चाईबासा, गिरिडीह व जमशेदपुर में महागठबंधन की बल्ले-बल्ले, धनबाद में कांग्रेस और BJP के बीच कांटे की टक्कर
आज छठे चरण के चुनाव भी शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गये। झारखण्ड में पूर्व के दो चरणों की तरह संपन्न हुए मतदान का असर इस तीसरे चरण में भी देखा गया। भाजपा गठबंधन से जनता की नाराजगी साफ दिखी। सर्वाधिक यह गुस्सा चाईबासा में देखा गया, जहां लोगों ने लगभग एकतरफा वोट महागठबंधन की प्रत्याशी कांग्रेस की गीता कोड़ा के पक्ष में गिराया, यहां तो जो स्थिति हैं, एक सामान्य व्यक्ति भी बता सकता है कि यहां से गीता कोड़ा आराम से चुनाव जीत गई। यहां कांग्रेस की गीता कोड़ा की लड़ाई, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ से है।
जमशेदपुर में शहर में भाजपा को मामूली बढ़त दिखाई पड़ रही हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में झामुमो की धमक बरकरार हैं, यहां भाजपा के प्रत्याशी विद्युत वरण महतो की सीधी लड़ाई झामुमो के चम्पई सोरेन से हैं, और यहां भी झामुमो की स्थिति बहुत ही मजबूत हो गई, इसका मूल कारण कांग्रेस और झाविमो को झामुमो को मिल रहा समर्थन है। साथ ही भाजपा में आपसी एकता का अभाव तथा बूथ मैनेजमेंट का फेल होना उसकी हार का मूल कारण बन रहा है।
गिरिडीह में झामुमो ने इस बार दिखा दिया कि यहां झामुमो के आगे सभी फेल है। भाजपा ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं दिया, बल्कि उसने आजसू के प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी को समर्थन दे दिया है, यहां झामुमो के जगरनाथ महतो आज चुनाव के दिन चंद्रप्रकाश चौधरी पर भारी होते दिखाई दिये। हालांकि शहर में भाजपा मजबूत हैं, पर ग्रामीण इलाकों में हुई बम्पर वोटिंग, आजसू के हाथ-पांव फूला दिये हैं।
इधर धनबाद में जो भाजपा की स्थिति मजबूत दिखाई दे रही थी, वो चुनाव के दिन धीरे-धीरे कई इलाकों में कमजोर होती दिखाई पड़ी, कई इलाकों में कांग्रेस मजबूत दिखाई पड़ी, वहीं कई इलाकों में भाजपा की स्थिति मजबूत दिखाई दी। धनबाद में भी झामुमो, झाविमो द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी को दिये समर्थन ने कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाई, कुल मिलाकर यहां से जो भी प्रत्याशी जीतेगा, उसकी मार्जिन बहुत ही कम होगी, यानी अंत में कांग्रेस के कीर्ति आजाद ने भाजपा के पीएन सिंह को अच्छी टक्कर दे दी हैं।
इधर झारखण्ड में तीन चरणों के अब तक हुए चुनाव में भाजपा गठबंधन की हालत बहुत ही पतली दिखाई पड़ रही हैं, अगर यहीं हाल रहा तो चौथे चरण में लगता है कि भाजपा का सुपड़ा ही साफ हो जायेगा। राजनैतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा गठबंधन की जो हार झारखण्ड में हो रही हैं, उसके केन्द्र में नरेन्द्र मोदी कम, राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ज्यादा है, क्योंकि इनकी हरकतों ने आम जनता को जीना दूभर कर दिया हैं, लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, इसलिए भाजपा को जनता के कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा हैं।