दो-दो बार पूर्व प्रदेश मंत्री व अन्य पदों पर आसीन रहे गुमला के भूपेन साहू ने भाजपा को दिया झटका, अपने हजारों समर्थकों के साथ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा
रघुवर दास और रवीन्द्र राय के समय भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री रहे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे, दो-दो बार गुमला जिले के महामंत्री रह चुके, भारतीय जनता युवा मोर्चा के दो-दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके भूपेन साहू ने आज भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़ा झटका दिया है। भूपेन साहू ने आज अपने हजारों समर्थकों के साथ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
विद्रोही 24 से बातचीत के क्रम में भाजपा के प्रदेश नेताओं से गुस्सा खाये भूपेन साहू ने कहा कि वे जिस समाज से आते हैं। उस समाज ने हमेशा से भाजपा को साथ दिया है। उनका समाज तो भाजपा को साथ देने के नाम पर बदनाम भी है। लेकिन इस बार भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं ने उनके समाज के साथ बहुत बड़ा छल किया।
भूपेन साहू ने कहा कि जो नई जिला कमेटी बनी। उसमें उनके समाज के एक भी व्यक्ति को स्थान नहीं दिया गया। गुमला में 17 मंडल हैं। उन मंडलों में से एक भी मंडल अध्यक्ष उनके समाज का नहीं। जबकि पूर्व में उनके समाज के लोगों को स्थान दिया जाता था। वे कहते है कि हद हो गई 23 सदस्यों की जिला कमेटी और सात मोर्चा बनाये गये। उन जिला कमेटियों/मोर्चा में भी उनके समाज के सदस्यों को नाम नहीं हैं, ऐसे में हमलोग भाजपा के साथ क्यों रहे। इसलिए उनके समाज के लोगों ने फैसला किया कि भाजपा के साथ जो अब तक संबंध रहा हैं। उस संबंध को सदा के लिए अब समाप्त किया जाये।
भूपेन साहू ने कहा कि वे इस संबंध में एक पत्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सौंपने के लिए प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे, पर वे नहीं मिले तो उनके समाज के लोगों ने प्रदेश संगठन मंत्री को वो पत्र सौंपकर चल दिये। भूपेन साहू ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि जिस पार्टी को हमलोगों ने खून-पसीने से सींचा, आज उसी पार्टी के लोग उनके समाज के लोगों को सम्मान देना भूल रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि भूपेन साहू छोटानागपुरिया तेली समाज से आते हैं। ये समाज गुमला में वर्चस्ववाला है। छोटानागपुरिया तेली उत्थान समाज के जिलाध्यक्ष ने बाबूलाल मरांडी को पत्र भी लिखा है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि उनके समाज के शत प्रतिशत लोग भाजपा के कार्यकर्ता है। उनके समाज के लोग वर्तमान गुमला के भाजपा जिलाध्यक्ष की कार्यशैली से स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जिस गुमला जिलाध्यक्ष को प्रदेश द्वारा मनोनीत किया गया है। उनके कार्यशैली से सभी नाराज है। जिसके कारण आज सभी भाजपा के प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे रहे हैं।