अपर्णा को टिकट दिये जाने से नाराज भाजपाइयों ने धनबाद में काटा बवाल, सीएम रघुवर का पुतला फूंका, पीएन की भी नहीं सुनी
इधर जमशेदपुर में बवाल और उधर धनबाद में भी बवाल। भाजपा के प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्र को निरसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर, भाजपाइयों में भारी नाराजगी है, हालांकि इस नाराजगी को पाटने का काम युद्धस्तर पर चल रहा हैं, पर भाजपा के बड़े नेताओं को कामयाबी नहीं मिलती दिख रही। कल सायं यानी शनिवार को भाजपाइयों ने सीएम रघुवर का पुतला फूंका तथा रघुवर के विरोध में जमकर नारे लगाये।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रघुवर दास मुर्दाबाद, रघुवर दास होश में आओ के नारे खुब लगाये, इधर जैसे ही धनबाद के सांसद पीएन सिंह को इस बात की जानकारी मिली, वे मामले को सलटाने के लिए निरसा पहुंचे, पर भाजपाइयों ने उनकी एक न सुनी, हालांकि भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर गणेश मिश्र मायूस दिखे, क्योंकि उन्हें पूरा विश्वास था कि 2014 में मामूली अंतर से मिली हार के बावजूद उन्हें टिकट मिलेगा, पर अचानक अपर्णासेन गुप्ता को टिकट दे दिये जाने से उन्हें भारी झटका लगा है।
इधर धनबाद के राजनीतिक पंडितों का कहना हैं कि निरसा से फारवर्ड ब्लॉक से आई अपर्णा सेन गुप्ता को भाजपा का टिकट मिलना इस बात का सबूत है कि भाजपा निरसा से साफ हो गई और मार्क्सवादी समन्वय समिति के अरुप चटर्जी को सफलता मिलना सुनिश्चित हो गया, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी नाराजगी भाजपा को ले डूबने के लिए काफी है। कुछ लोगों का कहना है कि रघुवर दास शुरु से ही ब्राह्मण विरोधी रहे हैं, इसलिए गणेश मिश्र का टिकट कटना तय ही था, तथा पांकी से सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड के आरोपी शशिभूषण को इसका विशेष उपहार भाजपा के टिकट के रुप में मिलना तय था, जो अब सामने दिखाई पड़ रहा है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर इसी प्रकार की राजनीति झारखण्ड में चलती रही, और चून-चून कर भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को ठिकाने लगाने का काम जारी रहा, तो राज्य में रघुवर दास तो दिखाई पड़ेंगे पर भाजपा कही नहीं दिखाई देगी, इधर धनबाद में कई भाजपा नेता तो खुलकर नहीं बोल रहे, पर दबी जबान से स्वीकार कर रहे है कि निरसा से भाजपा को अब कोई जीता नहीं सकता, वहां मासस अधिक मजबूत हो गई।
सूत्र बताते है कि सांसद पीएन सिंह की क्या औकात , कि वे भाजपा को निरसा में वोट दिलवा दें, सच्चाई यह है कि खुद धनबाद लोकसभा से पीएन सिंह चुनाव नहीं जीत सकते, नहीं तो निर्दलीय चुनाव लड़कर वे दिखा दें, धनबाद की लोकसभा की स्थिति है कि वहां कोई भी भाजपा का टिकट लेकर लड़ेगा, चुनाव जीत जायेगा, नहीं तो धनबाद के लिए पिछले कई वर्षों से विधायक और सांसद बनने का मजे ले रहे पीएन सिंह ने धनबाद की जनता के लिए किया क्या है?
लोग तो लोकसभा चुनाव में पीएन सिंह को देखकर बोट थोड़े ही दे रहे थे, वो तो जान रहे थे कि पीएन सिंह को वोट देंगे तो पीएम मोदी बनेंगे, इससे ज्यादा वे सोच भी नहीं रहे थे। विधानसभा में तो लोग देखेंगे कि अगर भाजपा जीती तो रघुवर सीएम बनेंगे, ऐसे में नाराज भाजपाई और संघ के आनुषांगिक संगठन भला कैसे रघुवर को सीएम बनते हुए देखेंगे।