बाबू लाल का आरोप, जो साहेबगंज फेरी दुर्घटना की लूट में शामिल हैं, उन्हीं को जांच का जिम्मा दे दी हेमन्त सरकार
साहेबगंज में हुए फेरी दुर्घटना पर भारतीय जनता पार्टी के नेता विधायक दल व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मराण्डी ने हेमंत सरकार को घेरते हुए कहा कि लूटतंत्र और भ्रष्टाचार का परिणाम है साहेबगंज में हुई फेरी दुर्घटना। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के संरक्षण में खनिज सम्पदा कि लूट हो रही है। कोयला, बालू, पत्थर और जमीन की भी लूट हो रही है। जमीन का फर्जी कागज़ बनाकर रैयतों से हेमंत के गुर्गे लूट रहे हैं। कानून को ठेंगा पर रखकर लूट मचाया जा रहा है।
बरहरवा टोल प्लाजा की नीलामी में हेमंत के गुर्गे, शासन, प्रशासन, सीधे मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार लगे रहे। उन्होंने कहा कि गंगा घाट पर अवैध तरीके से जहाज का परिचालन हो रहा था। बालू, पत्थर की बेतहाशा अवैध ढुलाई हो रही थी। सिर्फ दो जहाज सूर्योदय से सूर्यास्त के पूर्व चलाने की अनुमति थी किन्तु दिन रात लगभग दस जहाजों से अवैध परिचालन किया जा रहा था।
क्षमता से अधिक ट्रक जहाजों पर लोड किया जा रहा था, ट्रकों में भी क्षमता से अधिक बालू गिट्टी की ढुलाई हो रही थी। उन्होंने कहा इतना ही नहीं, जहाजों को समदा घाट से चलना था किन्तु दुरी कम करने के उद्देश्य से गर्म घाट से जहाज चलाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि घटना में बचे व्यक्ति ने जो बयान दिया और जिला प्रशासन जो बातें कह रहा उसमें विरोधाभास स्पष्ट है। प्रशासन जहाज खुलने का समय दिन को बता रहा जबकि यह सब रात के अंधेरे में हुआ है। इसका मतलब कि प्रशासन लीपापोती में जुट गया है।
जोर-जबर्दस्ती, धमकी के बूते हेमन्त सोरेन के गुर्गे को मिला टेंडर
उन्होंने कहा कि दो साल पूर्व हुए गंगा घाट में फेरी सेवा की नीलामी भी जोर जबरदस्ती धमकी के बूते हेमंत सोरेन के गुर्गे ने ही लिया था। उन्होंने कहा कि नीलामी प्रक्रिया पूरा करने के लिए जहाज का होना आवश्यक है, इसे देखते हुए इस बार दूसरे प्रतिभागी कलकत्ता से जहाज लेकर आ रहे थे किन्तु साहेबगंज की घाट पर तीन दिनों तक गोलियां चलती रही।
उपायुक्त को निलंबित कर सीबीआई जांच का आदेश दिया जाये
श्री मराण्डी ने कहा कि मामले में किसी अनहोनी की आशंका थी इसलिए गोली बारी काण्ड के बाद मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखा था इसी बीच नाव पर ट्रक पलटी कर गयी। घटना के बाद विधानसभा सत्र के दौरान सवाल उठाये जाने पर बनाये गए कमेटी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिनके संरक्षण में लूट हो रही है उन्हें ही जांच का जिम्मा दे दिया गया है। चार सदस्यों की कमेटी में अपर समाहर्ता, एसडीओ, माइनिंग ऑफिसर और एमवीआई को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की असली वजह छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
साहेबगंज के उपायुक्त कह रहे हैं कि समदा घाट से जहाज दिन में ख़ुली थी जबकि दुर्घटना में घायल पीड़ित ने बताया कि जहाज रात में लगभग ग्यारह बजे खुली थी। उन्होंने कहा कि जो उपायुक्त झूठ बोल रहे हैं उनके अधीनस्थ पदाधिकारी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकते। मामला झारखण्ड और बिहार सीमा का भी है, घटना छुपाने का प्रयास हो रहा है इसलिए उपायुक्त को निलंबित करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया जाये।