राजनीति

झूठ का ढिंढोरा पीट रहे हैं बाबूलाल मरांडी, झारखंड की दुर्दशा के लिए भाजपा ही सबसे अधिक ज़िम्मेदार – भाकपा माले

राज्य की सत्ता पर सबसे अधिक दिनों तक भाजपा ही सत्तासीन रही है। राज्य में भ्रष्टाचार और बेकारी व्याप्त है तो झारखंड की दुर्दशा के लिए सबसे अधिक भाजपा ही ज़िम्मेदार है। बाबूलाल की संकल्प यात्रा सिर्फ आई वाश है। राज्य में भ्रष्टाचार के लिए भाजपा को भी जवाब देना पड़ेगा कि मिड डे मील का करोड़ों रुपए किसी निजी खाते में कैसे खास चहेते के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जा रहा है। 

करोड़ों का चॉकलेट टी शर्ट कैसे चट कर दिया गया, पूजा सिंघल और वीरेन्द्र कुमार से जब्ती की गई रुपए किसके शासन काल की कमाई है। एक रुपए में रजिस्ट्री की आड़ में सैंकड़ों एकड़ जमीन पत्रा और पतंजलि को कैसे बांट दिया गया जो राज्य के निवासी भी नहीं हैं। सच है की भाजपा देश के सभी भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल कर उनके भ्रष्टाचार को धोने वाली वॉशिंग मशीन बन गई है।

उपरोक्त बाते आज भाकपा माले की कोडरमा में 19 सितंबर को आयोजित किसान मजदूर संकल्प सभा की तैयारी बैठक को संबोधित करते हुए, राज्य कमिटी सदस्य सह कोडरमा, बरकट्ठा विधान सभा प्रभारी भुवनेश्वर केवट ने कही। उन्होंने आंबेदकर भवन बरकट्ठा की बैठक में शामिल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आगे कहा कि बाबुलाल झूठ का ढिंढोरा पीट रहे हैं।

जन वितरण प्रणाली की अनाज का आवंटन केंद्र सरकार ने झारखंड को बंद कर दिया है। जीएसटी, कोयल के रॉयल्टी की तो बात तो दूर केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कार्यरत रसोइया, स्वास्थ्य सहिया और मानदेय कर्मियों को वेतन के भुगतान भी अपने कोटे का देना बंद कर दिया है। बाबूलाल जी का संकल्प यात्रा वास्तव में संकट यात्रा है। कोडरमा की जनता 2024 में जनता से गद्दारी का सबक सिखायेगी।

प्रखंड सचिव शेर मोहम्मद ने कहा कि बरकठ्ठा की जनता ने भाजपा को पहले ही ठुकरा दी है। भाजपा से दोस्ती गांठ कर स्थानीय जन प्रतिनिधि जनादेश का अपमान कर रहे हैं। उन्हें भाजपा पर इतना गुमान है तो विधानसभा से इस्तीफा दें। आगामी 8 सितंबर को पिपचो में आयोजित कार्यकर्ता कन्वेंशन और 19 सितंबर को कोडरमा में किसान मजदूर एकता मार्च और सभा को सफल बनाने के लिए कई निर्णय लिया गया। बैठक में माले राज्य कमेटी सदस्य सह जिला परिषद सदस्य सबिता सिंह, मोहन साव, छोटी साव, किशुन मोदी, प्रकाश यादव, बिसून यादव, किशुन मोदी, नागेश्वर साव, पोखन हांसदा आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।