अपराध

यौन शोषण के आरोप में संजीव के जेल जाने से भाजपाई हैरान, DGP अपने बयान पर अडिग अपराधियों को आयरन हैंड से कुचलेंगे

कही भी अगर कोई घटनाएं/दुर्घटनाएं होती हैं, तो जनाक्रोश पनपता है, यह सामान्य सी घटना है, पर उस जनाक्रोश की आड़ में आप राजनीतिक रोटी सेंकेंगे, गलत को बढ़ावा देंगे, गुंडागर्दी करेंगे, मुख्यमंत्री का काफिला पर हमला करेंगे, बिना जाने उस घटना की तुलना निर्भया कांड से कर देंगे, पुलिस को अपना काम करने का मौका भी नहीं देंगे, तो फिर समझ लीजिये पुलिस भी आपको उसी प्रकार से निबटेंगी, इसमें कोई किन्तु परन्तु नहीं है।

मैं आज भी डंके की चोट पर कह रहा हूं कि राज्य में कोई भी कानून को चुनौती देगी, विधि-व्यवस्था को ठप करने में दिमाग लगायेगा, तो हम ऐसे लोगों को आयरन हैंड से कुचलेंगे, ये सभी समझ जाये। ये बाते आज विद्रोही24 से बातचीत के क्रम में राज्य के पुलिस महानिदेशक एम वी राव ने की।

उन्होंने कहा कि ओरमांझी कांड एक सामान्य सी घटना थी, पर कुछ मीडियाकर्मियों एवं सोशल साइट पर आग उगलनेवालों ने इसकी तुलना निर्भया कांड से कर दी, मानो उन्होंने पता लगा लिया कि जो शव प्राप्त हुआ हैं, उसके साथ निर्भया जैसी हादसा हुआ है। मैं तो कहता हूं कि अगर आपको इतनी ही जानकारी है तो आप पुलिस को सूचनाएं उपलब्ध कराएं, पुलिस आपके साथ मिलकर घटना में संलिप्त अपराधियों को पकड़ने का काम करेगी तथा इस कांड से प्रभावित परिवारों को न्याय दिलायेगी, पर यहां हो क्या रहा है कि कुछ लोग सोशल साइट में इसे मुद्दा बनाकर,  विधि व्यवस्था को चुनौती देने में लग जाते है, ऐसे लोग जो बेवजह विधि-व्यवस्था को चुनौती देने में लग जाते हैं, वे समझ लें कि ऐसे लोगों से भी हम कड़ाई से निबटेंगे।

अपराधी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, वो पकड़ा जायेगा, उसे जेल की सलाखों में डाला जायेगा, ठीक उसी प्रकार जैसे बेलाल और संजीव साहू जैसे लोगों को पकड़ा गया। संजीव साहू रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ के पीए है। जिन पर धुर्वा की किसी महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है।

संजीव साहू की गिरफ्तारी से भाजपा नेताओं के हालत पस्त है, वे फिलहाल किंकर्तव्यविमूढ़ है, उन्हें कुछ बोलते नहीं बन रहा है, क्योंकि दो दिन पहले तक ओरमांझी कांड को लेकर भाजपा के नेता हेमन्त सरकार और राज्य पुलिस के खिलाफ मुखर थे और उन्हें कटघरे में रखने का प्रयास कर रहे थे, पर धुर्वा की महिला द्वारा भाजपा सांसद के पीए पर ही यौन-शौषण का आरोप लगा दिया जाना और उसे इस मामले में गिरफ्तार कर लिया जाना, उनके गले की हड्डी बन गई है।

बुद्धिजीवियों की मानें तो अगर इस प्रकार से अपराधियों की धर-पकड़ होने लगे, तो लोगों में एक नया मैसेज जायेगा कि पुलिस अब किसी को छोड़ने नहीं जा रही है, इससे अपराधियों में भी भय जन्म लेगा। इधर मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले करनेवालों में से अब तक सत्तर लोग गिरफ्तार हो चुके है, जिसमें से मुख्य आरोपी भैरव सिंह को पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि आज एक नया चेहरा रॉकी गोप को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

दूसरी ओर हजारीबाग कांड में एक महिला की हत्या की मामले को लेकर एसआइटी गठित कर दी गई है, लगता है कि यह मामला भी जल्द सुलझा लिया जायेगा। लगातार तीन मामले ओरमांझी कांड, सीएम के काफिले पर हमले और धुर्वा की महिला द्वारा यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार संजीव साहू मामले पर एक अच्छा संदेश लोगों में गया है, अगर पुलिस इसी प्रकार काम करती है तो निश्चय ही बेकार के आंदोलन करनेवालों और उससे होनेवाली मुसीबतों पर भी लगाम लगेगा।