राजनीति

बाबूलाल मरांडी का सीएमओ पर आरोप, ईडी के अधिकारियों को आदिवासी उत्पीड़न में फंसाने के लिए रांची एसपी पर बनाया जा रहा दबाव

झारखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के दो टिव्ट धमाल मचा रहे हैं। एक ट्विट में बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि झारखण्ड सीएमओ के इशारे पर पुलिस के कुछ आलाधिकारी प्रवर्तन निदेशालय में कार्यरत कुछ अधिकारियों को आदिवासी उत्पीड़न मामलों में अभियुक्त बनाने के योजना पर काम कर रहे हैं और दूसरा राज्य के मुख्यमंत्री अपनी नाकामी के लिए ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं।

इधर बाबूलाल मरांडी ने ट्विट के माध्यम से अपनी बातें कह दी और इसका प्रतिकार अभी तक झारखण्ड मुक्ति मोर्चा या सरकार की ओर से नहीं आया है। हालांकि देर-सबेर इसका प्रतिकार आना तय है। इधर बाबूलाल मरांडी छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं, लेकिन उनकी नजर झारखण्ड की राजनीति पर भी टिकी है। शायद यही कारण है कि वे टिव्ट के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करा दे रहे हैं। बाबूलाल मरांडी का टिव्ट इस प्रकार है, पहला ट्विट –

“अति विश्वसनीय जानकारी के अनुसार झारखंड सीएमओ के इशारे पर पुलिस के कुछ आला अधिकारियों द्वारा रांची सिटी एसपी पर काफ़ी दबाव बनाया जा रहा है। दबाव बनाया जा रहा है कि किसी भी तरह कुछ दर्ज मामलों में ईडी के कुछ चुनिंदा अधिकारियों को आदिवासी उत्पीड़न मामलों में अभियुक्त बनाया जाये। यहाँ तक कि ये भी निर्देश दिये जा रहे है कि अगर पुलिस नाम डालने में असमर्थ है तो कम से कम केस में यह डाल दिया जाये कि ED के अधिकारियों द्वारा आदिवासी उत्पीड़न किया गया है।  

हेमंत सोरेन जी, पता नहीं ये सब बर्बादी का रास्ता वाला ख़ुराफ़ाती आईडिया आपको कौन सब देता है? गुजरे तीन सालों में आदिवासी उत्पीड़न का जितना दुरूपयोग आप करा चुके हैं, वही आपकी बर्बादी के लिये काफ़ी है। आगे और मुसीबत लेने का काम काहे कर रहे हैं? आपके काले साम्राज्य का अंत निकट आ चुका है।

आपका नैतिक पतन तो पहले से ही हो चुका है, अब आख़िरी समय में कोई ऐसी गलती मत कीजिए जिससे कि पूरे देश में झारखंड की बदनामी हो और हमारे समाज की आने वाली पीढी यह सब जानकर आपके नाम पर थूके। ऐसे ग़लत काम में लगे अफ़सरों से भी हम अनुरोध करते हैं कि बुरा करने वालों का हाल देखकर सबक़ लें। खुद ग़लत काम कर अपना और अपने बाल-बच्चों का भविष्य ख़राब नहीं करें।”

दूसरा ट्विट – “हेमंत सोरेन अपने नाकामियों के लिए ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। अरे, हेमंत जी कभी अपने गिरेबां में भी झांकिये! पिछले चार सालों से हेमंत ने झारखंड के ब्यूरोक्रेसी को पंगु बना दिया है। अधिकारियों से खनन घोटाला, जमीन घोटाला, शराब घोटाला और फ़र्जी केस मुकदमे दर्ज करवा के उन्हें अपने काले साम्राज्य का सहभागी बनाया है।

अब जनता पिछले चार साल के कामों का हिसाब मांग रही है, तो हेमंत ब्यूरोक्रेट्स पर अपने नकारेपन का ठीकरा फोड़ रहे हैं। ‘यूज एंड थ्रो’ पॉलिसी में माहिर हेमंत सोरेन के षड्यंत्रों से ब्यूरोक्रेसी को सतर्क रहने की जरूरत है। अन्यथा कहावत तो सब ने सुन रखी होगी बैल का बैल गया, नौ हाथ का पगहा भी गया।”