अपराध

बाबूलाल मरांडी ने प्रतुलनाथ के ट्विट को रिट्विट कर CM हेमन्त सोरेन से पूछा कि आखिर एक घूसखोर दारोगा मीरा सिंह पर इतनी मेहरबानी क्यों?

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव के ट्विट को रिट्विट करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता व प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पर कुछ सवाल दागे है। यह सवाल दारोगा मीरा सिंह को लेकर है। जो काफी विवादास्पद रही है। जिस पर कई गंभीर आरोप भी है। बाबू लाल मरांडी ने दारोगा मीरा सिंह को घूसखोर की संज्ञा देते हुए रिट्विट करते हुए लिखा है कि आखिर उक्त मीरा सिंह पर इतनी विशेष मेहरबानी क्यों की गई है? अगर इसकी भी जांच होगी तो इस जांच की आंच भी उन तक पहुंचेगी। बाबूलाल मरांडी का रिट्विट इस प्रकार है…

‘खबरों में देखने को मिला था एसीबी में पकड़े गये एक घूसखोर दारोगा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। फिर इस घूसखोर दारोगा मीरा सिंह पर विशेष मेहरबानी क्यों? इसकी जांच होगी तो जांच की आंच आपके इर्द-गिर्द ही पहुंचेगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी। मेरी ये बात कहीं लिखके रख लीजिये ताकि पूछताछ में याददाश्त कमजोर होने लगे तो लिखा हुआ देख लीजियेगा।’ ये तो रही बाबूलाल मरांडी की रिट्विट में लिखी बातें और अब भाजपा प्रवक्ता प्रतुलनाथ शाहदेव ने क्या लिखा, इस पर भी नजर डालें…

‘मीरा ‘जी’ पर इतनी मेहरबानी क्यों जहांपनाह? साल 2021 में खूंटी में महिला थाना प्रभारी मीरा सिंह ने दुष्कर्म के आरोपी को बचाने के लिए 50 हजार की मांग की, पहली किस्त में 15 हजार लेते गिरफ्तार हुईं। चार्जशीट हुआ। जेल से जमानत पर छूटीं तो खूंटी से हटाकर रांची में इनामी पोस्टिंग हुई। जुलाई 2022 में तुपुदाना थाना प्रभारी बना दी गई। समझिए दुष्कर्म के आरोपी को बचाने के लिए पैसे का खेल करने वाली अधिकारी को राजधानी में तैनात किया गया।

लेकिन पूर्व के किए का पश्चाताप करने के बजाए मीरा ‘जी’ ने यहां भी अपने डंडे के जोर पर थानेदारी जारी रखी। चोरी की घटना के बाद विकास कुमार नाम के बेगुनाह युवक को थाने लाकर बेरहमी से पीटा गया। मानवाधिकार आयोग तक ने कार्रवाई के लिए डीसी, एसएसपी को पत्र लिखा। कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे ही मामले में बीते दिनों अरगोड़ा के थाना प्रभारी को ना सिर्फ निलंबित किया गया, बल्कि तबादला भी चाईबासा जिले में कर दिया गया।

क्या पुलिस के पदाधिकारी बताएंगे कि उनके एक आंख में काजल और दूसरे में सुरमा क्यों है? मीरा ‘जी’ को कौन सी ताकत बचा रही है? किस बड़ी साजिश को अंजाम देने का सरकार ने इनाम दिया? मीरा ‘जी’ पर हुक़ूमरानों का आशीर्वाद इस कदर है कि एक पत्रकार पर तुपुदाना में कई सनहा किया गया। पत्रकार की गलती थी कि वह थानेदार की गतिविधियों पर सवाल उठाता था।

पत्रकार ने आला अधिकारियों से मुलाकात की। अफसरों ने टका सा जवाब दिया – आप लोग जानते ही हैं, कुछ नहीं कर सकते। थोड़ा बर्दाश्त कीजिए। डीजीपी साहब/एसएसपी साहब को बताना चाहिये की आदिवासी विरोधी इस घूस की आरोपी दारोग़ा मीरा सिंह ‘जी’ को कौन बचा रहा है और क्यों? क्या उन्हें सारे मामले में क्लीन चिट मिल गई है?’