भाजपा कार्यकर्ताओं को संदेह कही सर्वजन हिन्दू समिति के कार्यक्रम को हल्का करने की रणनीति के तहत तो रघुवर दास घाघीडीह जेल नहीं पहुंच गये
लगातार जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर प्रकरण में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास द्वारा आश्चर्यजनक ढंग से चुप्पी साधे रहने एवं भाजपा महानगर अध्यक्ष द्वारा उनकी राह पकड़ के चलने और बिना झंडा बैनर के आंदोलन खड़ा करने के बाद भी जब सर्वजन हिंदू सभा के द्वारा एक मोर्चा खोला गया और उस मोर्चा के द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिस टीम में गुंजन यादव भाजपा महानगर अध्यक्ष व महामंत्री अनिल मोदी जैसे लोग भी शामिल थे।
सूत्र बताते हैं कि उसके बावजूद आश्चर्यजनक रूप से हस्ताक्षर अभियान के लिए किसी भी मंडल अध्यक्ष को हस्ताक्षर अभियान के दिन पूर्वाह्न 11 बजे तक खबर नहीं किया गया। बाद में जब अचानक से ऊपर के लोगों द्वारा दबाब बना तब खबर दिए जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष गुंजन यादव द्वारा मंडल अध्यक्षों को खबर करवाया गया। परंतु अपनी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर वह अपने घर में पड़े रहे और कमोबेश जो लोग भी रघुवर दास के सपोर्टर थे, वह भी इस आंदोलन को फेल बनाने में लगे रहे।
पुनः जब सर्वजन हिंदू समिति की समीक्षा बैठक हुई और उस बैठक में जब यह जोर-शोर से मुद्दा उठा, तब पूर्वी विधानसभा के लोगों ने एक स्वर से कहा कि एक नेता के इशारे पर भाजपा के कार्यक्रमों में भाजपा के पदाधिकारी नहीं रहते हैं, परंतु अब वे संघ के द्वारा निर्देशित कार्यक्रमों की भी अवहेलना करने में लगे हैं। लोगों ने जमकर उक्त समीक्षा बैठक में ऐसे लोगों की जमकर शिकायत की और कुछ लोगों ने ऊपर भी इनकी शिकायत कर दी। बताया जाता है कि कल संघ के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा जमशेदपुर आए थे और तय कार्यक्रम के मुताबिक सभी से बैठक कर सभी बातों की जानकारी ली।
इधर बताया जा रहा है कि सर्वजन हिंदू समिति द्वारा दिनांक 25 अप्रैल को महा बैठक का आयोजन तुलसी भवन में किया गया है। जिसके दूसरे दिन मशाल जुलूस एवं तीसरे दिन कोल्हान बंद की बात कहीं गई है। जब इस पूरे आंदोलन की भनक रघुवर दास और उनके लोगों को लगी तो इन सारे लोगों को अपना जनाधार खिसकता हुआ नजर आया। कालांतराल में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा फिर से कोपभाजन न बन जाये। रघुवर दास और उनके पदचिह्नों पर चलनेवाले लोगों को भय सताने लगी।
लोग बता रहे हैं कि इसी बात को लेकर आज भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास जेल गेट में मिलने अभय सिंह से पहुंचे और वहां पर सभी लोगों से मिलकर फेसबुक पर डाला कि उन्होंने डीजीपी से बात की है और डीआईजी पूरे मामले की जांच करेंगे। परंतु दूसरी ओर नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर सीबीआई जांच और न्यायिक जांच की मांग कर रहा है, ऐसे में पुलिस प्रशासन से जांच की मांग करना कहीं कार्यक्रम को रोकने के लिए किया गया प्रयास तो नहीं है।
लोगों को लगता है कि कल डीआईजी जमशेदपुर आएंगे और उचित जांच का भरोसा देकर कार्यक्रम को रोका जाएगा। भाजपा कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कल से ट्विटर पर और फेसबुक पर भाजपा की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता व झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता के अश्लील वीडियो वायरल होने पर भी भाजपा महानगर जमशेदपुर और रघुवर दास एकदम चुप्पी साधे हुए हैं।
