राजनीति

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री CM रघुवर के घरेलू नौकर की तरह काम कर रहे हैं

दुमका में संवाददाताओं से बातचीत करने के क्रम में फायर ब्रांड नेता सरयू राय ने भाजपा के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि भाजपा में फिलहाल यहां के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री सीएम रघुवर के घरेलू नौकर की तरह काम कर रहे हैं, जो शर्मनाक है। 

उनका कहना है कि उनकी आदत रही है कि वे पार्टी के अंदर सर्वप्रथम जो मर्यादाएं हैं, उनका वे पालन करते हैं, राज्य की रघुवर सरकार जो भ्रष्टाचार के कीर्तिमान बना रही थी, उन भ्रष्टाचार के मुद्दें पर वे पार्टी के इन नेताओं से मिले थे, पर इन्होंने कभी भी इन मुद्दों पर सीएम रघुवर दास से सवाल-जवाब नहीं किया, बल्कि सीएम रघुवर के घरेलू नौकरों की तरह व्यवहार करते नजर आये।

रघुवर दास ने कहा कि वे राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर पीएम मोदी से 4 अगस्त 2017 को दिल्ली में मिले थे, बाद में बात अमित शाह तक गई, कुछ दिनों तक उसका प्रभाव दिखा, पर फिर वहीं ढाक के तीन पात, दिल्ली में बैठे नेताओं को बताया गया कि सरयू राय ऐसे ही पार्टी और सरकार के विरोध में बोलते रहते हैं, जबकि उन्होंने जो भी बात रखी, वो प्रमाण के साथ रखी थी।

सरयू ने फिर दोहराया रघुवर कैबिनेट में रहने पर शर्मिंदगी महसूस होती थी

सरयू राय ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान कहा था कि उन्हें कैबिनेट में रहने पर शर्मिंदगी महसूस होती है, क्योंकि कई फैसले राज्य सरकार बिना कैबिनेट में रखे ही ले लेती है। उन्होंने कहा कि उनके पत्रकार मित्र जब उनसे मिलकर कहते थे कि इस सरकार से कही बेहतर हेमन्त सोरेन की सरकार थी, तो उन्हें शर्म महसूस होती थी, क्योंकि वे भाजपा में थे।

भ्रष्टाचार के एक दर्जन मामले तो हाईकोर्ट में पीआइएल के चल रहे हैं, ये तो देखने की बात है। मैनहर्ट, कंबल घोटाला, स्किल घोटाला, नौकरी के नाम पर 26000 लोगों को नौकरी इससे बड़ा सफेद झूठ दुसरा कोई हो  ही नहीं सकता, और वह भी हद हो गई कि लिम्कावालों ने अपने किताब में इसे स्थान दे दिया। और लीजिये, हमने ये मुद्दे उठाएं, ठीक करना चाहिए था, सीएम रघुवर को, पार्टी और उनके शीर्षस्थ नेताओं ने उन्हें ही ठीक करके रख दिया।

अगर अखबार-चैनलवाले भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधेंगे तो ऐसा नहीं कि ये बात जनता तक नहीं पहुंचेगी, सोशल साइट जिन्दाबाद है

सरयू राय ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आश्चर्य है कि इन भ्रष्टाचारों की सुर्खियां अखबारों में नहीं बनी, अखबारों-चैनलों ने उसे स्थान नहीं दिया, पर ये मत भूलिये कि आपके इन खबरों से मुंह चुरा लेने से, बात जनता तक नहीं जायेगी, जब सरकार के हां में हां मीडिया लगाती थी, तो उस वक्त हमलोग बीबीसी लंडन सुन लिया करते थे, और आज सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक बात पहुंच रही हैं, लोग जागरुक हो रहे हैं, और सरकार से सवाल जवाब कर रहे हैं।

पीएम मोदी 2014 का धनबाद में अपना दिया भाषण फिर से सुन लें तो उन्हें खुद शर्मिंदगी महसूस होगी

सरयू राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2014 में धनबाद में दिया गया अपना भाषण फिर से सुन लेना चाहिए, जैसे ही वे वह भाषण सुन लेंगे, उन्हें खुद पर शर्मिंदगी महसूस होगी। अरे सरकार किसके लिए, जब आप सहिया, आंगनवाड़ी सेविकाओं, पारा शिक्षकों को उचित पारिश्रमिक नहीं दे पायें तो आपको सरकार में रहने का क्या औचित्य है?

