दानापुर में बांगलादेशी सैनिकों को भारतीय सेना आंतकवाद से निबटने के लिए दे रही विशेष ट्रेनिंग
इंडो बांगलादेश रक्षा सहयोग के तहत विद्रोह/आतंकवादी गतिविधियों की जवाबी कार्यवाही के लिए दानापुर छावनी में आज से एक प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बांगलादेश के पांच अधिकारी और 25 अन्य पदों के अधिकारी शामिल हो रहे हैं। यह प्रशिक्षण शिविर प्रमुख प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से एक है और दो सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग का प्रयास है। दानापुर छावनी में बांगलादेश की सेना के लिए इस प्रकार का प्रशिक्षण पहली बार आयोजित हो रहा है। भारतीय सेना की प्रशिक्षण टीम की अगुवाई कर्नल डी डी स्वाई कर रहे हैं, जो कि विद्रोह/आंतकवादी गतिविधियों की जवाबी कार्यवाही में काफी माहिर और अनुभवी हैं। वे जम्मू कश्मीर की राष्ट्रीय राइफल बटालियन में कमान कर चुके है और कई वर्षों तक असम एवं मणिपुर के विद्रोह प्रभावित इलाकों में कई ऑपरेशनों को संचालित भी कर चुके है।
यह प्रशिक्षण शिविर जूनियर लीडर स्तर पर विद्रोह/आतंकवाद की जवाबी कार्यवाही से संबंधित विभिन्न पहलूओं में दक्ष करेगा, साथ ही कंपनी लेवल पर विद्रोह/आतंकवाद संबंधित परिस्थितियों एवं प्रतिक्रिया के गतिशील परिदृश्यों के अनुकरण में भी उन्हें दक्ष करेगा। यह प्रशिक्षण पारस्परिक रुप से भी लाभप्रद है, क्योंकि विद्रोह/आतंकवाद गतिविधियों की जवाबी कार्यवाहियों के क्रियान्वयन एवं योजना के एक दूसरे के अनुभवों को एक आदर्श मंच पर लायेगा। बांगलादेश सुरक्षा बलों द्वारा आयोजित अत्य़धिक सफल विद्रोह/आतंकवाद गतिविधियों की जवाबी कार्यवाही की श्रेणी से भारतीय सेना को भी एक सफल अध्याय सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
चूंकि दोनों राष्ट्र आतंकवाद और विद्रोही गतिविधियों को समान रुप से झेल रहे हैं। दोनों देशों के सिद्धांत और रणनीति आतंकवाद और विद्रोही गतिविधियों के खिलाफ मिलती-जुलती है। इसलिए ये प्रशिक्षण एक दूसरे के लिए भी लाभदायक हैं। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बांगलादेश के सैनिकों को विद्रोह और आतंकवाद से निपटने के लिए सक्षम बनाना है। भारतीय सेना अपने गहन अनुभवों और प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने की गतिविधियों को साझा करेंगे।
बांगलादेश सेना की सैन्य टुकड़ी दानापुर छावनी में चार सप्ताह तक प्रशिक्षण लेंगी। इस दौरान प्रशिक्षण दल और उसकी सैन्य टुकड़ी आतंकवाद/विद्रोह संबंधित गतिविधियों की विभिन्न पहलुओं और बारीकियों पर अपने-अपने अनुभव साझा करेगे। बिहार रेजिमेंटल सेंन्टर के ब्रिगेडियर एम नटराजन का कहना हैं कि हमलोगों के बीच एक दूसरे के अनुभवों को शेयर करने और उन्हें जानने के लिए पर्याप्त अवसर अपने पास है। व्यवहारिक सबकों को जानने के लिए विभिन्न परिस्थितियों के माध्यमों को हम चुनेंगे, और उससे कुछ जानकारी प्राप्त करेंगे। चार सप्ताह के दौरान हम सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनन्द लेंगे, आस पास के रुचिकर स्थानों का परिभ्रमण करेंगे और यहां के हर पल को यादगार बनाने का काम करेंगे।