धनबाद में बाबूलाल मरांडी की सभा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही काटा बवाल, एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए, बूथ कार्यकर्ताओं के अभिनन्दन के लिए आयोजित सभा का हुआ बंटाधार
आज धनबाद के न्यू टाउन हॉल में भाजपा धनबाद महानगर की ओर से धनबाद विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन सह विजय संकल्प सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें शामिल होने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विशेष रुप से उपस्थित हुए थे। सभा में भीड़ तो ऐसी उमड़ी कि पूछिये मत, बात ही सम्मान लेने को हो, नेताओं से गर्दन में गमछा लपटवाने की हो, तो भीड़ ऐसे भी उमड़ती ही हैं।
पूरा न्यू टाउन हॉल खचाखच भरा था। धनबाद विधानसभा के धनबाद महानगर के सात मंडलों के बूथ कार्यकर्ताओं को विश्वास था कि उनको सम्मान जरुर मिलेगा। इसलिए वे सभी लाव-लश्कर के साथ पहुंचे थे। लेकिन ये क्या अभी तो सात मंडलों में से एक ही मंडल का नाम पुकारा जा रहा था और बवाल हो गया। ये मंडल था – सदर मंडल। इस मंडल में से जैसे ही पांच लोगों का नाम पुकारा गया और अन्य मंडलों में से बूथ कार्यकर्ताओं को नाम पुकार कर मंच के समीप आने को कहा गया। जिनके नाम नहीं पुकारे गये वे बूथ कार्यकर्ता भड़क गये।
भड़क गये, उनके साथ आये लाव-लश्कर भी। जमकर बाबूलाल मरांडी के सामने ही बवाल काटा। पूछने लगे कि सम्मानित होनेवाले में उनके नाम क्यों नहीं? बवाल होता देख, मंच पर आसीन नेताओं के हाथ-पांव फूलने लगे। जो सभा खचाखच भरी थी। बवाल होता देख, खिसकने गली। टाउन हॉल धीरे-धीरे खाली होने लगा। महिलाएं जो बड़ी संख्या में आई थी। वो भी जाने लगी।
इस दृश्य को देख राजनीतिक पंडित कहते हैं कि भाजपा भी कांग्रेस व राजद जैसी पार्टी हो गई हैं और उसका मूल कारण कार्यकर्ता नहीं, बल्कि मंचासीन नेता हैं। जो फूट डालो-शासन करो का सिद्धांत अपना रहे हैं। जिन कार्यकर्ताओं ने जमकर पार्टी के लिए काम किया, झंडा ढोए, सम्मान की बात आई तो ये मंचासीन नेता उनके सम्मान के साथ खेल गये, तो ये बवाल तो होना ही था।
राजनीतिक पंडित कहते है कि बवाल काटने में सांसद ढुलू महतो के समर्थकों की संख्या अधिक थी। जो राज सिन्हा के समर्थकों को किसी भी हाल में पसन्द नहीं कर रहे थे। जैसे ही ढुलू महतो के समर्थकों ने बवाल काटना शुरु किया। राज सिन्हा समर्थक कार्यकर्ता भी धीरे-धीरे बाहर चले गये। कुल मिलाकर बूथ कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन समारोह धरा का धरा रह गया। जैसे-तैसे बाबूलाल मरांडी ने अपना भाषण पूरा किया और अभिनन्दन सह विजय संकल्प सभा की बैंड बज गई।
बताया जाता है कि धनबाद विधानसभा के सात मंडलों के बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मान दिया जाना था। लेकिन पहले ही मंडल में ऐसा बवाल हुआ कि बाकी छह मंडलों के बूथ कार्यकर्ता कहां गये, किसी को याद तक नहीं रहा। बवाल काटने के बाद सभी की प्राथमिकता सभा शांति से समाप्त हो, इस ओर लग गई। राजनीतिक पंडित कहते है कि अगर यही हाल रहा तो घर फूटे गवांर लूटे वाली लोकोक्ति भाजपा पर हावी होगी और झामुमो गठबंधन इन सबसे आगे निकल जायेगा।