ऐसा लगता है कि उनकी मित्रता अब जगजाहिर हो चुकी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वही कांग्रेस में जाने की सोच रहे हो। भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर बहुत ही चिंता प्रकट की जा रही है। कार्यकर्ता सोच में हैं कि जब किसी बड़े नेता के जाने पर भाजपा आंदोलन नहीं करती हैं और झंडा बैनर नहीं लेकर चलती हैं जबकि छात्र संगठन में कुछ छात्र होने के बावजूद रांची में हुई विरोध की घटना के बाद कोल्हान समेत झारखंड में पूरी तरह से असरदार बंदी कराई गई थी, परंतु राष्ट्र के सबसे बड़े संगठन होने के बाद भी भाजपा का जमशेदपुर कदमा कांड पर कोई आंदोलन ना करना लोगों को संदेह में डाल रहा है।
दूसरी ओर जमशेदपुर भाजपा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने राज्य के पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह से टेलीफोन पर बातचीत की तथा उनसे कहा कि शास्त्रीनगर उपद्रव के मामले में कई निर्दोष व्यक्तियों को नामजद आरोपी बनाया गया है। अत: वरीय पुलिस पदाधिकारी से इस मामले की जांच कराकर निर्दोष लोगों का नाम हटाया जाये। श्री दास के आग्रह को मानते हुए डीजीपी ने कोल्हान के डीआईजी से मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया।
इससे पूर्व श्री दास ने शास्त्रीनगर उपद्रव के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में भेजे गये भाजपा नेताओं से केंद्रीय कारा, घाघीडीह में मुलाकात की। उन्होंने जानना चाहा कि किस परिस्थिति उन्हें यहां लाया गया है? कुछ ने जहां यह बताया कि उन्हें ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर पकड़ा गया तो विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि उपद्रव के खिलाफ अधिकारी को ज्ञापन देने गये थे, तो उन्हें पकड़ कर बंद कर दिया गया। सर्वाधिक लोगों ने कहा कि उन्हें किस जुर्म में पकड़ा गया है, उन्हें पता नहीं है।
श्री दास ने शास्त्रीनगर उपद्रव को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अगर जिला प्रशासन चाहता तो यह घटना चिंगारी से आग नहीं बनती। दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साम्प्रदायिकता के जिस रथ पर सवार होकर तुष्टिकरण की मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं, उसमें ऐसी घटनाएं होगी हीं। सत्ता के नशे में इन्हें पता ही नहीं कि ये क्या कर रहे हैं?
दूसरी ओर रघुवर दास से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सच्चाई यह है कि सबसे पहले अगर किसी ने जेल में बंद इन भाजपाइयों के लिए अपना मुंह खोला, वो तो भाजमो के सरयू राय थे। उसके बाद बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश, अर्जुन मुंडा आदि नेताओं ने घाघीडीह जेल जाकर बंद भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और अपना नैतिक समर्थन दिया, जबकि रघुवर दास जो जमशेदपुर के ही भाजपा कार्यकर्ताओं के कंधे पर सवार होकर विधायक बने, मंत्री बने बाद में मुख्यमंत्री तक बन गये पर जब उन्हीं भाजपा कार्यकर्ताओं पर गाज गिरी तो उन तक पहुंचने में उन्हें आधे महीने लग गये।
वह भी तब जब उन्होंने देखा कि अब भाजपा कार्यकर्ताओं का समूह सदा के लिए उनसे दूरी बनाने में अपना दिमाग लगाने लगा। अब चूंकि रघुवर दास को आधे महीने बीतने के बाद ज्ञान प्राप्त हुआ है, तो क्या इस ज्ञान का प्रसाद आनेवाले विधानसभा चुनाव में मिलेगा या भाजपा कार्यकर्ता फिर से उन्हें सबक सिखाने के लिए हार की माला पहनाने पर ज्यादा ध्यान देंगे, क्योंकि फिलहाल भाजपा कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग इनके खिलाफ हैं। देखना तक पसन्द नहीं कर रहा। ऐसे में क्या होगा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास का?