PM नरेन्द्र मोदी को बरवाअड्डा में भाषण देने के पूर्व रणधीर वर्मा चौक पर बैठे चिटाही के ग्रामीणों से मिलना चाहिए, ताकि उन्हें पता चले कि उनका विधायक कैसे लोगों को जीना दूभर कर दिया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल धनबाद में रहेंगे। वे सिंदरी जायेंगे। बरवाअड्डा में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसमें कोई दो मत नहीं कि प्रधानमंत्री वैश्विक नेता है। देश-विदेश में काफी लोकप्रिय है। लोग उन्हें सुनना चाहते हैं। नजदीक से देखना चाहते हैं। कई सोशल साइट पर उनसे संबंधित ऐसे भी विडियो उपलब्ध है कि वे आम जनता के दुख-दर्द को देखकर विह्वल भी हो जाते हैं और उनसे वे खुद मिलने पहुंच जाते हैं तथा उनके कष्टों को दूर भी कर देते हैं।
तो ऐसे में, क्या हम मानें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर भी पहुंचेंगे और अपने ही विधायक ढुलू महतो, जिसके अत्याचार व शोषण से त्रस्त होकर चिटाही गांव के ग्रामीण जो अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। उनके धरने वाले स्थल पर जाकर उनके कष्टों का निवारण करेंगे तथा अपने विधायक ढुलू महतो का क्लास भी लेंगे, क्योंकि यह सवाल केवल एक पत्रकार का नहीं, बल्कि धनबाद के प्रत्येक जनता का है, जो इनके दल के नेता के अत्याचार से पीड़ित हैं।
आज धनबाद की प्रत्येक जनता के मुख पर ये सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री धनबाद के रणधीर वर्मा चौक जाकर चिटाही के ग्रामीणों से मिलेंगे? अगर मिल लिये तो निश्चय ही यह खबर बड़ी होंगी और भाजपा के लिए मील का पत्थर साबित होगी और अगर नहीं मिले तो धनबाद की जनता की नजरों में यही आयेगा कि ये भी प्रधानमंत्री और नेताओं की तरह ही हैं, जो सही मायनों में कष्ट में पीड़ित किसी जनता का दुख-दर्द सुनने की कवायद नहीं करते।
ये चिटाही के लोगों को कोई कांग्रेस या झामुमो का नेता तबाह नहीं कर रहा, इसे तबाह करनेवाला भाजपा का ही दबंग नेता व विधायक है, जो विधानसभा में धनबाद के पूर्व एसएसपी को क्रिमिनल बताता है। लेकिन अपनी अपराधिक गतिविधियों के बारे में सदन को नहीं बताता। उसके द्वारा किये जा रहे चिटाही के ग्रामीणों पर अत्याचार की बात वो सदन में नहीं करता और न ही सदन में अन्य दलों या भाजपा के विधायक उस पर दबाव डाल रहे हैं कि वो ऐसा अत्याचार नहीं करें।
आज ही धरनास्थल पर बैठे अशोक महतो विद्रोही24 से कहते है कि क्या करें। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। अभी बच्चों के पढ़ाई का समय है। लेकिन उनके बच्चे धरने पर बैठे हैं। घर की बिजली काट दी गई है। पीने को पानी बंद कर दिया गया है। रोजी-रोजगार बंद करा दी गई है और ये सब करनेवाला और कोई नहीं, धनबाद जिले के बाघमारा का विधायक ढुलू महतो है। जो उन्हें जीने नहीं दे रहा। अशोक महतो कहते है कि आज तीन दिन बीत गये। न तो प्रशासन के लोग और न ही भाजपा के लोग उनके पास आकर उनके दुखों के निवारण हेतु आगे आ रहे हैं।
इधर राजनीतिक पंडितों की मानें तो उनका कहना है कि आम तौर पर जो विधायक होता है, चाहे वो किसी दल का ही क्यों न हो, वो अपनी जनता को बिजली-पानी देता है। बिजली-पानी दिलाने के लिए संघर्ष करता है और एक यहां का भाजपा विधायक है जो लोगों की बिजली-पानी ही कटवा देता है। राजनीतिक पंडित कहते है कि ज्यादातर विधायक अपने इलाके के लोगों के लिए रोजगार दिलाने के लिए रात-दिन एक करता है और ये भाजपा का विधायक लोगों से रोजी-रोजगार ही छीन लेता है।
राजनीतिक पंडितों की मानें, सबसे बड़ा आश्चर्य तो यहां के प्रशासन को देखकर लग रहा है, जिसकी जिम्मेदारी बनती है कि वो ऐसे गरीबों को न्याय दिलाये, ये इन्हें न्याय दिलाने के बजाय ढुलू महतो की ही तारीफदारी में लगा है। ऐसे में इन्हें न्याय क्या मिलेगा? पहली बार देखने को मिल रहा है कि जिसकी जमीन है, वो अपनी जमीन पर रहने के लिए, रोजी-रोजगार चलाने के लिए, पानी-बिजली के लिये भाजपा के विधायक ढुलू महतो से संघर्ष कर रहा है। वो भाजपा, वो भाजपा विधायक, जिसके नेता सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं। लेकिन धनबाद के बाघमारा में तो ‘सबका नाश, केवल भाजपा विधायक ढुलू का विकास’ चल रहा है।