BJP ने जारी किया वीडियो, दलाल विशाल के यहां सरकारी फाइलें निपटाते दिखे CM हेमन्त के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, FIR दर्ज कर जेल भिजवाने की मांग भाजपा ने की
राजधानी रांची में चूंकि होली का माहौल है, पर भाजपा यहां दीपावली का धमाका करने में ज्यादा रुचि दिखा रही है। भाजपा के दो नेताओं बाबू लाल मरांडी और डा. निशिकांत दूबे के ट्विट ने गजब ढाया है, वहीं भाजपा ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सारे मीडिया ग्रुप तक ये धमाके पहुंचा दिये हैं, संभव है कल के अखबार और आज के इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनलों के लिए एक अच्छा मसाला मिल गया हैं, और वे इस पर आज खुब खेलेंगे। हेमन्त सरकार को घेरेंगे।
भाजपा ने इस बार झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का पर निशाना साधा है और उन पर आरोप लगाया है कि वे भी काले-कारनामों और महालूट के एक मोहरे हैं, वीडियो मात्र 36 सेंकेंड हैं और लगता है कि अरुण कुमार एक्का के सामने से बनाया गया है। वीडियो नीचे दिया गया है, जिसे आप देख सकते हैं।
अरुण कुमार एक्का फाइल पर साइन किये जा रहे हैं, जबकि उनके बगल में खड़ी महिला मुस्कुरा रही है। इधर भाजपा ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है, जिसमें उसने 17 बिन्दुओं के माध्यम से हेमन्त सरकार को घेरने की कोशिश की है।
- ये झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जो गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के भी प्रधान सचिव है। राजीव अरूण एक्का के काले कारनामें एवं महालूट का एक छोटा सा वीडियो क्लीप हमारे संज्ञान में लाया गया है। यह वीडियो देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि झारखंड में सरकार कैसे चल रही है और कौन लोग चला रहे हैं?
- ये पिछले दिनों इडी के छापे के बाद चर्चा में आये सत्ता के एक मशहूर दलाल विशाल चौधरी के अरगोड़ा चौक के निकट के कार्यालय का वीडियो है। एक्का साहब वहां सरकारी फाइलें जिस बेशर्मी से निपटा रहें है, इसे देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को शर्म आये या नहीं दुनियां के किसी भी आदमी को बारूद के ढ़ेर पर बैठे झारखंड की ऐसी दुर्दशा देखकर लज्जा आयेगी।
- जो महिला बगल में खड़े होकर ये फाइलें साइन करा रही हैं वो झारखंड सरकार का कर्मचारी नहीं, बल्कि दलाल विशाल चौधरी का प्राइवेट कर्मचारी हैं।
- बगल में जिसकी आवाज आ रही है और वो अपने महिला कर्मचारी से किसी से पैसे आने- नहीं आने के बारे में पूछ रहा है वो विशाल चौधरी की आवाज बतायी जा रही है। फिर महिला द्वारा पैसा नहीं आने की जानकारी पर विशाल किसी को फोन लगाकर पैसे के बारे में पूछ रहा है।
- मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं राज्य के गृह सचिव जैसे पद पर बैठा व्यक्ति जब यह काम कर रहा है तो बाकि दूसरों के ऐसे कारनामें तो इसके सामने बौने दिखेंगे।
- एक्का और विशाल अकेले नहीं है। ऐसे कई और दलाल, अफसर एवं सताधारी लोग हैं जो मिल बैठकर टेंडर, ट्रांसफर आदि की फाइल पैसे लेकर अपने घरों से निपटा रहे हैं। विस्तृत जांच होगी तो इस सरकार के मुखिया और उनके गुर्गों के कारनामें के बारे ऐसी हैरान करने वाली जानकारियां सामने आयेंगी कि लोग देखसुन कर दांतो तले अंगुली दबा लेंगे।
- मुख्यमंत्री के घर की सुरक्षा का एके 47 दलाल प्रेम प्रकाश के घर में मिलता है और उनका प्रधान सचिव दलाल विशाल चौधरी के प्राइवेट कार्यालय में सरकारी टेंडर की फाइल ले जाकर पैसे वसूलवाता है और वहीं से मुख्यमंत्री कार्यालय का काम करता है।
- मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि इस गंभीर अपराध के लिए राजीव अरूण एक्का पर तुरत एफआइआर कर उन्हें जेल भिजवायें। उन्हें पद से हटायें, भ्रष्टाचार विरोधी कानून में इनपर कारवाई करें।
- एक्का गृह विभाग जैसे सवेंदनशील विभाग के भी प्रधान सचिव हैं इसलिए राज्य की पुलिस इसकी जांच और कारवाई कैसे कर सकती है? इसलिए मुख्यमंत्री इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश जारी करें।
- भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल इस वीडियो की सीडी के साथ महामहिम राज्यपाल से मिलकर अनुरोध पत्र सौंप कर मांग करेगा कि इस बेहद महत्वपूर्ण मामले में विस्तृत निष्पक्ष जांच के लिये सीबीआई को सौंपने के लिए राज्य सरकार को भेजें।
- इस मामले में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल प्रवर्तन विभाग से भी मिलकर वीडियो की कॉपी के साथ ज्ञापन सौंपेगा और इस मामले में वसूली से हुए मनी लॉड्रिंग की भी विस्तृत जांच की मांग करने जा रहे हैं।
- मुख्यमंत्री की सुरक्षा का एके ४७ दलाल प्रेम प्रकाश के घर में मिलता है और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का होम डिपार्टमेंट की फाइल दलाल विशाल चौधरी के घर में रहता है और वहीं साइन होती है।
- ये क्या हो रहा है? मुख्यमंत्री जी को बताना चाहिये। एक ४७ में भी कारवाई नहीं हुई। इस मामले में भी कारवाई नहीं करेंगे तो खुद जेल जाने से कैसे बचेंगे मुख्यमंत्री? क्या ये फ़ाइल भी भाजपा वालों ने दलाल के यहाँ पंहुचा दिये?
- राज्य के मुख्य सचिव की गिनती अच्छे अधिकारी में होती है। मैं उनसे अनुरोध करता हूँ कि वे धृतराष्ट्र नहीं बनें। इस गंभीर मामले पर कठोर कार्रवाई का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को देने में विलम्ब नहीं करें। ऐसे कितनी घोटाले से किस-किस को बचाने की फ़ाइल और कितने दिन रोकेंगे मुख्यमंत्री? काग़ज़ात नहीं मरते। कारवाई तो होगी ही।
- लालू जी ने भी पशुपालन घोटालेबाज़ों की फ़ाइल दबा-दबा कर रखा। परिणाम क्या हुआ? आज दुनियां के सामने है।
- होम डिपार्टमेंट और मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की संवेदनशील फाइलें दलाल के यहाँ मिले। ये तो तालिबानी भी शायद नहीं करते होंगे। देश-दुनिया में ऐसा कहीं और देखने की बात दूर सपने में सुनने को भी नहीं मिलेगा।
- आदिवासियों के नाम पर कलंक है ये मुख्यमंत्री। इसने देश-दुनियां में आदिवासियों की इज्जत मिट्टी में मिलाने और बदनाम करने का काम किया है।