अपनी बात

लाखों-करोड़ों सोशल मीडिया पर फूंकनेवाले बीजेपी को अब लाइक, कमेन्ट्स और शेयर करनेवाले भी नहीं मिल रहे, अगर कुछ मिल भी गये तो वे खुद ही बीजेपी पर सवाल उठा रहे हैं

फेसबुक पर भाजपा झारखण्ड के 328 हजार फॉलवर्स है। लेकिन इनके फेसबुक वॉल पर जो इनके द्वारा पोस्ट डाले जाते हैं। उनके पोस्टों पर लाइक, कमेन्टस और शेयर्स करनेवालों की संख्या अब पचास भी क्रास नहीं करती, ज्यादातर ये दो अंकों में ही सिमट जाते हैं। अब तो जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव आ रहे हैं। इनके पोस्टों पर अब जनता ही सवाल दाग रही हैं।

होना तो यह चाहिए था कि राज्य की जनता हेमन्त सोरेन या उनकी सरकार से सवाल पूछती, लेकिन सवाल के रुप में गोले इन्हीं पर दागे जा रहे हैं, जिसका जवाब भाजपाइयों को सूझ ही नहीं रहा। जरा देखिये न। इस पोस्ट को, इसे पोस्ट किये हुए 44 मिनट से ज्यादा हो गये। जिसे मात्र 14 लोगों ने लाइक किया, दो ने कमेन्टस किये और दो ही शेयर हैं। ये दो कमेन्ट्स भी भाजपा के खिलाफ है। बिपुल मंडल ने लिखा है कि मैं खुद भाजपा से हूं, बीजेपी का जितना कार्यकर्ता है, सब बेवकूफ है। बीजेपी भी कोई दूध का धुला नहीं हैं।

अब इस दूसरे पोस्ट को देखिये, इस पोस्ट को दो घंटे से भी अधिक हो गये हैं। लेकिन इसे मात्र 22 लाइक, एक कमेन्ट और पांच शेयर मिले हैं।

अब इस पोस्ट को देखिये, इसे तीन घंटे हो चुके हैं, पोस्ट किये। नौकरी के नाम पर युवाओं पर अत्याचार कर रही हेमन्त सरकार से संबंधित है। लेकिन इसे मात्र 60 लाइक, छः कमेन्ट्स और 15 शेयर मिले हैं।

यही नहीं इस छः कमेन्ट्स में आधे कमेन्ट्स भाजपा के ही खिलाफ है। महेश रविदास लिखते हैं – बर्बाद कर रहा है भाजपा, नाम बदनाम कर रहा है जेएमएम का। रोहित कुमार लिखते हैं कि बीजेपी के सरकार में कौन सा जॉब मिल गया था। रोहित कुमार कहते है कि सब सरकार का यही रवैया है।

और अंत में ये चौथा पोस्ट देखिये। पोस्ट है – धिक्कार है ऐसी सरकार पर। इसे मात्र 28 लाइक, दो कमेन्टस् और 5 शेयर मिले हैं। जबकि भाजपा द्वारा किये गये इस पोस्ट को चार घंटे से ज्यादा समय बीत चुके हैं।

मतलब साफ है कि झारखण्ड का युवा और अन्य मतदाता को भाजपा में अब रुचि नहीं रही। लाखों-करोड़ों सोशल मीडिया पर फूंकनेवाले बीजेपी को अब लाइक, कमेन्ट्स और शेयर करनेवाले भी नहीं मिल रहे। अगर कुछ मिल भी गये तो वे खुद बीजेपी पर ही सवाल उठा रहे हैं। आश्चर्य यह है कि जब ये मुद्दा भाजपावालों के समक्ष उठाइये तो ये सवाल उठानेवालों को ही झामुमो का समर्थक बताकर अपना पिंड छुड़ाने का प्रयास करते हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें कि इस बार भी भाजपा की भैसियां पानी में गई हुई दिखाई पड़ रही हैं। लेकिन वो कहा जाता है न सावन के अंधे को हर समय हरा-हरा ही दिखाई पड़ता हैं। वहीं भाजपा के लोगों को भी झारखण्ड में सब कुछ उनके फेवर में दिखाई पड़ रहा हैं। लेकिन स्थिति बिल्कुल भाजपा के उलट है। कहीं नहीं दिख रही जमीन पर भाजपा।