राजनीति

भाजपा ने कभी भी गरीब-गुरबा को मदद नहीं पहुंचाया, इसी वजह से उनके साथ न तो आदिवासी, न गरीब, न दलित, न पिछड़ा, न किसान, न युवा और न महिला है, उनके साथ सिर्फ पूंजीपतियों का जमावड़ा हैः हेमन्त

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पलामू में कहा कि “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत आयोजित हो रहे सभी शिविरों पर वे खुद नजर रख रहे हैं। जिन शिविरों में जा रहे हैं, वहां यह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि वास्तव में लाभुकों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि शिविरों में मेला जैसा माहौल है। लोगों में उत्साह चरम पर है और योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभिन्न काउंटरों पर भीड़ उमड़ रही है।

उन्होंने कहा कि लोगों को कुछ योजनाओं का तुरंत लाभ मिल रहा है और कुछ में आवेदन स्वीकार कर आगे की कार्रवाई भी की जा रही है। वे जहां जा रहा हैं, लोग कह रहे हैं कि वर्तमान सरकार से पहले कोई पदाधिकारी पहले उनके गांव-पंचायत नहीं आते थे। आज आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लाखों लोगों को उनके द्वार पर योजनाओं का लाभ मिला है।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि पूर्व की डबल इंजन की सरकार में लोगों को हक़-अधिकार नहीं मिल पाता था। कभी कोई पदाधिकारी गांव-पंचायत नहीं जाता था। किसी भी वर्ग के लिए काम नहीं होता था। लोगों को हमारी सरकार से कई आशाएं हैं। उसी की पूर्ति हेतु वे काम कर रहे हैं।

विपक्ष के लोग राज्यभर में लगने वाले इन शिविरों में नहीं जा रहे हैं। इस शिविर में आने के लिए उन्हें निमंत्रण भी दिया गया था, तब भी वे नदारद हैं। क्या वे गरीब-गुरबा को मदद नहीं पहुंचा सकते? अगर ऐसा है, तो विपक्ष के साथ न आदिवासी है, न गरीब है, न दलित है, न पिछड़ा है, न किसान-मजदूर, न युवा, और न महिला है। उनके साथ सिर्फ पूंजीपतियों का जमावड़ा है।

उन्होंने कहा कि आने वाले साल के बाद झारखण्ड 25 साल का होगा। हम इस युवा राज्य को सशक्त बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। सभी वर्ग के लिए हम काम करते हैं। सभी से उनका सरोकार है। लोगों के सुख-दुःख में सरकार हमेशा खड़ी रही है। आप सभी से अपील है शिविर के जरिए योजनाओं का लाभ अवश्य लें।

यहां के हक-अधिकार की लड़ाई विपक्ष ने कभी नहीं लड़ी। विपक्ष के लोग सिर्फ यहां के खनिज को लूटकर अपनी जेब में भरने में लगे रहे। पलामू प्रमण्डल में विधायक सबसे अधिक विपक्ष से हैं, आप पूछे उनसे कि यह पेंशन किसने दिया, राशन कार्ड किसने दिया, सड़क कौन बनवा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोयला झारखण्ड से निकाला जाता है। कोयला का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया है। जब बकाया राशि मांगा गया तो वे टालमटोल करते हैं। जिन्होंने 20 वर्ष तक इस राज्य में शासन किया, उन्होंने कभी इस राशि को, राज्य के अधिकार को हमारे साथ नहीं मांगा। यह पैसा झारखण्डवासियों का है।

ये गरीबों के आवास का, सुखाड़ का, आपदा का पैसा भी नहीं दे रहे हैं। आज हम लोग अपने बल पर इस राज्य को खड़ा कर रहे हैं। अपने हक-अधिकार के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। उसके लिए कभी-कभी लंबे आंदोलन भी करने पड़ते हैं। इसके लिए एकजुट होना पड़ता है। अपनी इस लड़ाई को मिलकर हम लड़ेंगे और अधिकार लेकर रहेंगे।

उन्होंने कहा कि आपकी सरकार ने 2019 के बाद से 16 लाख से अधिक नए किसानों को केसीसी से आच्छादित किया जिसके जरिए हजारों करोड़ रुपयों का किसानों ने उपयोग किया है। इस योजना के तहत कुल 35 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य हमने तय किया है ताकि किसानों के समग्र विकास की लकीर खींची जा सके।

2019 से पूर्व केसीसी से आच्छादित किसानों की संख्या काफी कम थी। श्रमिकों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कई राज्यों के साथ एमओयू करने की हमने कार्ययोजना बनायी है। क्योंकि हमारे कई श्रमिक यहां से अन्य राज्य जाते हैं और उन्हें उचित मदद नहीं मिल पाती है। एमओयू के तहत संज्ञान लेते हुए श्रमिक भाइयों और बहनों की सुरक्षा और कल्याण का कार्य किया जाएगा। सभी श्रमिक भाइयों-बहनों से अपील है श्रम विभाग में अपना निबंधन जरूर कराएं।