राजनीति

बाबूलाल मरांडी ने CM हेमन्त सोरेन को लिखा पत्र, भूमि घोटाले की जांच HC के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT गठित कर कराने की मांग

झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को एक बार फिर पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्य में हुए भूमि घोटाले का जिक्र किया गया है। साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों में हुए अब तक के भूमि घोटाले की जांच, झारखण्ड उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर कराने की मांग की है। पत्र इस प्रकार है…

माननीय मुख्यमंत्री जी,

विषय – रांची सहित राज्य के अन्य और जिले में हुए भूमि घोटाले की जाँच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT गठित कर, कराने के संबंध में।

आज झारखण्ड एवं राज्य से बाहर प्रकाशित सभी अखबारों में झारखण्ड के रांची में बड़े पैमाने पर हुए जमीन घोटाले की पुष्टि से संबंधित समाचार प्रमुखता से प्रकाशित हुआ है, जिससे आप भी अवगत होंगे। प्रकाशित अखबार के कतरन की छाया-प्रति आपके अवलोकनार्थ संलग्न है। इस सम्बन्ध में मैंने आपको पत्र लिखकर एवं समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देकर एवं इस पर अंकुश लगाने का आग्रह कर चुका हूँ।

शायद आप उस समय तत्पर एवं सचेत हो जाते तो इतना बड़ा जमीन घोटाला संभव नहीं होता और न ही झारखण्ड में जमीन माफिया इतना सक्रिय रहकर फर्जीवाड़ा करके जमीन का घोटाला कर पाता, लेकिन दुर्भाग्य है कि आपने मेरे द्वारा इस संदर्भ में आपके संज्ञान में लाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किया। भू-माफिया, भ्रष्ट ऑफिसर एवं दलालों का संगठित गिरोह बनता गया और राज्य के देवघर, गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग, रांची एवं पलामू जैसे बड़े जिलों में यह गिरोह सक्रिय होकर जमीन का फर्जीवाड़ा कर अरबों रूपये की सरकारी एवं अन्य दूसरे की सम्पत्ति को लूटने में लगा रहा और आपके नेतृत्व में चल रही सरकार इस लूट को संरक्षण देता रहा।

मुख्यमंत्री जी, आपको पहले भी कई बार आग्रह कर चुका था कि रांची में तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन सहित कई अंचल पदाधिकारी एवं जमीन दलाल मिलकर फर्जी कागजात तैयार कर सरकारी जमीन का सौदा कर रहे हैं, देर-सबेर इसका खुलासा होगा, जो आज दिखाई दे रहा है। प्रवर्त्तन निदेशालय (ED) द्वारा छापेमारी के दौरान एक दलाल अफसर अली के घर से जमीन के 36 डीड जब्त किया और इस डीड की जाँच कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस द्वारा करने पर खुलासा हुआ कि डीड में छेड़छाड़ हुई है और जालसाजी की गई है।

इस बाबत ED की अनुशंसा पर रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता ने वहां के हेयर स्ट्रीट थाने में 26 जून, 2023 को कांड सं0 196/2023 में अज्ञात जालसाजों पर मुकदमा दर्ज कराया है। इसके पहले भी कोलकाता रजिस्ट्रार द्वारा सेना के कब्जेवाली जमीन एवं चेशायर होम रोड स्थित जमीन से जुड़े दस्तावेज में जालसाजी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस, कोलकाता द्वारा जिन 36 डीड की जांच की गई और जिसका फर्जी कागजात मूल दस्तावेज में जालसाजी कर तैयार किया गया है इसकी पूरी विवरणी आज लगभग सभी अखबारों में छपा है, जिसका अवलोकन करना चाहेंगे, जो संलग्न है।

मैं, यह कहना चाहूंगा कि इस तरह का फर्जीवाड़ा रांची में ही केवल नहीं, बल्कि राज्य के धनबाद, गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग एवं पलामू जैसे कई बड़े जिले में बड़े पैमाने पर हुआ है, रांची तो केवल एक नमूना मात्र है। धनबाद, गिरिडीह, देवघर एवं अन्य जिलों में भी जमीन के फर्जीवाड़े के सैकड़ों मामले चल रहे हैं, जिसकी जाँच काफी धीमी है। ऐसे में भू-माफियाओं एवं इसमें संलग्न भ्रष्ट पदाधिकारियों पर जल्द कार्रवाई संभव नहीं दिखता है साथ ही पीड़ितों को न्याय भी समय पर नहीं मिल पाएगा और न ही बेची गई सरकारी जमीन वापस हो पाएगी।

प्रर्वत्तन निदेशालय के पास जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े के इतने मामले आ रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर हुए जमीन घोटाले की जांच किसी एक एजेन्सी के बूते की बात नहीं दिखता है। ऐसी स्थिति में, आपसे आग्रह होगा कि पूरे राज्य में हुए इस तरह के जमीन घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT गठित कर एक तय समय-सीमा के अन्दर करवाने की व्यवस्था की जाए ताकि सरकारी एवं निजी जमीनों का फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले संगठित गिरोह पर यथाशीघ्र कड़ी कार्रवाई हो सके एवं इस कार्य में सहयोग कर रहे सरकारी भ्रष्ट ऑफिसरों पर कठोर कार्रवाई संभव हो सके अन्यथा यह माना जाएगा कि आपकी सरकार भी इस जमीन घोटाले में संलिप्त है और संरक्षण दे रही है।

संलग्नक:- अखबारों के कतरन की छायाप्रति। सधन्यवाद!

आपका

(बाबूलाल मरांडी)