूची में डाली जाय साथ ही उन पर मुकदमा दर्ज किया जाय। इस अपराधिक कृत्य में दो राज्यों के उच्चाधिकारी सीधे रूप से सम्मिलित हैं, इसलिए पूरे कांड की सी.बी.आई से अन्वेषण कराने की अनुशंसा करेंगे इसके लिए आपसे आग्रह करता हूँ।
मुख्यमंत्री जी, मेरा आपसे विशेष आग्रह है कि इस घटना का आप तत्काल संज्ञान लेंगे जिसमें निर्दोष गरीबों की जान, पदाधिकारियों सहित माफिया गिरोहों के लालच की वजह से चली गई है। सधन्यवाद!
आपका