बहरागोड़ा के झामुमो विधायक समीर मोहंती ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, वन विभाग से प्राप्त एक लाख की मुआवजा राशि पीड़ित परिवार को सौंपी, वन विभाग के अधिकारियों पर भी कस सकता है EC का शिकंजा
बहरागोड़ा के झामुमो विधायक समीर मोहंती ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। बताया जाता है कि गुरुवार की सुबह जमुआ पंचायत के इंदबनी गांव में एक युवक देवाशीष मुंडा को एक जंगली हाथी ने मार डाला था। जिसको लेकर वन विभाग ने देवाशीष मुंडा के बड़े भाई विनय मुंडा को मुआवजा के रुप में मिलनेवाली तत्काल राशि यानी लगभग एक लाख रुपये स्थानीय विधायक समीर मोहंती द्वारा दिलवा दिये। जो पूर्ण रुपेण आचार संहिता उल्लंघन का मामला है।
राजनीतिक पंडितों का ये भी मानना है कि समीर मोहंती द्वारा वन विभाग से मिलनेवाली मुआवजा राशि को पीड़ित परिवार को देना, वो भी तब जबकि आचार संहिता लागू हैं, पूर्णतः गलत है। राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि इसमें जितने दोषी समीर मोहंती हैं। उससे कम दोषी वन विभाग के अधिकारी भी नहीं हैं। वन विभाग के अधिकारियों को मुआवजा की राशि स्थानीय विधायक समीर मोहंती द्वारा नहीं दिलवाना चाहिए था।
राजनीतिक पंडित ये भी कहते हैं कि चुनाव आयोग को चाहिए कि वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी आचार संहिता के उल्लंघन मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करें। इधर समीर मोहंती एक ओर मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। उन्हें चुनाव आयोग ने एक नोटिस थंमाया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान निर्धारित 95 लाख रुपये से अधिक खर्चं कर दिये हैं। मतलब साफ है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा दिया गया कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ बयान उन पर अब भारी पड़ने जा रहा है।