जनता को उनके हाल पर छोड़ भाजपा विधायक ढुलू और आजसू सांसद चंद्रप्रकाश गायब, वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा और अन्य संगठनों ने संभाला मोर्चा
जब कोई आपदा आती है, तो जनता को सबसे पहले उनके जनप्रतिनिधि याद आते हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का विश्वास होता है कि उनका जनप्रतिनिधि और कुछ में भले ही सहयोग न करें, पर विपत्ति के समय जरुर दिखाई देगा, उसके पास आयेगा, आंसू पोछेगा, पर ये क्या? धनबाद जिले का बाघमारा इलाका यहां के सांसद है आजसू के बहुत बड़े नेता, कई बार सत्ता सुख भोग चुके, मंत्री पद सुशोभित कर चुके सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के अतिप्रिय बाघमारा के दबंग विधायक ढुलू महतो कही दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।
ये दोनों महान हस्तियां कहां है, किस गुफा में बैठकर ध्यान व योग की मुद्रा में बैठे हैं, किसी को पता ही नहीं चल रहा है और इधर कोरोना महामारी पूरे झारखण्ड में तहलका मचाने को बेताब है। यह कोरोना हालांकि धनबाद में भी दस्तक दे चुकी है, पर क्या मजाल कोरोना संक्रमण से जूझ रही बाघमारा की जनता के आंसू को पोछने के लिए ये दोनों महाशय कतरास या बाघमारा में दिख जाये। लोग प्रतिदिन ढिबरी लेकर इन्हें खोज रहे है कि कही अंधेरे में ये दोनों दिख जाये, पर दिख नहीं रहे।
इधर कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन क्या हुआ? बाघमारा-कतरास के इलाके में दिहाड़ी मजदूरों पर एक तरह से आफत ही आ गई, क्योंकि सारे छोटे-बड़े खाने-पीने के होटल बंद, सारी दुकानें बंद, अब ये बेचारे गरीब-दिहाड़ी मजदूर अपना भूख कैसे मिटाएं? जानवरों का भी बुरा हाल, उनके लिए चारा का बंदोबस्त कैसे हो? इसकी भी समस्या आ गई, और लीजिये इसी समय इन सबके लिए तारणहार के रुप में उभरे वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा तथा अनेक समाजसेवी संगठन जो इन गरीबों के लिए खाद्यान्न व जरुरी सामग्रियों को लेकर सड़कों पर निकल पड़े।
समाजसेवी गौतम मंडल बताते है कि पिछले एक महीने से भी अधिक हो गये, वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा की ओर से कतरास के त्रिभुवन मार्केट के सामने आर्य आहार केन्द्र चल रहा है, जहां प्रतिदिन चार से पांच सौ के लगभग लोग भोजन कर रहे हैं तथा यही से करीब एक हजार लोगों को प्रतिदिन बना बनाया भोजन विभिन्न इलाकों में भेजा जा रहा है, ताकि कोई भूखा न रहे। यहां बन रहे भोजन में पुड़ी, सब्जी, अचार प्रमुख है, तथा कभी-कभार हलवा भी दे दिया जाता है।
गौतम मंडल कहते है कि यहां से गरीबों को मास्क, साबुन तथा अन्य जरुरत की सामग्रियां भी भेट की जा रही है। यही नहीं इन्होंने कतरास थाने को भी खाद्यान्न व जरुरत की महत्वपूर्ण सामग्रियां जरुरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए उन्होंने कतरास थाने को दी। वे बताते है कि विजय झा, आज से नहीं, हमेशा से ही इस प्रकार का कार्य करते रहे हैं। यही कारण है कि बाघमारा-कतरास में इनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
आर्य आहार केन्द्र में भोजन ग्रहण कर रहे लोगों ने विद्रोही24 डॉट कॉम को बताया कि यहां बन रहा भोजन, उच्च कोटि का है, जिसे ग्रहण करने में कोई परेशानी नहीं होती। आर्य आहार केन्द्र चलवा रहे वरिष्ठ समाजसेवी ने विद्रोही24 को बताया कि जब से लॉक डाउन शुरु हुआ, तब से यह केन्द्र चल रहा है, और ये तब तक चलेगा, जब तक लॉकडाउन पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, क्योंकि आखिर ये बेचारे गरीब खायेंगे कहां और क्या खायेंगे? सवाल तो सबसे बड़ा यही है।
कमाल यह भी है कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता जो मोदी आहार धनबाद में बांट रहे हैं, उन मोदी आहार को लेकर बाघमारा या कतरास में वे दिख नहीं रहे। लोग व्यंग्यात्मक लहजे में कहते हैं कि शायद बाघमारा-कतरास में रह रहे गरीब लोगों को भाजपा द्वारा बांटी जा रही मोदी आहार की जरुरत नहीं। इधर इन सबकी बिना परवाह किये कतरास के गंगा गौशाला को वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा ने अपनी और से इक्कीस हजार रुपये का चेक सौंपा। साथ ही वहां कार्य कर रहे 122 लोगों के बीच खाद्यान्न एवं जरुरत की महत्वपूर्ण सामग्रियां प्रदान की। वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा और उनके परिवार की ओर से चलाये जा रहे इस सेवाकार्य से प्रभावित होकर दसवीं की छात्रा स्नेहाश्री ने पत्र के माध्यम से विजय झा, उनकी पत्नी डा. शिवानी झा, एवं श्रीकृष्णा मातृ सदन को जमकर प्रशंसा की है।
यही नहीं इसी धनबाद के कतरास व बाघमारा इलाके में ऐसे कई सामाजिक संगठन जैसे, श्यामभक्त मंडल कतरास, दोस्ताना ग्रुप, ह्युमिनिटी ग्रुप हैं, जिन्होंने गरीबों की मदद के लिए आगे आकर, अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है, लोग बताते है कि पूर्व सांसद रवीन्द्र पांडे की ओर से भी कुछ इलाकों में गरीबों को भोजन प्रदान किये जा रहे हैं।
Sir, कहते है ना कि अच्छे वक़्त में दुनिया की और बुरे वक़्त में अपनो की पहचान करवा देती है , जनता भी अब याद रखेगी की कोन अपना और कोन पराया था ..!