भाजपा ‘बिलो द बेल्ट’ की राजनीति बंद करें, नहीं तो उनकी ट्रोल आर्मी से निबटने झामुमो को आता है, राज्यपाल की कार्यप्रणाली पर भी अंगुली उठाई झामुमो ने
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश बताये कि उनके कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का शेड्यूल क्या है? सिलेबस क्या है? अन्य संगठन के लोगों को अपमानित करना, उनका मानसिक प्रताड़ना करना, उनका चरित्र हनन करना, अगर आपका यही शेडयूल है, यही सिलेबस है जो समाज को बांटने का काम करती है तो जान लीजिये यह यहां चलनेवाला नहीं, क्योंकि यहां जनतंत्र है, लोकसर्वोपरि है। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम को देख लीजिये, समझ आ जायेगा। ये बातें आज झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने दुखी मन से कहा कि भाजपा के एक नेता/कार्यकर्ता ने उनके बीमारी के समय का एक ऐसा वीडियो सोशल साइट पर डाला, जो एक जघन्य मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा जब वे बीमार थे, तो वे एक चिकित्सक के पास बीमारी का इलाज कराने गये थे। जैसा कि होता है कि अपने प्रमोशन के लिए उक्त चिकित्सक ने उनका वीडियो तैयार किया था। उस वीडियो को फिर से भाजपा युवा मोर्चा के मीडिया सेल से जुड़ा व्यक्ति ने सोशल साइट पर डाल दिया।
उसने इसका उपयोग किया, फेसबुक पर डाले, उसके हजारों व्यूअर्स निकले, सैकड़ों लोगों ने शेयर किया, उनके प्रतिष्ठा को धूमिल करते हुए, उनके पार्टी के नेताओं को असभ्य भाषा में उद्धृत किया। सुप्रियो ने कहा कि वे राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ-साथ सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यकर्ता भी हैं। हाल ही के दिनों में उन्होंने 5/6/7 को बांगला सांस्कृतिक मेला का कार्यक्रम आयोजित किया था। आज तक का परिपाटी रहा, प्रभात कुमार जो प्रथम राज्पाल थे, या पूर्व में झारखण्ड की राज्यपाल रही, जो आज राष्ट्रपति भी हैं, उस बांगला सांस्कृतिक मेला के उद्घाटन कार्यक्रम में आई थी।
परन्तु वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस बांगला सांस्कृतिक मेला आना जरुरी नहीं समझा। उसके पहले यही राज्यपाल राजभवन में गुजरात-महाराष्ट्र दिवस अवश्य मनाएं थे। उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि, जो भाषा झारखण्ड के पाकुड़ से बहरोगारा तक कॉमन भाषा है। उसकी संस्कृति का महोत्सव होता है, उसका उद्घाटन करने का काम उन्होंने नही किया। यही भाजपा की मानसिकता को प्रकट करती है।
इधर सुप्रियो ने कहा कि जरा देखिये उस नेता को, उसके डर को देखिये, जैसे ही प्राथमिकी दर्ज होता है। वो उक्त पोस्ट को डिलीट कर देता है। वह सोचता है कि वो बहुत तेज है। उसे नहीं पता कि वो पोस्ट में कही हुई बातें सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि पुलिस का साइबर सेल अपना काम कर रहा है। पुलिस को उक्त पोस्ट में प्रयुक्त किये गये सारे शब्दों को पढ़ना चाहिए। इसी से स्पष्ट हो जायेगा कि भाजपा की क्या मानसिकता रही है। कैसे इसके नेता जघन्य अपराधों में शामिल है। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि वो झामुमो को मजबूर नहीं करें। झामुमो ने कभी भी कमर के नीचे राजनीतिक प्रहार नहीं किया और न ही बिलो द बेल्ट की राजनीति की हैं, अगर आप इस प्रकार का काम करेंगे तो आपको भी जवाब मिलेगा। आपकी जो ट्रोल आर्मी है, उससे कैसे निबटा जाता है, उन्हें पता है।