राजनीति

भाजपा नेता ज्यादा न अलबलाए, जनता तैयार बैठी है, 2025 में मुक्ति तथा राजनीतिक मोक्ष दिलाने को, रही बात रघुवर दास की तो वे पहले भी कमाल दिखा चुके हैं, जब पार्टी उनके समय में 18 सीटों पर सिमट गई थी – सुप्रियो

ये भाजपा के नेता कह रहे हैं कि इस बार सूर्य उत्तरायण कुम्भ के साथ होगा। अरे भाई ये कोई नया थोड़े ही हैं। ये तो हर चार साल पर ऐसा होता है। कोई विशेष साल थोड़े ही हैं। लेकिन आपको यह पता नहीं कि 2025 में झारखण्ड के लोगों ने ठान लिया है कि आपको झारखण्ड से मुक्ति दिलाकर रहेंगे, आपको राजनीतिक मोक्ष की प्राप्ति हो, इसके लिए यहां की जनता तैयार बैठी है। ये बातें आज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कही।

सुप्रियो ने कहा कि आज देखने को मिला कि भाजपा का एक रिटायर्ड हर्ट प्लेयर भाजपा के पिच पर बैटिंग करने के लिए उतरा है। 2019 के चुनाव में हेमन्त सोरेन के एक बाउंसर पर चोटिल हुआ यह शख्स, 2023 में भुवनेश्वर इलाज के लिए गया था। वहां वो राज्यपाल के पद पर था। लेकिन आज उसने खुद अपने मंच से कहा कि राज्यपाल होते हुए भी भाजपा कार्यकर्ता के रूप में ही काम करता था। अब ऐसे वक्तव्य आने के बाद केन्द्र सरकार व भारत की राष्ट्रपति, जिनके आदेश के बाद राज्यपाल का मनोनयन होता है। वे खुद बताएं कि क्या ये संवैधानिक पद की अवमानना नहीं हैं। अगर कोई व्यक्ति राज्यपाल के पद पर रहकर, भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करें, क्या ये चिन्ता का विषय नहीं।

सुप्रियो ने कहा कि जिस पार्टी में पांच-पांच पूर्व मुख्यमंत्री रहे हो, जिसमें रघुवर दास भी शामिल है। आज वो भाजपा में शामिल हो रहे हैं और ऐसे में उन्हीं के क्षेत्र के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री नदारद रहे, आखिर ये क्या बताता है? आज एक पूर्व मुख्यमंत्री मंच पर मौजूद भी थे, लेकिन उनके चेहरे पर हंसी नहीं दिख रही थी, उत्साह नहीं था। बाबूलाल मरांडी के ही इलाके के कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र राय आज मंच से राहु-केतु की बात कह रहे थे, कि उनकी पार्टी में राहु-केतु के आगमन के कारण पार्टी को ग्रहण लग गया था। तो भाई तीन पूर्व मुख्यमंत्री तो आये नहीं और बचे दो मुख्यमंत्री तो मंच पर ही थे, तो पता लग गया कि पार्टी में असली राहु-केतु कौन हैं। सुप्रियो का इशारा बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास की ओर था।

सुप्रियो ने कहा कि रघुवर दास कह रहे थे कि वे पांच महीने कुछ नहीं बोलेंगे। दो सांसद लेकर कभी पार्टी चली थी और आज केन्द्र में भाजपा की सरकार है। लेकिन रघुवर दास को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जब वे प्रदेश अध्यक्ष थे, तो पार्टी के दुर्दिन के दिन भी शुरु हो गये थे। पार्टी विधानसभा में 18 सीटों पर सिमट गई थी। सुप्रियो ने कहा कि रघुवर कहते हैं फिट एंड फाइन भाजपा। जबकि बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि हनीमून भाजपा। हनीमून से बाबूलाल मरांडी को बहुत प्यार है। रघुवर दास को बताना पड़ेगा कि प्रदेश अध्यक्ष उनके हनीमून में हैं या नहीं।

सुप्रियो ने कहा कि दरअसल ये सोये हुए हैं। इस राज्य की जनता ने जो इन्हें काम दिया है। वे कर ही रहे हैं। इससे अधिक इन्हें कुछ करने की जरुरत भी नहीं, क्योंकि आपलोगों के उपचार का काम हेमन्त सरकार ने ले लिया है। सुप्रियो ने कहा कि जब हम केन्द्र सरकार से एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये की मांग की, तो ये लोग, इनके सांसद नकारा करते थे और आज देखिये इन्हीं के कोयला मंत्री स्वीकार करते हैं कि वे इस पर कमेटी बना चुके हैं और जल्द ही इसका समाधान निकलेगा। जबकि राज्य सरकार पहले ही भू-राजस्व विभाग के माध्यम से कमेटी बनाकर अपना पक्ष जोरदार ढंग से रख रही है।

सुप्रियो ने कहा कि अब तो इन्हें यह बताना पड़ेगा कि आखिर हमारा यह पैसा कब आयेगा? ये लोग कहते हैं कि सीसीएल यहां सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बना रही है। तो भाई ऐसा करके कोई आप यहां ऐहसान नहीं कर रहे। ये आपका दायित्व बनता है। आप हमें उजाड़ेंगे, विस्थापित करेंगे और आप ये सब भी नहीं करेंगे और ये आप काम किसके पैसे से कर रहे हैं, अपने पैसे से नहीं, बल्कि सीएसआर के पैसे से कर रहे हैं, कोई सेवा भाव से नहीं कर रहे। आप पेट-दमा आदि की बीमारी दे रहे हैं तो अस्पताल भी नहीं देंगे।

सुप्रियो ने कहा कि रघुवर दास कहते है कि पूर्व रक्षा राज्य मंत्री संजय चौधरी हास्पिटल का आधारशिला रखे थे, मतलब ये अपने ही लोगों के नाम भूल गये, ऐसे में इनकी मन-स्थिति को समझना पड़ेगा। मतलब भाजपा कितनी डरी, सहमी व हतोत्साहित है। समझना पड़ेगा। दरअसल कोई भी पार्टी जो जनता का विश्वास खो देती है, वो पार्टी कभी जमीन पर नहीं उतरती। आज स्थिति देखिये, भारत की सर्वोच्च अदालत को कहना पड़ रहा है कि भाजपा अपना विधायक दल का नेता चुन लें। कमाल है, कौन बनेगा उनका विधायक दल का नेता, इधर सीपी सिंह लगे हुए है, विधायक दल का नेता बनने को और उधर बाबूलाल मरांडी लगे हुए हैं। ये तो हालात हैं भाजपा के, ये जनसमस्या पर क्या ध्यान देंगी।