राजनीति

रमजान महीने के पहले दिन की शुरुआत, मुस्लिम विधायक इरफान अंसारी ने बाबा वैद्यनाथ की पूजा अर्चना से शुरु की, भाजपाइयों ने चुनाव आयोग से की शिकायत

मुस्लिम समुदाय के लिए बड़ा ही पवित्र माना जानेवाला रमजान महीना के पहले दिन ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघर स्थित देवाधिदेव बाबा वैद्यनाथ की विशेष पूजा अर्चना, जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अपने समर्थकों के साथ जाकर कर डाली। यही नहीं, उन्होंने सर्वप्रथम हिन्दू धर्मावलम्बियों की तरह विशेष संकल्प भी लिया, जिसे वहां के पुरोहितों ने संपन्न भी कराया।

अब सवाल उठता है कि कोई गैर-मुस्लिम किसी मंदिर में जाकर, वह भी रमजान के महीने में हिन्दू देवी-देवताओं की विशेष पूजा अर्चना करें, माथे पर तिलक लगाये, शिवजी पर जल चढ़ाएं, उन्हें स्पर्श करें, इसे मुस्लिम समुदाय स्वीकार करेगा? सीधा सा उत्तर हैं – नहीं, क्योंकि कोई भी मुस्लिम अल्लाह के सिवा किसी के आगे माथे टेक ही नहीं सकता, पर यहां तो हुआ हैं।

खैर, राजनीति जो न कराए, चूंकि मधुपुर में विधानसभा का चुनाव है, तो इस प्रकार की नौटंकी तो देखनी ही पड़ेगी, अब इस मामले को मुस्लिम समुदाय किस रुप में लेता हैं, ये तो वो जाने, पर हिन्दू समुदाय तो इसको लेकर दो धड़े में बंटा है। एक वह हिन्दू समुदाय हैं, जो धर्म-कर्म को समझता हैं और दूसरा वह हिन्दु समुदाय है, जिसे धर्म-कर्म से लेना ही नहीं हैं, जब मन किया, अपने मन के अनुसार हो लिया, तो ऐसे लोगों को पूछता भी कौन है?

इधर भारतीय जनता पार्टी ने इसे मुद्दा बना दिया है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे मुखर है, और इसकी शिकायत भाजपाइयों ने चुनाव आयोग से भी कर दी है। चुनाव आयोग इस पर क्या एक्शन लेता हैं, वो चुनाव आयोग जाने, पर इतना तो तय है कि इरफान अंसारी द्वारा बाबा वैद्यनाथ के स्पर्श किये जाने को लेकर, ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि जब काबा स्थित मुस्लिमों के बहुत बड़े तीर्थस्थल पर गैर-मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है, तो फिर द्वादशज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा वैद्यनाथ की मंदिर में गैर-हिन्दू का प्रवेश कैसे हो गया? किसने कराया और इससे किसको फायदा होनेवाला है?

भारतीय जनता पार्टी ने तो चुनाव आयोग को जो पत्र लिखा, उसमें उसने देवघर के उपायुक्त को भी लपेट लिया है। पत्र में कहा गया है कि देवघर के उपायुक्त झामुमो कार्यकर्ता की तरह अपना कार्य संपन्न कर रहे हैं। उपायुक्त चुनाव में झामुमो पार्टी के उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए, एवं जीत सुनिश्चित करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। जो सर्विस कोड ऑफ कन्डक्ट का उल्लंघन है। ऐसे उपायुक्त को रहते मधुपुर में निष्पक्ष चुनाव कराना नामुमकिन ही नहीं, बल्कि असंभव है।

पत्र में कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी द्वारा वैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने का भी जिक्र है, तथा इस प्रकरण पर इरफान अंसारी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन करने एवं दगा भड़काने के प्रयास में तत्काल उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने एवं गिरफ्तारी करने के आदेश का भी उल्लेख हैं।