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास, हर मंगलवार को जनसंवाद चलाते हैं, जो सबसे बड़ा घोटाला है, उसका कोई लेखा-जोखा नहीं हैं, झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां कैबिनेट से बिना एप्रुव्ड हुए सीएनटी पर अध्यादेश ला दिया जाता है। राज्य में 30 विभाग हैं, जिसमें 16 मलाईदार विभाग मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने पास रखा है, 12 कैबिनट मंत्री होने चाहिए पर एक मंत्री की शपथ आज तक नहीं दिलाई गई, और सरकार का कार्यकाल भी खत्म हो गया।

कही ऐसा नहीं कि लोगों का आनेवाले समय में पूर्ण बहुमत की सरकार से भरोसा ही उठ जाये

सरयू राय ने कहा कि वे कहते है कि पूर्ण बहुमत की सरकार हैं, डबल इंजन की सरकार हैं, आज सच्चाई यह है कि पूर्ण बहुमत की सरकार से भी जनता का विश्वास उठ गया है। पीएम मोदी खुब संथाल की यात्रा कर रहे हैं, पर राज्य में कुशासन पर कुछ नहीं बोलते, जनता को धारा 370, 35 ए की बात बताते हैं, जब महाराष्ट्र और हरियाणा में ये सब नहीं चला तो चली हुई कारतूस का फिर झारखण्ड में प्रयोग करने का उनका तरीका समझ नहीं आ रहा।

उन्होंने कहा कि दरअसल पीएम मोदी और अमित शाह हताशा में हैं, डरे हुए हैं, कि सीएम का कैंडिडेट हेमन्त आखिर दो- दो जगहों से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं, इतने डरे हुए हैं कि दुमका और बरहेट में भी चुनावी सभा कर रहे हैं, यानी एक पीएम मोदी का इस तरह चुनावी सभा बता देता है कि ये डर किस तरह व्याप्त है।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सीएनटी एक्ट के उल्लंघन के मामले में हेमन्त सोरेन को घेरने का प्रयास करते हैं, पर उनको मालूम होना चाहिए कि उनके ही मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसके लिए एसआइटी बनाई, और उसकी जांच रिपोर्ट कहां गई, सीएम रघुवर दास से पीएम मोदी को पूछना चाहिए, जबकि बिजली विभाग में चोरी के मामले, जो जमशेदपुर से संबंधित हैं, उस वक्त अनिल पालटा के नेतृत्व में एसआइटी ने जांच रिपोर्ट सौंप दी, लोगों के नाम तक उसमें उल्लिखित हैं, पर रघुवर दास ने उस पर चुप्पी साध ली। खनन कंपनियों को भी इस सरकार ने फायदा पहुंचाया, जबकि उनके लोगों को कहां होना चाहिए, सबको पता है।

भाजपा को नहीं मिलेगी 15 से ज्यादा सीटें, महिला आयोग की अध्यक्ष के खिलाफ वे हाई कोर्ट जायेंगे

उन्होंने कहा कि भाजपा कुछ भी कर लें, वो पन्द्रह सीट से अधिक नहीं ले पायेगी, राज्य में हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही हैं, दुमका के लोग इस बार विधायक नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के दावेदार को चुनने जा रहे हैं। वे जगह-जगह गये हैं, करीब 50 से ज्यादा अपने परिचितों से मिले, सभी ने कहा कि वे उनके साथ है।

महिला आयोग द्वारा उनके खिलाफ जारी नोटिस पर उन्होंने कहा कि जमीन मामले पर महिला आयोग कैसे संज्ञान ले सकती है, एक संवैधानिक पद पर बैठी महिला किसी राजनीतिक दल का प्रचार कैसे कर सकती है? ये जो महिला आयोग की अध्यक्ष ने जो रौब दिखाने का प्रयास किया हैं, उन्हें नहीं पता कि वे इस मामले को हाई कोर्ट ले जा रहे हैं, क्योंकि कोई हम पर रौब दिखाये, ये उन्हें बर्दाश्त नहीं।

बिना हैंडओवर हुए विधानसभा का उद्घाटन पीएम मोदी का करना दुर्भाग्यपूर्ण

दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा विधानसभा बिना हैंडओवर हुए, पीएम मोदी का उसका उद्घाटन कर देना सबसे बड़ा आश्चर्य है। बिना पर्यावरण क्लियरेंस के विधानसभा भवन का निर्माण कर देना, गुनाह हैं, चिन्ता मत करिये, सब को किये की सजा मिलेगी, बदलाव तय हैं, परिवर्तन हो रहा हैं, अब तक संपन्न सभी चरणों के चुनाव बता रहे है कि भाजपा सभी जगहों से पिछड़ गई। जब चौथे चरण के मतदान में जहां पन्द्रह सीटों में 12 सीटें भाजपा के पास थी और आज स्थिति यह है कि वहां से वह चार-पांच सीट से अधिक जीत पाने की स्थिति में नहीं हैं तो समझ लीजिये, पांचवे चरण में क्या होगा?