हेमन्त सरकार पर अंगूली उठाने से पहले भाजपा ये बताएं कि तीन वर्ष पूर्व कोरोना काल में जो पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस लगा, उसके पैसे कहां खर्च हो रहे हैं, मोमेंटम झारखण्ड और हाथी उड़ाने की योजना का क्या हुआः सुप्रियो
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा के पेट में फिर से गड़बड़ी होने की आशंका दिखने लगी है, क्योंकि उसका पेट दुखने लगा है। यह पेट तब से ज्यादा दुखने लगा है, जब राज्य की हेमन्त सरकार ने अपने सभी विभागों को, जिन्हें कोरोना काल में, जो राशियां आवंटित की गई थी, जिनमें सर्वाधिक राशि स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। इसके अलावा कुछ राशियां गृह विभाग, पुलिस, समाज कल्याण, कृषि आदि विभागों को उपलब्ध कराई गई थी, क्योंकि उस वक्त मूलकार्य लोगों के जीवन को बचाना और आजीविका उपलब्ध कराना था। राशि खर्च की गई थी।
सुप्रियो ने कहा कि बाद में जब राशि का मिलान किया गया तो उनमें कुछ अनिमितिताएं विभाग को पता चला, ये बहुत स्वाभाविक भी थी। चूंकि ये आम जनों का पैसा था और आम जनों के लिए था। इसलिए इसकी सही लेखा-जोखा तो होना ही चाहिए। इसलिए हमारी हेमन्त सरकार ने सभी विभागों से हिसाब लेने की ठानी। वो काम अब पूरा भी होनेवाला है। लेकिन आश्चर्य यह है कि हिसाब आया नहीं और भाजपा को इसमें गड़बड़ियां भी दिख गई।
पर यही सवाल भाजपा के उन सांसदों व मंत्रियों से पूछा जाये जो दिल्ली की संसद में बैठते हैं, कि वे पीएम केयर फंड का भी हिसाब ले लें। प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष के रहते-रहते अचानक पीएम केयर फंड ट्रस्ट कैसे तैयार हो गया। यह कोष नन-एकाउंटेबल कैसे हो जाता है। इसका कैग ऑडिट क्यों नहीं कर सकता। आप उसका हिसाब क्यों नहीं ले सकते। पीएम केयर फंड में पैसे देश और विदेश से कितने आये।
सुप्रियो ने कहा कि पहले इलेक्टोरल बॉण्ड के बारे में बात आई थी। जब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया तो भाजपा का सारा घोटाला लोगों के बीच सामने आ गया। पहले तो कहा जा रहा था कि एसबीआई हिसाब नहीं दे पायेगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का जैसे ही आदेश आया, कंपनियों तक के नाम सामने आ गये। कोरोना के नाम पर जो वैक्सिन का खेल खेला गया और वैक्सिन बनानेवाला कंपनी का मालिक इलेक्टोरल बॉण्ड में पैसा लगाकर, विदेश भी चल दिया। कोरोना काल में जो पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस लगा था, वो तीन वर्षों से आज भी चला आ रहा है। वो पैसे कहां खर्च किये जा रहे हैं। भाजपा को तो बताना ही चाहिए।
सुप्रियो ने कहा कि हम तो मोमेंटम झारखण्ड का खर्च और जो उसमें हाथी उड़ाये गये थे। उस पर भी ध्यान दे रहे हैं। जल्द उसका भी खुलासा होगा। आप तो अपना नेता भी नहीं ढूंढ पा रहे, वो भी तब जबकि आपके पास दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री विधानसभा में मौजूद हैं। पिछले सात बार से विधायक चुनकर आनेवाले प्रतिनिधि सदन में मौजूद हैं। बजट सत्र आना है। समितियों और आयोगों के सदस्यों और अध्यक्षों तक का चुनाव करना है। लेकिन आपकी तो आदत है भ्रम और गलतबयानी करने की, तो वो छूटेगा कैसे। दरअसल भाजपा की सारी चालें खत्म हो गई। ये जो सीजीएल का मामला ज्यादा उछाल रहे हैं। इस सीजीएल का मामला भी पूरे तथ्य व साक्ष्यों के साथ हम जनता के बीच रखेंगे। भाजपावाले चिन्ता न करें।